Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

क्षरित स्वपन

क्षरित स्वपन

2 mins
495


सुबह के तीन बजे के आसपास जम्मू से जवानों को लेकर अपने गन्तव्य की ओर बस चल पड़ी। अधिकतर जवान अपनी छुट्टियाँ बिता कर लौट रहे थे।

ठंडी लहर बोझिल आँखें, अधखुली, नींद के साथ ,यादों को आमंत्रित कर रही थी। रची मेंहदी, भरी चूड़ियाँ, किवाड़ो के झरोखे से झांकती दो कजरारी आँखें, अभी भी इन आँखों मे बसी है। सगाई की रस्म के बाद मैने कहा था --लौटकर आने के बाद शादी की तारीख निकालना पंडित जी।

सुनकर कैसी शर्मा गई थी। पापा अब की लौटो तो हमारे लिये सच्ची, मुच्ची की बन्दूक लाना। हम भी फ़ौजी बनेगें, दुश्मनों को मारेंगे---ठायँ ठाँय।

उसके गद बदे गाल कितने गर्म हो गये थे, ठाँय ठाँय बोलते हुए। मेरा शेर बच्चा--अब लौटूंगा तो खिलौने की बढ़िया बन्दूक,और फ़ौजी ड्रेस दिलाउंगा उसे----- माँ भी बहुत भोली है। बस मेरे निकलने पर रो पड़ी। हर बार ऐसे ही करती है। मुझे पेट पोछना बेटा कहती है। अबकी लौटूंगा तो उसके लिये सोने की चूड़ी बनवा दूँगा।

बाबू के न रहने के बाद से खाली कलाई है उसकी। बिटिया हो या बेटा, लौटूंगा तो देखूँगा, बेटा होगा तो मेरे जैसा, गर बिटिया हुई तो उसके जैसी, कहती है वो। खेत गिरवी है। 'घर की दीवारें झर रही है--- बहन की शादी--- सबके अपने अपने जागी आँखो के सपने पूरे होने है लौटने के बाद।' पहले देश, पहले फर्ज़। ज़ोर का धमाका, विस्फोट, दुश्मनों का पीठ पीछे वार, कायराना हमला। क्षरित होते स्वपन। शहीद होते जवान।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Tragedy