घास से यारी
घास से यारी
शर्मा जी के होटल की चाट बहुत प्रसिद्ध थी। उनके यहाँ की पानी पूरी का तो आस-पास के एरिया में कोई प्रतिद्वंदी नही था।
रंजना जी ने अपनी किटी पार्टी के लिये शर्मा होटल में बुकिंग कर ली। उनके ग्रुप में उनकी हम उम्र 10-12 सहेलिया होंगी। खूब गेम हुए, गाने हुए, ये कह लीजिये, चाट ने आयोजन मे चार चाँद लगा दिये।
पार्टी खत्म होने पर रंजना जी बिल पे करने काऊंटर पर गई।
"अरे आप डॉक्टर नरेश अग्रवाल की माताजी है।"
काऊंटर पर बैठे व्यक्ति ने कहा।
"हाँ,--क्यो,--क्या बात है।"
"मैंने अस्पताल में आपको देखा है। वहाँ नर्स बहिन जी ने बताया था की आप डॉक्टर साहेब की माँ है।"
"फिर?"
"मै आपसे पैसे नहीं लूँगा। डॉक्टर साहिब ने मेरे पिता को नया जीवन दिया। उनका अहसान मैं जीवन भर भूल नहीं सकता।"
"ये बताओ बच्चे क्या डॉक्टर ने इलाज की फीस नहीं ली तुमसे ?"
"जी फीस कैसे नहीं लेता, उनका अपना बिजनेस है।"
"ये भी तो तुम्हारा बिजनेस है।"
रंजना जी मुस्करा कर बोली- बच्चे तुमने ये कहावत तो सुनी होगी घोड़ा घास से यारी करेगा तो खायेगा क्या।" "चलो फटाफट बिल दो और पैसे लो।"