तमाशा
तमाशा
गज़ब का तमाशा चलता है यहाँ
कहीं एक आठ साल की बच्ची का बलात्कार हो जाता है
और साथ में उस मासूम की जान ले ली जाती है।
फिर उस मासूम को न्याय देने की खातिर
चारों और खूब शोर मचता है।
फिर उसी शोर शराबे के बीच
किसी और विधवा का बलात्कार हो जाता है।
फिर इस महिला के लिए न्याय की मांग करते हुए
लोग उस बच्ची के गुनाहगारों को भूल जाते हैं।
फिर इन नए गुनहगारों का विरोध होता है
फिर से देश में शोर मचता है।
और इन मासूमों के मज़हब को लेकर
राजनीति भी खूब जमती है।
फिर एक दिन कोई आसिफा अपने पापा से पूछती है
पापा, मैं इन सब से निपट के राख हो जाने से पहले
शुरू में ही मुझे खत्म क्यों नहीं कर देते हैं...?