Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Shalini Badole

Abstract

2  

Shalini Badole

Abstract

वैश्विक त्रासदी

वैश्विक त्रासदी

1 min
284


आज पूरा विश्व वैश्विक त्रासदी से गुजर रहा है, ऐसी स्थिति में भारत पूर्ण रूप से संगठित होकर इस त्रासदी के विरुद्ध ढाल बनकर खड़ा है।आज का दिन इसका अविस्मरणीय उदारहण बन गया।

कभी-कभी लगता है प्रकृति भी किसी भयानक त्रासदी और संकट के माध्यम से मनुष्य को कठोर सबक सिखाती है ताकि वह आत्मनिरीक्षण कर सके, आत्मानुशासन कर सके। आत्मसंयम और आत्मानुशीलन का व्रत रख सके।

हम उस प्रकृति की ओर लौट सके जिसे हम आधुनिकीकरण की दौड में भूल चुके हैं।

 यह भी शाश्वत सत्य है कि संकट के समय हमें दो का सर्वप्रथम ध्यान आता है, पहले ईश्वर फिर हमारा परिवार, हमारे अपने।

यह त्रासदी भी हमें प्रकृति, परमेश्वर और परिवार के समीप ला रही है।

आज फिर से देश ने मोदी को सच्चा राष्ट्रनायक,राष्ट्रसेवक साबित कर दिया जिनके एक आग्रह, एक आव्हान पर पूरा राष्ट्र थाली, ताली और शंखनाद से राष्ट्र के सेवकों का अभिवादन करने के लिये खड़ा हो गया।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract