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कश्मकश [ भाग 13 ]

कश्मकश [ भाग 13 ]

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मैडम रूपा के जन्मदिन की पार्टी का आयोजन एक आलीशान क्रूज़ पर किया गया था। क्रूज़ का पार्टी हाॅल मेहमानों से खचाखच भरा हुआ था। रिया लाल रंग का गाऊन पहने, बालों का जूडा बनाए, मेहमानों के लाए हुए तोहफ़ों को समेट कर रख रही थी। लाल रंग उस पर खूब जंच रहा था और वह उस रेशमी गाऊन में आसमान से उतरी अप्सरा जैसी लग रही थी। वेटरों की एक बड़ी फौज मेहमानो की खातिरदारी मे लगी हुई थी। मैडम रूपा ने एक वेटर से साॅफ्ट ड्रिंक का एक गिलास लिया और उसमे कुछ गोलियाँ मिला दी। फ़िर वो उस गिलास को लेकर रिया के पास पँहुची।

"रिया..."

- मैडम ने बड़े प्यार से पुकारा,

"तुमने तो कुछ लिया ही नही....लो ये साॅफ्ट ड्रिंक ले लो।"

माँ समान मैडम के आग्रह को रिया ठुकरा नही सकती थी और उसने गिलास उनके हाथ से मुस्कुराते हुए ले लिया। दोनो अपने अपने गिलास से चुस्कियाँ लेते हुए इधर उधर की बाते करने लगी। कुछ देर बाद रिया वाॅशरूम की ओर निकल पड़ी।

यह देख मैडम ने अपना फोन निकालकर नम्बर मिलाया और कहा,

"उसकी ड्रिंक में नशे की गोलियाँ मिला दी हैं। थोड़ी देर मे बेहोश हो जाएगी। आकर ले जाओ उसे। अब वो तुम्हारी है।"

रिया जहाज़ के एक सुनसान गलियारे से गुज़र रही थी कि किसी ने पीछे से उसका मुँह बंद कर दिया और उसे दूसरी तरफ खींचने लगा। रिया ने उसे झटक कर अलग कर दिया और अपनी गाऊन मे छिपाया चाकू निकाल लिया। मैडम रूपा के साथ रहकर उसने आत्मरक्षा के कई तरीके सीख रखे थे। पर तभी हमलावर ने अपने चेहरे से नकाब हटाया।

"रोहित ..!"

रिया रोहित को देखकर दंग रह गयी। अगले ही पल उसकी ड्रिंक मे मिलायी गई गोलियो ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया और वह लड़खड़ाने लगी। रोहित ने उसकी कमर मे हाथ डालकर अपनी बाँहो में उसे थाम लिया। रिया अपनी बोझिल पलको को खुला रखने का भरसक प्रयास कर रही थी। रोहित ने रिया के जूडे में लगा क्लिप निकाल लिया और बालों को खोल दिया। रिया के कुछ बाल बिखर कर उसकी गदरन पर आ गए। रिया के बालो की खुशबू ने रोहित को मदहोश कर दिया। रोहित ने रिया की गरदन पर बिखरे बालो को हटा दिया। उसकी गोरी, सुराहीदार गरदन का स्पर्श उसके सिल्क के गाऊन से भी नर्म था। रिया की तेज़ साँसो के साथ साथ उठता गिरता उसका वक्ष ऐसा लगता था मानो सागर की उठती गिरती लहरे हों। अधखुले गुलाब की पँखुड़ियो जैसे उसके अधखुले होठ उसकी गाऊन से मेल खाते लाल रंग की लिपस्टिक मे भीगे हुए थे। रोहित ने उन्हे अपने होठो के आगोश मे ले लिया और रिया को कस कर आलिगनबद्ध किया। रिया के बेहोश होते ही उसके हाथ की चाकू पर पकड़ ढीली हो गयी और वह फ़र्श पर गिर गया। रोहित ने रिया को गोद मे उठा लिया और क्रूज़ से सट कर खड़ी अपनी याॅट पर ले गया। उसे बिस्तर पर लिटा कर रोहित ने उसके दाये कान से बाली उतारी और वहाँ ज़ोर से अपने दाँत गड़ा दिए।

"पिछले दस साल अपने आप को मुझसे दूर रखने की सज़ा है ये, रिया बेबी।"

फ़िर उसने रिया का हाथ अपने हाथ में लिया और उसके हाथ को चूमते हुए कहा,

"आई लव यू।"


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