Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

हिम स्पर्श 10

हिम स्पर्श 10

4 mins
1.3K


आठ मिनिट के पश्चात वफाई उस स्थान पर पहुँच गई। जीप को एक कोने में छोडकर वह पंखी की दिशा में चलने लगी। बारह से पन्द्रह पंखी थे वहाँ। वफ़ाई के पदध्वनि से वह सावधना हो गए। दूर उड़ गए। वफ़ाई उसके पीछे चलने लगी, चलते चलते एक स्थान पर रुक गई।

वहाँ रेत का बड़ा ढेर था, जो पंद्रह बीस फीट ऊँचा और तीस चालीस फीट चौड़ा था। पंखी उस ढेर के ऊपर से उड़ गए, ओझल हो गए। वफ़ाई ने उस ढेर के पार भी उनका पीछा करना चाहा किन्तु नहीं कर पाई। रेत को पार करने की उसे आदत नहीं थी।

“हिम से भरे पहाड़ तो चढ़ जाती किन्तु यह रेत का पहाड़ ?” उसने विचार छोड़ दिया। वह निराश हुई। जीप की तरफ लौटने लगी। तभी उसके कानों में कुछ ध्वनि पड़ा। वफ़ाई ने मुड़कर देखा। वह पंखियों की ध्वनि थी। जैसे वह कुछ कहना चाहते थे। वफ़ाई को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। वफ़ाई ने पुन: प्रयास किया किन्तु विफल रही।

उस ने नि:श्वास भरा, ”पंखी की भाषा मुझे सीख लेनी थी। यह कुछ कहना चाहते हैं किन्तु...”

पंखी अविरत रूप से संकेत दे रहे थे किन्तु व्यर्थ। वफ़ाई वहीं कुछ क्षण मूर्ति की भांति खड़ी रही।

एक बड़ा पंखी वफ़ाई की तरफ आया और उसे मार्गदर्शित करने लगा। वफ़ाई ने उसे समझने का प्रयास किया। अंतत: वह समझ गई की पंखी उसे कहीं ले जाना चाहता है। वह पंखी के पीछे रेत के ढेर पर चढ़ गई। प्रत्येक कदम पर वफ़ाई फिसल रही थी किन्तु साहस करके उस ढेर को पार कर दिया।

वफ़ाई ने देखा कि कुछ दूरी पर एक छोटा सा मकान था। वफ़ाई ने अनुमान लगाया- वह एक मंज़िले मकान में दो या तीन कक्ष होंगे। ऊपर छत थी। मकान के आसपास और कुछ नहीं था। मिलों तक कुछ भी नहीं था, सिवा एकांत के।

वफ़ाई मकान के समीप गई, उसने मकान और गगन की कुछ तस्वीरें ली। गगन रंगों से भरा था। सूरज बड़ा और लाल था। वह अस्त होने को चल पड़ा था। गगन में अनेक बादल थे जो चित्र विचित्र आकृतियों का सर्जन कर रहे थे। एक बादल बड़े से वृक्ष जैसा लग रहा था जिसकी अनेक बड़ी बड़ी शाखाएँ थी। दूसरा बादल बड़े पर्वत जैसा था। काला पहाड़ और उस पर श्वेत हिम। वफ़ाई को अपना नगर याद आ गया।

एक बादल जल प्रपात के आकार सा था जिसमें खूब ऊँचाई से पानी गिर रहा हो। एक और बादल भी था जिसका आकार साड़ी में लिपटी सुंदर स्त्री जैसा था। बादल का रंग आधा नारंगी और आधा फीका सा श्वेत था। नारंगी साड़ी में किसी नारी हो जैसे। स्त्री का शरीर तीव्र घुमावदार था।

मरुभूमि के गगन में बादलों के ऐसे आकार देखकर वफ़ाई को विस्मय हुआ, “कल रात तक गगन कितना शुष्क था और अब यह रंगीन है, सुंदर है। अनेक आकार धारण किए हैं। जैसे किसी खाली घर को मनुष्य ने ह्रदय की ऊष्मा से भर दिया हो।“

वफ़ाई ने सब कुछ कैमरे में कैद कर लिया। तस्वीर खींचते समय वफ़ाई को घर की छत पर कुछ गतिमान होता दिखाई दिया। कोई वहाँ था जो गति में था।

“कोई वहाँ है।“ खुशी से वफ़ाई ने कहा। वह नाचने लगी, स्मित करने लगी। वह मकान की तरफ बढ़ी। कोई छत पर अभी भी घूम रहा था।

“कौन हो तुम ? मैं तुम से मिलने को आतुर हूँ।“

वफ़ाई ने चलने की गति तेज कर दी। वह शीघ्रता से वहाँ पहुँचना चाहती थी।

वफ़ाई सीधी छत पर चढ़ गई। वह निराश हुई। छत खाली थी। कोई नहीं था वहाँ। वह गति हीन, जीवन हीन लग रही थी।

“अभी तो कोई था यहाँ, कुछ क्षण पहले। मैंने देखा था इन्हीं आँखों से। क्या वह सत्य नहीं था ? क्या वह भ्रम था ? क्या वह मेरी कल्पना थी ? मैं इस मरुभूमि में किसी को, कोई जीवन को, कोई घटना को, कोई गति को खोज रही हूँ मैं। क्या यही कारण है कि मुझे प्रत्येक वस्तु में वह दिखाई दे रहा है, जो वास्तव में नहीं है ?” वफ़ाई व्याकुल हो गई।

वफ़ाई को लगा कि उसका सब कुछ लूट गया हो। कुछ भी बचा नहीं। उसने नि:श्वास भरा, आँखें बंध की और छत की दीवार पर बैठ गई।

चलती हवा कुछ ध्वनि सुना रही थी। पवन के इस संगीत ने उसे आराम दिया। कई क्षण तक वह आँखें बंदकर वहीं बैठी रही। इस मुद्रा में वह किसी संत जैसी लग रही थी जो गहन समाधि में हो। पवन वफ़ाई की समाधि में बाधा डालने की चेष्टा करता हुआ बहता रहा।

अचानक हुए किसी ध्वनि ने वफ़ाई की समाधि तोड़ी। वह ध्वनि मकान के नीचे वाले दायें भाग से आई थी। ध्वनि बड़ी थी, जैसे कोई भारी वस्तु ऊँचाई से धरती पर गिरी हो। वह ध्वनि की दिशा में दौड़ी।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama