शोर करता सन्नाटा
शोर करता सन्नाटा
"लड़कियों को हमेशा समबाहु त्रिकोण की तरह होना चाहिए,जैसे भी रख दो,जहाँ भी रख लो स्थिर रहता है।"
"क्या मतलब?"
"वैरी सिंपल !"
अरे माँ, इतनी इंग्लिश तो मुझे भी आती है।क्या कहना चाह रही है?देखो मुझे कॉलेज के लिए देर हो रही है।"
"बेटा,मैं कह रही थी कि लड़कियों को शादी के बाद दूसरे घर जाना होता है तो जैसे समबाहु त्रिकोण को कैसे और कहाँ भी रखा जाए तो वह स्थिर रहता है ठीक वैसे ही लड़कियों को होना चाहिए।"
"क्या मतलब?What is this?"
"अरे हाँ, मैं तो भूल ही गयी थी।तुम्हे कैसे पता होगा ये समबाहु त्रिकोण वगैरा वगैरा?तुम्हारी अंग्रेजी में इसको Equilateral Triangle कहते है।"
"और माँ,लड़को को क्या होना चाहिए?उनको क्यो नही त्रिकोण बनने की सीख देते है माँ बाप? एक बात समझ नही आ रही है इतना गणित कहाँ से आ गया है आपको?"
आज की पढ़ी लिखी लडक़ी का चुभता सवाल माँ के सामने तीर की तरह खड़ा था।
"देखो,तुम्हें जितना कहा जाए न उतना ही करते रहना है।"उस तीर नुमा सवाल का जवाब वह चाह के भी बेटी को नहीं दे पायी।मन ही मन वह सोचने लगी,'इसको यह सब अब नहीं समझ आएगा।लड़कों को अगर त्रिकोण बनने को कहा जाये तो वे चतुर्भुज और आयत या फिर पंचकोण,षटकोण बनने में देर नही लगाते है।शायद बड़े होने पर बेटी को सब अपने आप अनुभव से ही समझ आयेगा।'
बेटी पैर पटकती कॉलेज चली गयी।अपने पीछे शोर करता हुआ सन्नाटा छोड़कर...