भावशून्यता
भावशून्यता
एक पत्नी कार्य की व्यस्तता के कारण सड़क एक्सीडेंट को नज़रअंदाज़ कर काम पर चली जाती है।
शाम तक पति घर नहीं आता है बेटा आकर बताता है पापा का एक्सीडेंट हो गया माँ, सड़क पर पड़े हैं।
जिस हादसे की अनदेखी कर सुबह वह चली गई थी, वह उसके पति का था।
काश वह रुक जाती, पति का समय पर इलाज हो जाता और न जाने क्या-क्या।
संवेदना शून्य होते समाज का चेहरा देख चिंता हुई थी, कल क्या होगा ?
आज यह समाचार सुनकर विचलित कि १० वर्ष बाद एक बेटा विदेश से वापस आया, माँ की प्रॉपर्टी बेचकर, माँ को एयरपोर्ट पर छोड़कर वापस चला गया।
भावशून्यता का भविष्य, समाज का यह विकृत रूप, भयावह ?
अब क्या होगा ?