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सीख

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एक दिन में अपने बगीचे में एक पौधा लगा रही थी। पहले बीज बोया फिर खाद डाली फिर मिट्टी से उसे ढँका और फिर पानी डाला। मेरी आठ साल की बेटी बड़े चाव से ये सब करते देख रही थी। मुझसे कहने लगी, "मम्मी आप ये सब क्या कर रही हैं ?" मैने उसे समझाया, "पौधा को उगने के लिये खाद पानी की ज़रूरत होती है। समय समय पर उसे पानी और खाद डालना ज़रूरी होता है। और उसे भी इस पौधा का ध्यान रखना चाहिये जिससे वो बड़ा हो कर फल-फूल दे सके।"

तभी उसने बड़ी मासूमियत से पूछा, "हम छुट्टियों में जंगल घूमने गये थे तो वहां पेड़ पौधे कैसे जीवित रहते हैं कौन खाद डालता है कौन देखभाल करता है?" मैने उसे समझाया, "पृकृति खुद उनका ध्यान रखती है। बारिश से पानी मिलता है सूरज से रोशनी और जंगल की मिटटी मिलकर खाद बन जाती है। पेड आपस में एक दुसरे का ध्यान रखते हैं। बड़े पेड़ छोटे पौन्धों को आन्धी तूफान से बचाते हैं। एक दूसरे के सहारे से सब पनपते हैं और जंगल को हरा भरा रखते हैं।"

मेरी बात बड़े ध्यान से सुनने के बाद वो बोली, "पेड़ तो बड़े समझदार होते हैं काश इन्सान भी इतने समझदार होते तो आपस में लड़ने की बजाये एक साथ मिल कर रहते तो किसी को कोई कमी नही होती।"


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