ख़ूनी गुड़िया भाग 9
ख़ूनी गुड़िया भाग 9
ख़ूनी गुड़िया
भाग 9
अगले दिन वह गुड़िया हाथों में लिए मंगेश पास के खिलौना बाज़ार में भटक रहा था। उसने वह चमकीला पेपर भी पास ले लिया था जिसमें लिपटी गुड़िया स्नेहा को मिली थी। अनेक दुकानों पर जाकर उसने अपना परिचय देकर वह गुड़िया दिखाई और उनके पास उपलब्ध पैकिंग पेपर देखने की मांग की। एक दुकान पर मंगेश को हूबहू वैसा ही पैकिंग पेपर मिल गया जिसमें लिपटी गुड़िया स्नेहा को मिली थी। मंगेश ने दुकान के मालिक से कहा, क्या आप बता सकते हैं कि यह गुड़िया आपके यहाँ की है या नहीं?
दुकानदार ने कुछ देर तक वह गुड़िया हाथ में लेकर निरीक्षण किया और बोला, यह मेरी दुकान की ही गुड़िया है। यह चाइना मेड गुड़िया चार दिन पहले ही आई है और यह पीस मैंने खुद बेचा था।
मंगेश ने चैन की सांस ली और बोला, क्या आप बता सकते हैं कि यह गुड़िया आपने किसे बेची थी?
सॉरी साहब! वह बोला, दिन में अनेक ग्राहक आते हैं। मैं इतना याद नहीं रख सकता। यह बेहद कॉमन आइटम है। दिन में कई सारी बिकती है। मंगेश ने उसे मोबाइल में खींची स्नेहा, राजू और दूसरे लोगों की तस्वीरें दिखाई पर वह नहीं पहचान सका।
तुम यह तो पक्का बोल सकते हो न कि यह चार दिनों के भीतर ही बिकी है?
हाँ साहब। चार दिन के पहले यह माल बाज़ार में था ही नहीं।
मंगेश ने सहमति में सिर हिलाया और कुछ सोचने लगा इतने में उसने देखा कि उस दुकान के सामने एक बैंक था जिसके सामने सी.सी.टी.वी कैमरा लगा हुआ था। मंगेश वहाँ जा पहुंचा और पिछले चार दिनों की फुटेज खंगालने लगा। दो घण्टे बाद जब वह वहाँ से निकला तो उसके माथे पर बल पड़े हुए थे और वह गहन सोच में डूबा हुआ था।
गुड़िया अभी मंगेश के हाथ में ही थी। मंगेश ने सोचपूर्ण मुद्रा में अपनी जीप की ओर कदम बढ़ाया और उसने ध्यान ही नहीं दिया कि एक ट्रक दनदनाता हुआ उसकी ओर बढ़ा चला आ रहा है। जब तक उसका ध्यान इस बात की ओर जाता तब तक काफी देर हो चुकी थी। ट्रक ड्राइवर बड़े जोर से चिल्लाया और स्टेयरिंग मोड़ने के साथ-साथ ब्रेक पर लगभग खड़ा हो गया। वजनी ट्रक इमरजेंसी ब्रेक लगने की वजह से दूर तक घिसटता हुआ मंगेश तक पहुंचा और उसे जोरदार धक्का दे बैठा। मंगेश त्योराकर गिरा और उसकी चेतना लुप्त हो गई। उसकी वर्दी खून से तरबतर होने लगी और उस खून में शैतान गुड़िया आधी डूब गई। बड़ा ही भयानक दृश्य था। लोगों की भारी भीड़ घटनास्थल पर लग गई। चीख-पुकार का बाज़ार गर्म था।