Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

जूते

जूते

2 mins
8.7K


परम सालों बाद अपने शहर लौट कर आया था। फ़ौज में देश की सेवा करते और पोस्टिंग बदलते रहने की वजह से अपने शहर आने का मौक़ा ही नहीं मिलता था। पर इस बार छुट्टी लम्बी थी बहुत लम्बी शायद बाक़ी की पूरी ज़िन्दगी भर के लिए।

सब कुछ बदल गया था यहाँ ! छोटा सा शहर अब बड़ा होता जा रहा था। शॉपिंग मॉल, मल्टीप्लेक्स और बड़ी बड़ी दुकाने इन सब से शहर भर सा गया था ख़ाली ज़मीन का टुकड़ा भी बामुश्किल दिखाई देता।

"यहाँ तो खेल का मैदान हुआ करता था।" शहर के बीचोंबीच खेल के मैदान की जगह बनती एक ऊँची बिल्डिंग को देखते हुए परम ने सोचा।

और यहाँ सामने 'जनता शू एंड स्पोर्ट्स' तीन मंज़िला शोरूम का नाम पढ़ते ही परम ठहर सा गया।

यहाँ तो करीम चाचा की जूतों की दुकान हुआ करती थी जिसमें वो छोटा मोटा खेल का सामान भी रख लिया करते थे।

"मैं अक्सर करीम चाचा से फुटबॉल वाले जूते उधार ले जाया करता था और फिर जेबखर्ची से थोड़ा थोड़ा कर उन्हें चुकता रहता था। नए जूते और फूटबॉल बस दो ही तो शौक़ थे मेरे।" परम एक बार फिर सोचने लगा।

"पर यहाँ इतना बड़ा शोरूम कैसे !" मन का क़ोतूहल और जिज्ञासा उसे शोरूम तक खिंच कर ले गया। पर वहाँ जाते ही परम ने शो केस में लगा फुटबॉल वाला जूता उठा लिया और देखने लगा। सहसा नज़र दीवार पर लगी करीम चाचा की तस्वीर पर पड़ी। परम की आँखे भर आई। करीम चाचा अब नहीं रहे थे।

"सर यहाँ जूते सिर्फ़ जोड़े में मिलते है।" हाथ से जूता लेते हुए करीम चाचा के बड़े लड़के ने कहा।

परम भरी आँखो के साथ अपनी बैसाखी के सहारे लंगड़ाते हुए बाहर निकल गया।

शहर बड़ा हो गया था, दुकाने बड़ी हो गई थी, बच्चे बड़े हो गए थे और इंसानियत का स्वर्गवास हो चुका था।


Rate this content
Log in

More hindi story from Manish Khandelwal

Similar hindi story from Drama