कल्पना की शादी पार्ट टू
कल्पना की शादी पार्ट टू
कल्पना मिल तो गयी I कल्पना के मिलने के बाद उसके माँ बाप ने उसको हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया I कल्पना की ऐसी हालत देखकर उसके पापा ने उसके पति को फोन करके उल्टा सीधा बोला I उधर उसकी सुसराल में सब लोग कल्पना के बारे मे बात बना रहे थे कि वो तो हमारे घर मे आने के लिए पागल हो रही हैं I एक बात समझ नहीं आ रही थी कि वो लोग उसे शादी करके भी उसे सुसराल में क्यू नहीं रखना चाहते थे I उधर कल्पना ने एक सुसाइड नोट भी लिखा हुआ था जो उसके पापा को मिल गया था I सुसराल वालों ने यह भी नहीं पूछा कि कल्पना की हालत कैसी हैं I अब शायद उन लोगो को लगा कि कल्पना को कुछ हो गया तो वो लोग फंस जाएगे I कुछ दिन में फ़ोन आता है हम कल्पना को लेने आ रहे है I लेकिन कल्पना वहां जाना नहीं चाहती थी अब I कल्पना ने बोला जब उसे उसके मरने से भी फर्क नहीं पड़ता तो वो वहां कैसे रह सकती हैं I लेकिन सब लोगो ने कल्पना को समझाया उसके पति ने उससे माफी मांगी कल्पना का दिल पिघल गया I वो उन लोगो के साथ चली गयी I लेकिन उसने जाकर गलती कर दी थी I कल्पना के सामने वो लोग कभी भी बुरा तो नहीं करते लेकिन उन लोगों की पॉलिटिक्स में वो अब फँस चुकी थी I उसे लगता सब लोग अच्छे हैं I पर सच्चाई से अनजान थी वो I...कल्पना अपनी सुसराल चली गयी थी I वहां उसे रोज़ लड़ाई झगड़े देखने को मिलते कल्पना को उसकी देवरानी उसके काम को लेकर बहुत सुनाती I उसे बिना ग़लती के बहुत कुछ सुनना पड़ता I कोई बोलता हमे तुम पसंद नहीं थी I कोई बोलता तुम्हारी पढ़ाई के कारण शादी हुई हैं I कोई बोलता तुम्हारे पापा ने इतना पैसा नहीं लगया I यहा तक बोला गया तुम्हें घर से निकाल दिया तो दो रोटी नहीं मिलेगी I हम ने तुम्हें खरीदा हैं I लेकिन कल्पना ने सोचा सुसराल में शुरू शुरू में यह सब होता ही है I कल्पना सुन लेती और रात को रो लेती I कभी सोचती गलती कर दी शादी करके I कल्पना को कुछ दिन बाद दुबारा से अपने मायके आना पड़ गया I कल्पना की हालत गंभीर हो गयी थी I बेहोश रहती थी पूरे दिन अब तो बस मायके आने से ठीक होती ऐसा उसे लगा I उसने खुद बोला उसे जाना है I अब कल्पना से बोला गया माँ के घर जाकर पढ़ाई करो और सरकारी नौकरी करो I वो अपने माँ बाप के पास आकर कुछ महीनों में ठीक हो गयी I कल्पना ने ठीक होकर पढ़ाई शुरू कर दी I उधर वो जब भी सुसराल जाती तो वो अपनी सास के साथ सोती I अब उसका मन सुसराल में नहीं लगता I उधर उसे अब सच्चाई पता चलने लगी थी I उसे पता चला कि उसके पति कोई काम नहीं कर रहा I तो कल्पना ने अपने पति की नौकरी की बात करने लगी I अब उसे समझ आया कि वो लोग कल्पना को वहां नहीं रखना चाहते I पति बोलता ठीक है मैं करूँगा l कल्पना जगह जगह बात करती पति की नौकरी की I पति वहां जाता ही नहीं I सास बोलती हमारी तबीयत ठीक नहीं हैं I जेठ ने तो साफ मना कर दिया वो नहीं करेगा I कल्पना को पता चल चुका था उसके पति को लिखना पढ़ना नहीं आता I कल्पना उसे थोड़ा बहुत लिखना पढ़ना सिखाने लगी फोन पर ही I उधर घर वालों को पता चला तो उन्होंने उसे बोलना शुरू कर दिया कि कल्पना तुझे तेज कर रही है I अब कल्पना की बात उसके पति ने सुननी बंद कर दी थी धीरे धीरे कल्पना को गुस्सा बढ़ने लगा तो कल्पना अपने पति पर गुस्सा करने लगी कि कमाओ I बस अब तो पति उसके खिलाफ हो गया I कल्पना के घर वालों ने बोला उसके पति के घर वालों को बुलाया लेकिन उन लोगो ने आने को मना कर दिया I एक बात बताना भूल गयी कल्पना का पति को ड्राइविंग आती है कल्पना उससे कोई अधिकारी बनने के लिए नहीं बोल रही थी. वो तो पति की कमाई के थोड़े से पैसे से खुश हो जाती I......
कल्पना की स्टोरी के सारे पार्ट पढ़ कर जरूर बताए कल्पना को क्या करना चाहिए I कहानी और बताऊँगी तो आप पढ़ते पढ़ते बोर हो जाओगे I कल्पना एक बार अपने पति से मिलना चाहती है I लेकिन वो लोग ना तो वहां रहते हुए उसके पति से बात करने देते थे I और ना ही अब मिलने दे रहे है I कल्पना का पति घर से बाहर होता था तब बात करता था I अखिर क्यू कल्पना का पति इतना डरता हैं I कल्पना अपने पति का साथ देना चाहती है I वो उसके साथ हैं लेकिन क्या कल्पना का पति यह बात समझेगा? कल्पना ने कुछ दिन बात नहीं की क्यूंकि कल्पना चाहती थी वो उससे सामने आकर बात करें I इतने दिनों में ऐसा क्या हुआ कि वो कल्पना से नफरत करने लगा I आप लोग बताए कल्पना को क्या करना चाहिए I