Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Mukta Sahay

Drama

5.0  

Mukta Sahay

Drama

हमारी जोड़ी की तारीफ़

हमारी जोड़ी की तारीफ़

4 mins
618


बात उन दिनों की है जब मैं लखनऊ से कानपुर के बीच सफ़र किया करती थी। उस दिन जैसे ही मैं बस अड्डे पहुँची देखा एक बस निकालने वाली है। दौड़ती हुई मैं बस में दाख़िल हुई। बस पूरी तरह भरी थी। मैं उतरने ही वाली थी कि कंडक्टर ने पहली सीट पर बैठे बुज़ुर्ग दम्पती से बोला “चच्चा कनस्तर नीचे रख लो तो ये भी बैठ जाए “। चच्चा कनस्तर नीचे रखने लगे तो चच्ची ने रोकते हुए कहा “हम तीन सीट के पैसे दे देंगे”।मौक़े को देखते हुए मैंने भी अपनी अर्ज़ी चच्ची जान के सामने रखते हुए कहा- “चच्ची जान आप कनस्तर बेशक सीट पर ही रखें बस थोड़ा सरका ले तो मैं इतने में ही बैठ जाऊँगी।

मुझे भी आपके साथ सफ़र करने का ख़ूबसूरत मौक़ा दीजिए”। इस पर चच्ची ने मुस्कुराते हुए कहा “बिटिया तुम्हारी इस बात पर मैं कनस्तर नीचे रख तुम्हें साथ में बिठाऊँगी “। मैं ख़ुशी ख़ुशी उनके पास बैठ गई।

सफ़र आगे बढ़ा तो पता चला चच्ची अपने ससुराल की एक शादी में शामिल हो कर लौट रही हैं। चच्चा जान जो अब तक सिर्फ़ “हाँ-हूँ “ तक सीमित थे ने पानी का बोतल माँगा। पानी देते हुए चच्ची ने कहा “ बिटिया की शादी अच्छी करी है अमीरन ने। कोई कमी नहीं छोड़ी। सब कुछ अकेले ही सम्भाला लेकिन किसी को भी नाराज़ नहीं होने दिया नहीं तो एक शादी में दस तो नाराज़ ही बैठे होते हैं।“ चच्चा ने कहा “हूँ “ चच्ची ने आगे कहा “पता है ! पूरी शादी में हमारी जोड़ी की बड़ी तारीफ़ों हो रहीं थी। सभी कह रहे थे की भाभी जैसे आपने घर को सम्भाला वैसा कुनबे में किसी ने नहीं सम्भाला है। आपके आने के साल भर बाद ही तो खाला तीन कुँवारी लड़कियों और दो छोटे लड़कों को छोड़ गुज़र गईं।

आपने और भाईजान ने कभी उन पाँचों को कोई भी कमी नहीं होने दी। तभी तो वे लोग आज भी आप दोनों की तारीफ़ों करते हैं। अजी तुम भी तो कुछ कहो मैं ही कहती जा रही हूँ।“ चच्ची ने ऊँघते हुए चच्चा को कोहनी से हिलाते हुए कहा। चच्चा ने कहा “हूँ “ चच्ची ने झुँझलाते हुए कहा मियाँ कुछ सुन भी रहे हो ?” चच्चा ने कहा “हूँ “ फिर चच्ची ख़ुद को सम्भालते हुए बात आगे बढ़ती है “ फूफ़ी कह रही थीं की सभी बीवी शौहर को तू-तू मैं-मैं करते देखा है पर तुम दोनों को कभी नहीं। मजाल है किसी ने भी तुम में से एक की भी ऊँची आवाज़ सुनी हो।”

सच ही तो है हमारी निकाह के ४७ साल हो गए हैं लेकिन हमारे बीच कभी कोई नोक-झोंक हुई ही नहीं। मुझे तो नहीं याद है, तुम्हें याद है ! चच्चा ने लगभग ऊँघते हुए कहा “हाँ “

कड़क आवाज में चच्ची ने कहा “कब हुई थी बताओ तो ज़रा ? “ चच्चा नींद से जागते हुए हड़बड़ाते से कहते हैं “नहीं -नहीं ”कभी नहीं बेगम बिल्कुल भी नहीं।“ अब चच्ची का मिज़ाज बदल गया था, बोली निकाह से आज तक मैंने इतना किया है तुम्हारे और तुम्हारे परिवार के लिए लेकिन आज तक तुमने कभी मेरा साथ नहीं दिया है। मेरी तुमने कोई क़दर ही नहीं करी। तुम्हारे भाई बहनों के ताने सुन सुन कर भी कभी किसी को कोई कमी नहीं खलने दी। तुम्हारे पूरे कुनबे की ख़ातिरदारी की और चुपचाप उनके नख़रे उठती रही। कभी फूफ़ी कभी खाला कभी चच्ची के हिसाब से चली पर मज़ाल ही की उफ़्फ़ भी किया। तुमने तो कभी भी मेरा साथ नहीं दिया ना तब और ना अब।जो फूफ़ी, खाला, आपा कहे वही सही और मैं ग़लत। वो तो मैं हूँ जिसने सब बर्दाश्त किया फिर भी जैसा जैसा तुमने कहा वैसा करती गई। ख़ुद को तो मैं भूल ही गई इन सालों में।

चच्ची के इस मिज़ाज ने चच्चा की नींद पूरी तरह उड़ा दी। अब तक तो वो पूरी तरह तरो ताज़ा हो गए थे। मंद मंद मुस्करते हुए उन्होंने चच्ची का हाथ हौले से पकड़ा और कहा “बेगम साहिबा इन ४८ सालों में हम तो आपके समझदारी के क़ायल हो गए हैं। आपने कभी मेरे मान को कम नहीं होने दिया है बस मैंने ही एक आधा बार आपा खोया है पर वो भी आपने संभाल लिया है। हमारी बातें हम दोनो तक ही रही , आपके मायके नहीं गई ये आपकी समझदारी है और ससुराल में नहीं निकली ये आपका संयम है।अब ऐसे में लोग हमारी जोड़ी की तारीफ़ तो करेंगे ही और इस बात पर देखो आप मुझ पर कितना प्यार बरसा रही हो पिछले आधे घंटे से- चच्चा ने चच्ची को चिढाते हुए कहा। चच्ची झेंप गईं और दाएँ बाएँ देखने लगी।

तभी बस कांडक्टर ने आवाज लगाई लाल बंगले वाले सवारी गेट पर आ जाएँ। मैं चच्चा चच्ची के माया जाल से निकलते हुए गेट पर पहुँची और सोंचती रही दो अनजान लोग साथ मे जीवन का एक अनोखा सफ़र शुरू करते है और धीरे धीरे समय के साथ अपनी संयम एवं समझदारी से एक दूसरे के पूरक बन जाते है। अब तो मैं भी यही कहूँगी की इनकी जोड़ी बहुत ही ख़ूबसूरत है और अनुकरणीय है। काश रिश्तों की इन बारीकियों को सभी समझते तो संयम की कमी और झूठे अहं के कारण टूटते रिश्तों की कहानी आम नहीं होती।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama