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Yash Yadav

Drama Romance

3.7  

Yash Yadav

Drama Romance

आकर्षण वाला प्यार

आकर्षण वाला प्यार

2 mins
8.1K


पता नहीं क्यूं जब तक वह नेहा को एक बार देख न लेता था,उस का दिल मानता ही न था। उस को एक नज़र देखे बगैर चैन न मिलता था। जिस दिन स्कूल बंद रहता था,वह हजार बार उसके घर के चक्कर लगाता था।

नेहा भी उसको चाहने लगी थी। आतीजाती राहों में अक्सर चोर नजर से उस को देख लिया करती थी। राहुल का इस तरह उसे देखना अच्छा लगता था।

दोनों के दिलों में प्रेम का अंकुर पनपने लगा। साथ जीनेमरने की कसमें खाने लगे। प्यार परवान चढ़ने लगा। दुनिया खूबसूरत लगने लगी।

फिर एक दिन राहुल को कॉलेज करने के लिए दिल्ली जाना पड़ा। दोनों का साथ छूट गया। जुदा होने से पहलो दोनों खूब रोए थे। जब तक राहुल नेहा की नजरों से ओझल नहीं हो गया था वह उसे देखती ही रही थी।

वक्त पंख लगा कर उड़ता रहा....।

एक छोटे से गाँव से दिल्ली आ कर राहुल को अहसास हुआ दुनियाँ बहुत बड़ी है। उसे अपना करियर बनाने के लिए खूब मेहनत करना चाहिए। उसे अपने कालिज के नये दोश्तो और टीचरों से लाइफ में आगे बढने के लिए प्रेरणा मिली। वह अपनी इंजीनियर बनने के ख्वाब को हकीकत में बदलने के लिए जीजान से पढ़ाई करने लगा।

एक दिन फुरसत में उसे नेहा की और उसके साथ गजरे हुए दिनों की याद आई,तो उसे अहसास हुआ कि जिसे वह प्यार समझता था। वह प्यार नही किशोरावस्था का महज एक आर्कषण था, और ऐसा अक्सर हर किसी की लाइफ में होता है कि हम उस आर्कषण को प्यार समझ लेते हैं। सो उस ने नेहा को एक पत्र लिखा। उसमें ये सब बातें भी लिखी और अंत में माफी के साथ लिखा भी कि देखो नेहा तुम पढ़लिख कर एक दिन डॉक्टर बनना चाहती थी ना। इसलिए अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर फोकस करो,बाकी सब भूल जाओ। हम सिर्फ एक अच्छे दोस्त हैं और कुछ नहीं.. क्यूंकि वह प्यार नहीं था।

पत्र पढ़ कर नेहा की आँखें भीग गईं। उसकी लिखी एकएक बातों से वह सहमत थी कि वास्तव में वह प्यार नहीं था। महज एक आर्कषण भर था। प्यार तो यह है जो वह उसे सच्ची राह दिखा रहा है।

वह भी जी - जान से डॉक्टर बनने की तैयारी करने लगी।


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