गरीब परिवार
गरीब परिवार
ये कहानी उस गरीब परिवार की है
जिनमें दो ही सदस्य थे पति और पतनी,बाकी
स्वर्ग सिधार गये थे ।जिसे गांव
वालो से दगा मिलती रहती थी । गांव के धनी
लोग उन्हें बहुत साताया करते थे
।पहले तो इस परिवार के सदस्य भी अच्छे लोगों
की तरह जीते थे , पर जब वक़्त
अपना रुख बदलता है तो सब कुछ बदल जाता हैI
ऐसा ही इनके साथ हुआ । लोगों
की गालियां सुनने की आदत हो गई थी ।
धीरे धीरे बक्त गुजरता गया और बक्त के साथ
साथ उनके घर एक बच्चे ने जन्म
लिया ।वो बडा होकर बडा विद्वान बना ।धीरे
धीरे उसने अपनी पढाई के लिये
स्कूल में जाना शुरू किया । बच्चे के माता पिता
बडे खुश थे ।वो बच्चे को
पढाकर विद्वान बनाना चाहते थेI चाहे दुख दर्द
क्यों ना मिल जाये ।लोगों से
पैसे इकट्ठा कर कर के बच्चे को पढाया
लिखाया ।वो,इतने कर्जे में डूब चुके
थे जैसे बीते हुये दिन दोबारा से आ खडे हुये ।वो
अपने बच्चे को ऐसे माहौल
से दूर रखना चाहते थेI मगर लोग भी कम नहीं थे
।बस मौका देखते थे ताना
मारने को ।एक दिन अचानक बच्चे को सब
मालूम पड गया,कि उसके घर वालो ने
कैसे उसकी परवरिश की ।थोड़े दिन वो
सोचने समझने में वयस्त रहा ।उससे
ये हाल ना देखा गया और कुछ करने की ठान ली
।इसमें भगवान ने भी साथ
दिया।इसको अच्छी कंपनी में जाव लगी ।अब
इनको दर्द भरे दिनों से छुटकारा मिलने
वाला था ।धीरे धीरे ये क़र्ज़ मुक्त हो गये ।
पहले ये लोगों के पीछे घूमते
थे अब लोग इनके पीछे घूमने लगे हैं।