अतीत की बीमारी
अतीत की बीमारी
"डॉक्टर साहब, हमें बीमारी है एक, अतीत की।"
"अरे मियां ये कैसी बीमारी हुई भला ?"
"इस बीमारी में हम डॉक्टर साहब पीछे चले जाते हैं, अतीत में और फिर वापस आने में हमे घंटे, दिन तो कभी कभी हफ्ते लग जाते हैं। तो बीमारी ही हुई ना ये ? और इसका तो नाम भी दिया आपकी ही बिरादरी ने "सचिओआफ्फेक्टिवे डिसऑर्डर"।
"हा हा हा। कमाल करते हो मियां। अपनी लत को भी नाम दे दिया आपने। "
"डॉक्टर साहब आपको हँसी सूझ रही है इतने गंभीर विषय पे। हम आपको अपना हितैषी समझते हैं, कोई इलाज सुझाना चहिये आपको, और आप हैं कि.."
"वही तो हम कह रहे हैं। हम डॉक्टर ज़रूर हैं पर आपके दुश्मन नहीं मियां जो आपको गुमराह करें। आप हैं कि अपने नशे को या बेहतर लफ्ज़ में कहें तो लत और खराब आदत के लिए बहाना ढूंढ लिये हैं।"
"कुछ समझे नहीं हम डॉक्टर साहब"
"अरे मियां ये जो दिल को सिगरेट समझ लिए हो ना तुम, जिसे जब मर्ज़ी सुलगा लेते हो और फिर धुआं भर लेते हो अपनी दुनिया में, ये सिगरेट तुम्हारे फेफड़े नहीं बल्कि तुम्हारी रूह बर्बाद कर देगी।"
"सिगरेट ? अरे, आपको तो मालूम है डॉक्टर साहब हम हाथ भी नहीं लगाते।""अरे ज़नाब ये वो सिगरेट नहीं, ये हिज़्र-नुमा सिगरेट है, जिसकी लत असली सिगरेट से ज्यादा खतरनाक है। तुम्हें दर्द की लत लग गयी है। तुम्हें नशा होता है उससे, अपने उस कामिल ना हुए इश्क़ से।"
"अरे डॉक्टर साहब आप उस पर ना जाइए.."
"क्यों ? फिर से सिगरेट सुलग गयी क्या ?ज़िन्दगी कोई एग्जाम नहीं मियां कि गर दसवीं में पास नहीं हुए तो दसवीं फेल कहलाओगे। तुम बार-बार अपने अतीत में जाके ये जो अपने इश्क़नुमा फ़साने में फेल होने का दुःख मनाते हो, कभी ज़िंदा होने का जश्न मनाया है तुमने ? अरे, डॉक्टरेट कर चुके हो और फिर भी दसवीं पे अटके हो ?""डॉक्टर साहब आप तो कह रहे थे कि गुमराह नहीं करेंगे ? आप इलाज़ बताने की बजाए पहेलियाँ उलझा रहे हो।"
"अच्छा ठीक मियां। हम पर्चा बना देते हैं आपकी खातिर। ये दो मोहल्ले छोड़कर जो पार्क है उसमें सुना है हसीनाओं का आना जाना बढ़ गया है....तो सुबह शाम वहाँ तुम्हें एक एक घंटा.."
"अरे डॉक्टर साहब अपनी नहीं तो हमारी उम्र का ख्याल तो कीजिये""हमारी तो छोड़िए मियां, हम तो शायर हैं अमर हो चुके। रही बात आपकी तो खयाल आपको नहीं है अपनी उम्र का। बार बार पाँच साल पीछे जो चले जातें है।"
"बस-बस डाक्टर साहब। आपकी फिलोसोफी से फिलहाल हमारा नशा उतर चुका। आज आप जीते बाकी फिर कभी।"
"...चलो बधाई हो, तुम ये तो समझे कि तुम्हें बीमारी नहीं लत है.."