Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Mahesh Dube

Thriller

1.0  

Mahesh Dube

Thriller

गुमशुदा भाग 6

गुमशुदा भाग 6

3 mins
7.3K


भाग 6 


देशमुख द्वारा ट्रांसपोर्ट ऑफिस में जाकर अपना परिचय देते ही क्लर्क काफी सजग हो गया। उसने कई धूल खाती फाइलें उलटी पलटी फिर बोला, साब! ये टैक्सी सांताक्रूज, गोलीबार एरिया के रामनिरंजन सिंह के नाम पर रजिस्टर है। पता है रूम नम्बर 14, साईं बाबा चाल, मांटगुमरी रोड, गोलीबार सांताक्रूज वेस्ट। पार्टी का कोई मोबाइल नम्बर नहीं था। एक लैंड लाइन फोन मिला, जो फिलहाल बन्द था। देशमुख उसे थैंक्स करके गोलीबार के लिए रवाना हो गया। उस इलाके में जाकर थोड़ी कोशिश से उसे रूम नम्बर 14 मिल गया। एक संकरी गली के दोनों तरफ कमरे बने हुए थे जिनके बाहर से पानी की संकरी नालियां बह रही थी और गंदगी तथा बदबू का साम्राज्य था। देशमुख ने अधिकार पूर्वक कमरे का दरवाजा खटखटाया। भीतर से लगभग साठ वर्षीय एक व्यक्ति निकला जो बावर्दी पुलिस अधिकारी को देखकर सकपका गया। 
नमस्ते साहब! उसने कहा, क्या बात है? 
तुम्हारा नाम? 
नन्हे सिंह है साहब! 
राम निरंजन सिंह कौन है? 
साहब, मेरा ही नाम राम निरंजन है, लेकिन सब मुझे नन्हे- नन्हे कहते हैं। 
ओह! तुम्हारे पास कोई टैक्सी है? वो कहाँ है? 
साहब, मैं तीस साल से टैक्सी ही चलाता था लेकिन अब मेरी आँखों मे तकलीफ हो गई है इसलिये मैंने छह महीने पहले ही अपनी टैक्सी बेच दी है। अब मेरे पास कोई टैक्सी नहीं है साहब। रामनिरंजन उर्फ नन्हे ने दीन मुद्रा बनाकर कहा। 
तुम्हारी टैक्सी का नंबर क्या था? 
5255 नम्बर था साहब
देशमुख ने कागज निकाल कर जांचा तो नम्बर सही था। 
तुमने टैक्सी किसको बेची? तुमको पता है अभी भी वो टैक्सी तुम्हारे ही नाम पर है? उसके जिम्मेदार तुम हो! 
मुझे माफ़ कर दो साहब! लेकिन मैं सच कहता हूं मैने तो वह टैक्सी बेच दी थी। 
किसको बेची उसका नाम पता बताओ साहब, वह आदमी मेरी टैक्सी में बैठा था और बातों बातों में मैंने बताया था कि मुझसे अब टैक्सी का काम नहीं हो रहा है और में इसे बेचना चाहता हूं तो उसने खुद खरीदने की पेशकश कर दी थी। मैंने बाजार भाव से दस हजार अधिक बताए थे और जब उसने बिना ना नुकुर के खरीदने की हामी भर दी तो मैंने तुरंत टैक्सी उसे सौंप कर पैसे खरे कर लिए थे। 
तुमको मालूम है कि वाहन की खरीद फरोख्त पर कुछ कागजी कार्यवाही करनी पड़ती है, जिसपर दोनों पार्टियों का नाम पता होता है जिसके दम पर आगे जाकर आर टी ओ से वाहन पर नए मालिक का नाम चढ़ता है? 
हां साहब! उसे टी टी ओ पेपर कहते हैं। मैंने उसे सभी पेपर्स साइन करके सौंप दिए थे और उससे डिलीवरी नोट लिखवाकर ले लिया था। रुकिये मैं अभी दिखाता हूँ। कहकर नन्हे भीतर से एक प्लास्टिक की थैली ले आया जिसमें कई पेपर्स के बीच बाकायदा एक डिलीवरी नोट बरामद हुआ, जिसमें छह महीने पहले की तारीख थी। अर्थात नन्हे सच कह रहा था इसने वाकई छह महीने पहले टैक्सी बेच दी थी। डिलीवरी नोट पर अस्पष्ट भाषा में नाम पता अंग्रेजी में घसीटा हुआ था। शायद नन्हे अनपढ़ था या उसने खरीदार की इस चालाकी पर गौर नहीं किया था। टैक्सी के मालिक तक पहुंचने का देशमुख का यह दांव खाली गया।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Thriller