Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Mahesh Dube

Thriller

3.3  

Mahesh Dube

Thriller

क़त्ल का राज़ भाग 12

क़त्ल का राज़ भाग 12

6 mins
22.9K


क़त्ल का राज़ 

भाग 12

अचानक कान्ता उठ कर तेजी से कोर्ट रूम के बाहर जाने लगी सब इंस्पेक्टर रामबचन फौरन माजरा समझ गया। वो चट्टान की तरह कान्ता के सामने आ खड़ा हुआ और दांत पीसता हुआ बोला, अब भागने की कोशिश बेकार है मैडम। आपका खेल ख़त्म हो चुका है और उसने झपट कर कान्ता की कलाई पकड़ ली। 

जज गायतोंडे ने रामबचन को डांटते हुए कहा, किसने आपसे कहा कि कान्ता मुजरिम है? आप जानते हैं कि फीमेल अपराधी को मेल अफसर फिजिकली टच नहीं कर सकता? ये कानून के खिलाफ है। अगर ये शिकायत करें तो आप पर कार्यवाही हो सकती है?

आई एम् सॉरी सर! लेकिन ये फरार हो रही थी तो मैंने सोचा पकड़ लूँ, लज्जित सा होकर रामबचन बोला। 

ये अपराधी नहीं है रामबचन जी! ज्योति बोली। 

मुझे माफ़ कीजिए कान्ता जी पर आप भाग क्यों रही थी? रामबचन ने पूछा। 

सर! मेरा मोबाइल नया है। मुझे इसके कुछ फंक्शन समझ में नहीं आए हैं। अभी जज साहब ने मेरे मोबाइल की घण्टी बजने पर डांटा था तो मैंने इसे साइलेंट मोड़ पर कर दिया लेकिन अभी ये फिर झन झनाया तो मैं डर गई कि कहीं फिर बज उठा तो जज साहब बहुत बिगड़ेंगे इसी लिए बाहर जा रही थी कि अच्छे से बंद कर दूँ। कान्ता मायूस होकर बोली और आकर अपनी सीट पर बैठ गई। 

इस प्रकरण में एक शख़्स गायब हो चुका था। सबका ध्यान इस बात पर गया तो ज्योति चिल्लाई, मीलार्ड! असली कातिल आशा भाग गई है जल्दी उसे पकड़ने को कहिए 

जज साहब ने फ़ौरन रामबचन को आदेश दिया जो महिला कॉन्स्टेबल की सहायता से पांच मिनट में आशा और उसकी बेटी ईशा को ले आया जो कोर्ट परिसर के बाहर टैक्सी में बैठ कर फरार होने की जुगत में थी।

            आशा को कटघरे में लाया गया। जहाँ फूट-फूट कर रोते हुए उसने अपना अपराध कबूल कर लिया। सम्यक उसे राजी ख़ुशी तलाक नहीं दे रहा था तो वो रात को सम्यक का पीछा कर रही थी ताक़ि उसके खिलाफ कुछ सबूत इकट्ठा कर सके इसी प्रक्रिया में वो सम्यक का पीछा करती मंगतानी के ऑफिस तक पहुँच गई और दरवाजे के पीछे दुबकी उन दोनों के बीच चल रही रस्साकसी देखती रही फिर जब सम्यक मंगतानी पर वार करके भाग खड़ा हुआ तब उसके दिमाग में शैतानी कीड़ा कुलबुलाने लगा। अगर अभी मंगतानी मर जाए तो इल्जाम सम्यक पर आ जाएगा जिससे बिना मुसीबत उससे पीछा छूट जाएगा और उसके मकान की मैं अकेली मालकिन हो जाउंगी यह सोचकर उसने अपने मजबूत हाथों के एक ही प्रहार से मंगतानी को परलोक रवाना कर दिया और बोनस में एक लाख के नए करारे नोट लेकर वहां से चली गई। जज साहब ने पुलिस को आदेश दिया कि नए तरह से इस केस को पुनः प्रस्तुत करे जिसमें आशा पर फोकस हो। सम्यक बाबलानी पर केवल फौजदारी का केस लगाने का आदेश हुआ। और साथ ही उसकी जमानत भी मंजूर कर दी। आशा को पुलिस हिरासत में ले लिया गया। स्वाभाविक रूप से ईशा सम्यक के साथ चली गई। 

             अगले दिन सम्यक ईशा के साथ पुलिस स्टेशन में अमर सिंह के सामने जमानत की कागजी कार्यवाही पूरी करने उपस्थित था। ज्योति भी वहां मौजूद थी। कई पेपर्स पर हस्ताक्षर करने के बाद जब औपचारिकता ख़त्म हुई तो अमर सिंह ने ज्योति को इतने पेचीदा केस को हल करने की बधाई दी और पूछा, आपको आशा पर शक कैसे हुआ वकील साहिबा?

