पसंद
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आज मैंने अपनी मां की थाली से एक बासी रोटी उठा ली। उन्होंने पूछा ,
" तुम्हें तो बासी रोटी पसंद नहीं है ,फिर क्यों ?"
"अभी तक नहीं थी पर अब पसंद है ! "
मैंने उनकी रोटी ली , जिससे वह गर्म रोटी खा सके । हमेशा जरूरी तो नहीं कि अपने प्रियतम की पसंद ही अपनाई जाए , कभी- कभी अपनी मां की पसंद अपनाना भी अच्छा लगता है ।
आखिर वो ही हमारा पहला प्यार है ।