एक सवाल
एक सवाल
"रात के आठ बजे बहु और बेटे दोनों ऑफ़िस से आये। बेटा आकर धम्म से सोफे पर बैठ गया। माँ पानी का एक गिलास लेकर हाज़िर हो गयी। बहु सीधी रसोई घर में गयी और पानी लेकर पीने लगी। छोटी बेटी अनन्या आकर माँ से लिपट गयी और दूध बनाने की फरमाइश कर दी।
बहु ने जल्दी से दूध बनाकर दिया।
"अरे रचना बहु ...राकेश को चाय बना दो ...थक जाता है सारे दिन काम करके।"माँ ने बेटे के पास सोफे पर बैठते हुए कहा।
रचना ट्रे में तीन चाय ले आई। तीनों बैठकर चाय पीने लगे।
"अरे बहु वाशिंग मशीन में कपड़े पड़े हैं जरा सुखा देना।"
"तुम खाना बनाओगी। मैं सुखा देता हूँ।"राकेश ने पत्नी रचना से कहा तो सास का मुँह फूल गया।
"अरे तू आराम कर ले ...रचना सुखा देगी ...थक गया होगा।
राकेश माँ का फूला मुँह देख चुप बैठ गया। रचना जल्दी जल्दी घर के काम निपटाने लगी।
राकेश को लगा कि वह ऑफ़िस से आकर कितनी थकान महसूस करता है और रचना तो घर के काम और दोनों बेटियों को भी सँभालती है।
"क्या बना रही हो रचना ?"राकेश ने रसोई में आकर पत्नी से पूछा।
"भिन्डी।"रचना ने थकी हुई आवाज़ में धीरे से कहा।
"लाओ आज मैं बनाता हूँ। तुम आटा मलो।"
"ठीक है।"रचना ने खुश होते हुए कहा।
"अरे बेटा तू आराम कर रचना बना लेगी ...!"
"माँ रचना मशीन है क्या ?"राकेश ने माँ से मुस्कुराते हुए पूछा ।