Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

पारस पत्थर

पारस पत्थर

3 mins
7.6K


कुछ लोग ऐसे होते हैं जो दिखने में तो पत्थर की तरह सख्त होते हैं, लेकिन अंदर से बहुत नर्म होते हैं। वे उस पारस पत्थर की तरह होते हैं, जिसके स्पर्श मात्र से ही लोहा मूल्यवान सोने में बदल जाता है। पंकज के जीवन में कुछ ऐसे ही पारस पत्थर बनकर आए सेठ सोमनाथ। उनकी एक सीख ने पंकज की जिंदगी बदलकर रख दी। 
पंकज एक अमीर बाप की बिगड़ी औलाद था। उसके पिता संपत लाल का अच्छा-खासा कारोबार था। समाज में काफी रसूख भी था। सामाजिक व धार्मिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेते थे। हर धार्मिक पर्व व अवसर विशेष पर उनके यहां भव्य आयोजन होते थे। शहर के गण्यमान्य लोग हाजिर होते थे।
पंकज के भी अपने ठाठ थे। दोस्तों पर पानी की तरह पैसे बहाना उसका शौक था। बदल-बदल कर गाड़ी से जाना व नए-नए अंदाज के कपड़े पहनना उसे काफी पसंद था। कहते हैं कि समय एक सा नहीं रहता। किस्मत कब पलट जाए कोई कह नहीं सकता है। राजा कब रंक हो जाए और रंक कब राजा हो जाए, यह वक्त के गर्भ में ही छिपा रहता है। ऐसा ही हुआ पंकज के साथ।
सेठ संपत लाल का कारोबार डगमगाने लगा। उन पर लाखों का कर्ज हो गया। उन्होंने ने लाखों रुपये अपने परिचितों को उधार दे रखा था। वे भी पैसा देने से मुकर गए।
आर्थिक हालत खस्ता हुई तो रिश्तेदारों व परिचितों ने भी मुंह मोडऩा शुरू कर दिया। हमेशा दोस्तों से घिरा रहने वाला पंकज भी अकेले रहता था। पैसे नहीं थे तो उसके शाही ठाठ भी कम हो गए। वक्त धीरे-धीरे बीतने लगा। कौन अपना है और कौन पराया। मेहनत की कमाई का क्या महत्व है, यह पंकज को पता लगने लगा। समय बीता, घर की हालत थोड़ी ठीक हुई पर अभी पहले जैसी रौनक नहीं आई थी। एक दिन सेठ संपत लाल ने पंकज को अपने दोस्त सेठ सोमनाथ के पास एक अच्छा जौहरी बनने के गुर सीखने के लिए भेजा।
पंकज जब उनके घर पहुंचा तो देखा कि माथे पर चंदन का टीका लगाए लंबी कद वाले गोरे रंग के सेठ सोमनाथ बैठे थे। उन्होंने उनको अपने आने का कारण बताया। उन्होंने बहुत बेरूखी से उसको बैठने को कहा। खैर मजबूरी थी तो पंकज चुपचाप बैठ गया। काफी देर बाद सेठ सोमनाथ ने उसको अपने पास बुलाया और कहा कि जिंदगी में सफल बनने के लिए सच्चे मन से मेहनत करनी पड़ती है। इस बात को गांठ बांध लो। इसके बाद उन्होंने उसे एक अच्छा जौहरी बनने के गुर सिखाने लगे। एक के एक दिन कर आठ महीने बीत गए। वह जब भी दिए किसी भी काम को पूरा कर आता तो सेठ सोमनाथ उसमें मीन-मेख निकालते। इस तरह धीरे-धीरे वह काम में पक्का होने लगा। एक दिन सेठ सोमनाथ ने उसे अपने पास बुलाया और इसके बनाए हीरों की हार की बाजार में कीमत जानने के लिए भेजा। यह हार उसने बहुत मेहनत व लगन से बनाया था। वह उस हार को लेकर बाजार में विभिन्न दुकानों पर गया। उस हार की कीमत लागत से दस गुना ज्यादा लगी। सेठ सोमनाथ के कहे अनुसार वह हार लेकर वापस आ गया। सेठ को सारी बात बताई तो उन्होंने बताया कि तुम्हारी मेहनत ने इसे अनमोल बना दिया है। जिंदगी में ऐसे ही मेहनत करोगे तो अनमोल बने रहोगे।
पंकज पहले लोगों से पारस पत्थर के बारे में पूछता रहता था, लेकिन उसे इसका संतोषजनक जवाब नहीं मिला था। आज उसे पता चल चुका था कि पारस पत्थर का क्या गुण होता है।

 


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational