बकरा
बकरा
शहर में नया फ्लाईओवर बनकर तैयार हो गया लेकिन उद्घाटन नहीं होने के कारण प्रशासन ने आम जनता के ऊपर से जाने पर रोक लगा रखी है। मुख्य मंत्री जी उद्घाटन के लिए दो महीने से समय नहीं दे पा रहे है । आम जनता को बहुत असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
अंततः मुख्य मंत्री द्वारा पांच दिन उपरांत का समय मिलते ही जोर शोर से उद्घाटन की तैयारियां प्रारम्भ हो गयी। ग्रेनाइट के पत्थरपर सुनहरे अक्षरों में नेताओं के नाम लिखे जाने लगे । फ्लाईओवर पर रंग रोगन का काम शुरू हो गया ।
उदघाटन की निश्चित दिनांक से दो दिन पूर्व रात्रि को अचानक फ्लाईओवर की एक दिवार गिर गयी । सुबह अखबारों के मुखपृष्ठ पर मोटे मोटे अक्षरों में खबर छपी "नए फ्लाईओवर की उदघाटन से पूर्व दिवार ढही "।
मंत्री जी का तिलमिलाए हुए शासन सचिव के पास फ़ोन आया “विभाग ने मुख्यमंत्री की नज़रों में मेरी नाक कटवा दी । जनता बहुत नाराज़ है। आज की आज दोषी अधिकारी पर कार्यवाही होनी चाहिए।“
आनन फानन में फ्लाईओवर निर्माण के दौरान कार्यरत अधिकारियों की सूची ले कर वरिष्ठ अधिकारीयों को सचिव ने बुला लिया और कार्यवाही करने पर बैठक शुरू हो गयी ।
उपसचिव –“पहला नाम, रमेश श्रृंगी कार्यपालक अभियंता, अधिकांश कार्य इनके समय ही हुआ है” ।
चीफ इंजीनियर – “सर, ये तो मुख्यमंत्री जी के साले के मामा का दामाद है”।
सचिव – “इस नाम को छोडो, सी.एम. साहेब का बड़ा करीबी रिश्तेदार है” ।
दूसरा नाम –“श्रीमती रीना चौधरी, कार्यपालक अभियंता” ।
उपसचिव – “सर, ये एम .पी. साहब के भांजे की पत्नी है “।
"कोई और बताओ यार " सचिव बोले ।
तीसरा नाम –“श्रीमती सरिता सावर , सहायक अभियंता”।
नाम सुनते ही चीफ इंजीनियर चौंक कर बोले –“सर, ये बहुत मेहनती अधिकारी है , मैं इनको व्यक्तिगत रूप से जानता हूँ । मैं इनको कह दूंगा ये आपसेमिलकर अपनी पोजीशन क्लियर कर देंगी “।
सचिव – “नेक्स्ट “।
उपसचिव – “विजय सुराणा, सहायक अभियंता “।
अधीक्षण अभियंता – “सर इसके चाचाजी एंटी करप्शन ब्यूरो में आई.जी. हैं ,पीछे पड़ गए तो लेने के देने पड जाएंगे”।
सचिव – “अगला कौन है” ।
उपसचिव- “संदीप सोनकर, सहायक अभियंता” ।
मुख्य अभियंता – “सर, यह मंत्री जी का ख़ास विश्वासपात्र है , इसकी मंत्री जी के घर तक सीधी पहुँच है । इस पर तो हाथ डाल ही नहीं सकते” ।
सचिव – “अरे कोई और नहीं है क्या?... कोई सीधा सा” ।
उप सचिव – “एक है सर , रमेश खेरवाल “।
सचिव- “क्या रिकॉर्ड है उसका ?”
उप सचिव – “सर, इसने देश की प्रसिद्ध इंजीनियरिंग कॉलेज से अच्छे मार्क्स से डिग्री की है ।ईमानदार है , मेहनती है , पर यह कार्य पर दीवार निर्माण के बाद लगा है” ।
सचिव- “इसको भी देखना तो चाहिए था । इसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि बताओ”।
उपसचिव- “सर, गरीब परिवार से है । बड़ी मुश्किल से विधवा माँ ने पढ़ाया है”।
सचिव-“ मेरी तो आँखे भर आयी सुनकर। कोई पोलिटिकल एप्रोच ?”
उपसचिव-“ कोई ख़ास नहीं सर” ।
सचिव महोदय मुस्कुरा दिए । मोबाइल उठाया मंत्री जी को फ़ोन लगाया और बोले " बकरा मिल गया सर "।
अगले दिन दैनिक अखबार में खबर से असर कॉलम में खबर थी " फ्लाईओवर निर्माण में लापरवाही बरतने के लिए सहायक अभियंता 'रमेश खेरवाल' निलंबित "।