गोलू की सफलता
गोलू की सफलता
एक समय की बात थी एक गोलू नाम का लड़का रहता था
उसका घर काफी छोटा- सा था और कमाने वाला उसके पापा थे लेकिन गोलू का भविष्य गोलू के हाथ से निकल गया क्योंकि उसने बहुत डिग्री ले ली थी लेकिन उसका भविष्य नहीं बन पाया गोलू काफी ख़ुश था पहले क्योंकि उसका पता नहीं था लूट के बाज़ार में वह लूटने वाला था। वह डिग्री लेकर सड़कों पर घूमता रहता लेकिन उसके हाथ में असफलता ही मिलती। गोलू के दोस्त भी उससे आगे बढ़ गए थे लेकिन गोलू वहीं का वहीं अटक गया। गोलू के पापा को गोलू की चिंता होने लगी की शादी कैसे होगी।
गोलू को ऐसे ही करते ही करते पांँच साल हो गए।
गोलू अब ३० साल का हो गया लेकिन ना नौकरी और न कोई सुविधा।
गोलू ने सोचा कोई छोटा - सा व्यवसाय खोल लेते है उसने चार लोगो से राय ली सब ने अलग - अलग राय थी किसी ने बोला पकोड़ा का ठैला लगा ले। किसी ने बोला साइबर कैफे खोल ले। गोलू ने सोच समझ कर साइबर कैफे खोल लिया। गोलू की दुकान पर चार पांँच दिन कोई नहीं आया।
उसने एक निर्णय लिया कि गरीब बच्चो को शिक्षा देगा उसने समाज सेवा के खातिर गरीब बच्चो को पढ़ाना शुरू किया और दिल से भी काफी खुश हुआ एक NGO वाले की नजर गोलू पर पड़ी और उसके साथ मिलकर काम किया और पैसों की चिंता भी खत्म.उसके अपने साइबर कैफे पर एक लड़का बिठा दिया और ज्यादा से ज्यादा समाज सेवा करने लगा। गोलू 35 का हो गया और सफलता की मंजिल तक पहुंँच गया। इस कहानी से पता चलता है ज़िन्दगी कहीं से भी पलट सकती है।