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छूटा हुआ सिरा

छूटा हुआ सिरा

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करीब बीस साल पहले इस महानगर में आया था वो सॉफ्टवेयर इंजीनियर। बड़े बड़े सपने और ख़्वाहिशों के उमंग भरे दिल के साथ। अपनी प्रतिभा और हुनर के बल पे कामयाबी के आकाश को छूने। कठोर परिश्रम और पूरी लगन के साथ बहुत जल्दी ही वो सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गया। ऐश्वर्य के तमाम साधन और दौलत के शिखर को पाने की लालसा में वो गहरे डूब गया। 

आरामदायक जीवन, संसाधन, महंगी गाड़ियां एवम भौतिक साधनों को ही सफलता का परिचायक मान कर वो दिन रात धन कमाने में जुटा रहा। देश विदेश की यात्राएं एवं शौहरत का मधु पीते पीते उसे पता ही नहीं चला वो कब इस अंतहीन दौड़ का हिस्सा बन गया।

अपनी महत्वकांक्षा को पूरा करने की खातिर और दिए गए लक्ष्य को पूरा करते करते वो मानसिक तनाव की गिरफ्त में आ गया। उसे पता भी नहीं चल जाने कब उसकी देह का आकार भी बढ़ाता गया। दिन रात काम और असंयमित दिनचर्या, समय असमय खाना, पीना। अब वो पूरी तरह महानगर के रंग में रंग चुका था। 

शारीरिक एवं मानसिक बोझ को वहन करते करते डायबिटीज, उच्च रक्तचाप तथा अनिद्रा के चंगुल में फंस चुका था। सफलता के स्थापित प्रतिमानों को पूरा करने की बाध्यता के चलते वो एक मानवीय मशीन बन कर रह गया था।

और एक दिन .....हार्ट अटैक का पहला झटका। मात्र पेंतालिस वर्ष की आयु में हार्ट अटैक का आना बेहद चिंता का विषय था। अस्पताल के बिस्तर पे पड़े पड़े वो सोचने लगा ... इस भाग दौड़ भरे जीवन से क्या पाया उसने .... सफलता के नशे में ग़ाफ़िल उसने अपने आपको क्या बना डाला। 

अपने साधारण से घर और मोहल्ले में रहते हुए गली के दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलना कैसे भूल गया वो। स्कूल की टीम में चुने जाने पर कितना खुश था वो। फिर क्या हुआ ? वो सब कहाँ छूट गया। वो बचपन, वो साथी वो खेल कूद सब एक सपना बन कर रह गया। दौलत की अंधी दौड़ ने और सफलता के अंतहीन कुचक्र ने इस छोटी सी उम्र में ही अनगिनत रोग और अस्पताल के बिस्तर तक पहुंचा दिया। 

'पहला सुख निरोगी काया' कैसे भूल गया वो। 

जीवन के इस छोर पर खड़ा, आज पलट कर सोच रहा है वो ... बहुत हुआ ये झूठा खेल। अब से अपने प्रिय खेल को पुनः शुरू करेगा और अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहेगा क्योंकि 'जान है तो जहान है' अन्यथा सब व्यर्थ है।

हां सच ही तो है हमारी महत्वकांक्षाओं ने हमें बीमारियों का दास बना दिया। 

क्या यही हमारा जीवन है, दवाइयां निगलते रहना ?

अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वो आज वापस अपने घर आया है लेकिन अब धन कमाने की मशीन नहीं बल्कि फुटबॉल का वही खिलाड़ी बन कर जिस पर पूरे दोस्तों को नाज़ था .....!


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