Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

शेख़ीबाज़ कल्पाकोव

शेख़ीबाज़ कल्पाकोव

2 mins
461


लेखक : डैनियल चार्म्स

अनुवाद : आ. चारुमति रामदास


कभी फ्योदोर फ्योदोरोविच कल्पाकोव नाम का एक आदमी रहता थाI

 “मैं,” फ्योदोर फ्योदोरोविच कल्पाकोव कहता, “किसी चीज़ से नहीं डरताI चाहे मुझ पर तोप से गोले दागो, या मुझे पानी में फेंक दो, चाहे मुझे आग में जला दो – किसी भी चीज़ से मैं नहीं डरताI मैं शेरों से नहीं डरता, मैं उकाबों से नहीं डरता, और व्हेलों से, मकड़ियों से नहीं डरताI मैं किसी से नहीं डरताI"

तो, एक बार फ्योदोर फ्योदोरोविच पुल पर खड़ा था और देख रहा था कि कैसे डाइवर्स पानी में छलाँग लगा कर अन्दर जाते हैंI देखता रहा, देखता रहा, और फिर, जब डाइवर्स पानी से बाहर आए और उन्होंने अपने डाइविंग सूट्स उतारे, तो फ्योदोर फ्योदोरोविच से रहा नहीं गया, और वह पुल से ही चिल्लाने लगा -

 “ऐ,” चिल्लाया, “ये क्या है! मैं अभी तक ये नहीं कर पाया हूँI मैं शेरों से नहीं डरता, मैं उकाबों से नहीं डरता, और व्हेलों से, मकड़ियों से नहीं डरताI मैं किसी से नहीं डरताI चाहे मुझे आग में जला दो, या मुझ पर तोप से गोले दागो, या मुझे पानी में फेंक दो, – किसी भी चीज़ से मैं नहीं डरताI”

 “ओह, ठीक है,” डाइवर्स उससे कहते हैं, “पानी में डाइव करने की कोशिश करोगे?”

 “किसलिए?” फ्योदोर फ्योदोरोविच ने कहा और दूर जाने लगाI

 “क्या, भाई, डर गए?” डाइवर्स ने उससे कहाI

 “कोई डरा-वरा नहीं हूँ मैं,” फ्योदोर फ्योदोरोविच ने कहा, “बात बस यही है कि मैं पानी के नीचे क्योंकर जाऊँ?”

 “डरते हो!” डाइवर्स ने कहाI

 “नहीं, नहीं डरता!” फ्योदोर फ्योदोरोविच कल्पाकोव कहता हैI

 “तो फिर पहनो ये डाइविंग सूट और घुस जाओ पानी मेंI”

फ्योदोर फ्योदोरोविच कल्पाकोव पानी के नीचे गया और डाइवर्स ऊपर से टेलिफोन पर उससे चिल्लाकर पूछते हैं, “कैसा है, फ्योदोर फ्योदोरोविच? डरावना है?”

और फ्योदोर फ्योदोरोविच नीचे से चिल्लाकर उन्हें जवाब देता है, “न्याव...न्याव...न्याव...”

 “छोड़ो,” डाइवर्स कहते हैं, “बहुत हो गया उसका डाइविंगI”

उन्होंने फ्योदोर फ्योदोरोविच को पानी से बाहर खींचा, उसका डाइविंग सूट उतारा, मगर फ्योदोर फ्योदोरोविच वहशी नज़रों से चारों ओर देखता है और बस "न्याव...न्याव...न्याव...” किए जाता हैI

 “तो, भाई, बेकार में शेख़ी मत मारो,” डाइवर्स ने उससे कहा और उसे किनारे पर बिठायाI

फ्योदोर फ्योदोरोविच घर गया और तब से उसने कभी भी शेख़ी नहीं मारीI


Rate this content
Log in