घंमडी औरत
घंमडी औरत
यह उन तथाकथित महिलाओं के लिये है जो हर समय दूसरो को नीचा दिखाने तथा अपमानित करने से बाज नहीं आती है।
इनका नाम रानी ही मान लिया जाये। उन दिनों यशी का जीवन बहुत बुरे दौर से गुजर रहा था। रोज वह मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत अधिक हारी हुई थी। उस का तलाक का मुकदमा चल रहा था। बहुत ही तकलीफ वाले दिन में थोड़ा सा भी कोई सहारा दे दे तो लगता है कितना सुकून मिल गया। अब आप सोच रहे है कि परिचय नहीं बता रहे है दुनिया की बाते बता दी।
यशी जो एक समाज सेविका और एक लेखिका है। आम तौर पर होता यह है कि जब आप अपनी लड़ाई लड़ते हो, वह बड़ा बुरा समय होता है। यही दौर था यशी के जीवन का। ऐसे समय आप को कोई अपमानित करे या नीचा दिखाये तो जान ही निकल जाती है। यशी के परिवार को लेकर तंज करना रानी के लिए आम सी आदत थी।
“तुम नीच खानदान की हो” या “देखो हमारा परिवार बहुत बढ़िया है” यह सब बाते यशी को तलवार की तरह लगती है। वह आंसुओं को छुपाती है, पर कभी कभी बिखर जाती है। बस आज की कहानी में यही कहना चाहते है कि कभी भी किसी को नीचा ना दिखाओ। अगर संवेदनाविहीन हो तो लोगो की मदद करने का नाटक ना करो।