इन्स्पेक्टर साहब! मेरी अंतरात्मा चीख-चीख कर कह रही थी कि सम्यक खूनी नहीं हो सकता। फिर जब मैंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छोटे गूमड़ का जिक्र देखा जिसे आप लोगों ने नजरअंदाज किया था तो मुझे पूरी कहानी समझ में आ गई कि हत्या में किसी और व्यक्ति का हाथ है। मैं बारी-बारी केस से सम्बंधित लोगों से मिली तो आशा के घर तमाम दरिद्रता के बीच मुझे एल.जी कंपनी के फुल्ली ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन का कार्डबोर्ड का एकदम नया बॉक्स नजर आया जिसमें तमाम मैले कपड़े ठूंस कर रखे  हुए थे। फिर मैंने थोड़ी ताकझांक की तो मुझे किचेन में रखी नई नकोर वाशिंग मशीन नजर आ गई जिसमें आशा कपड़े धो रही थी और बगल में ही गोदरेज का एक दम नया फ्रिज भी दिख गया। दोनों चीजें शायद उसी दिन डिलीवर्ड की गई थी तो मेरा माथा ठनका। सम्यक द्वारा हर महीने दिए गए पंद्रह हजार रुपयों के अलावा जिसकी और कोई कमाई नहीं थी वो महिला अचानक ये चीजें कैसे अफोर्ड कर सकती थी? जबकि आगे का भविष्य अंधकारमय दिख रहा था। मैंने चुपचाप आशा का  पीछा करना शुरू कर दिया।  इसने जिस दूकान से कैश पेमेंट देकर फ्रिज और वाशिंग मशीन ख़रीदे थे वहां से बाईचांस मुझे नोटों के सीरियल नंबर मिल गए जिन्हें मैंने मंगतानी के बैंक से जाकर टैली किया तो सारी बात साफ़ हो गई। पहले मुझे कान्ता पर भी शक हुआ लेकिन वो ऐसी छुइ-मुई टाइप की औरत है कि ऐसा साहसिक काम नहीं कर सकती थी। ऊपर से वो इतनी मजबूत भी नहीं कि ऐश ट्रे के एक वार से मंगतानी जैसे हट्टे कट्टे आदमी को मौत की नींद सुला सके। 

अमर सिंह ने खड़े होकर ज्योति को सैल्यूट किया तो वो लजा गई और नमस्ते करके बाहर निकल आई।

बाहर वो अपनी कार का दरवाजा खोलने ही जा रही थी कि पीछे से किसी ने उसका नाम पुकारा। उसने पलट कर देखा तो सम्यक ईशा का हाथ थामे जल्दी-जल्दी आ रहा था। नजदीक आकर सम्यक बोला, ज्योति! मैं किस मुंह से तुम्हारा शुक्रिया अदा करूँ 

ज्योति बोली, दोस्ती में शुक्रिया और सॉरी अच्छा नहीं लगता सम्यक। लेकिन एक ही बात कहूँगी कि बुरी आदतें छोड़ दो। 

इतना सुनते ही सम्यक फूट-फूट कर रोता हुआ बोला, आशा मुझे ईशा से मिलने नहीं देती थी इसी गम में मैं शराब पीने लगा था लेकिन तुम्हारी मेहरबानी से ईशा मेरी जिंदगी में वापस आ गई है तो मैं इसकी कसम खाता हूँ कि अब कभी शराब को हाथ भी नहीं लगाउँगा। इतना कहकर सम्यक ने ईशा के सर पर हाथ रखा और उसे भींचकर कलेजे से लगा लिया। ईशा भी रोने लगी। 

ज्योति ने सम्यक का कंधा थाम कर कहा, बहुत अच्छे सम्यक! मुझे तुमसे यही उम्मीद है।

सम्यक ने ज्योति को हाथ जोड़े और ईशा को लेकर चल दिया। ज्योति इस बाप बेटी की जोड़ी को जाता देखती रही अचानक उसकी आँख में कोई तिनका सा पड़ गया ज्योति ने उंगली आँख की कोर पर लगाईं तो मोती जैसी आंसू  की एक बूँद उसकी उंगली की नोंक पर आ गई। ज्योति ने मुस्कुराते हुए अपनी दोनों आँखें पोंछी और बुदबुदाई, गॉड ब्लेस यू माय फ्रेंड! और कार में बैठ कर रवाना हो गई। 

             

समाप्त। 

 

      यह कथा आपको कैसी लगी। कृपया अपने विचार जरूर रखें। लेखक को आगामी लेखन हेतु दिशा मिलेगी     -  महेश दुबे 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Thriller