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दोस्ताना

दोस्ताना

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Star City Society मैं दो लड़के जो कमाल के है उनका नाम था कन्हिया और प्रेम। दोनों ही एक Block मैं रहते हैं। बहुत है दिल फेंक, स्वभाव से हँसमुख है और दोनो ही सुंदरता के कायल। जब इतना कुछ एक जैसा है तो दोनों का दोस्त होना लाजमी है। अब आप जानना चाहेंगे दोनो का मिलना कैसे हुआ।

बात 1-1.5 साल पुरानी है। दोनों ही सुबह के समय अपनी ऑफिस Cab पकड़ने सोसाइटी के Front Gate पर 8.45 के करीब आते थे। उस वक़्त ये एक-दूसरे को जानते नहीं थे।

गेट से 50 मीटर की दूरी पर एक हसीन लड़की उसी वक़्त अपने ऑफिस Cab का इंतज़ार करती थी। दोनों ही उसको बड़ी हसरत भरी निगाहों से देखा करते थे ओर मन ही मन सोचते थे इससे बात करे


कन्हिया : तुम्हें जो मैंने देखा, तुम्हें जो मैंने जाना, जो होश था, वो तो गया।

प्रेम : एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा जैसे खिलता गुलाब, जैसे शायर का ख्वाब, जैसे उजली किरन, जैसे बन में हिरन, जैसे चाँदनी रात, जैसे नरमी बात, जैसे मन्दिर में हो एक जलता दिया, हो! ओ...


एक दिन कन्हिया ने सोचा जरा उस तरफ चल के बात की जाए पर अचानक देखा एक ओर व्यक्ति उस तरफ बढ़ रहा है। यह देख कर वो पीछे हट गया। इसी तरह की बात प्रेम के साथ भी हुई। ऐसा अगले दो-तीन दिन भी हुआ। अब प्रेम ओर कन्हिया जान गए थे कि वो दोनों ही उस लड़की को ताड़ रहे होते थे ।


एक बार प्रेम 2-3 दिन के लिये ऑफिस के काम से बाहर गया था। जब वो लौट के वापिस आया तो पाया अब कन्हिया की उस लड़की से हाय-हैलो होने लगी है। उसने सोचा मैं भी कन्हिया से दोस्ती कर लेता हूँ। लगे हाथ मेरी भी बात बन जाय। फिर क्या था कन्हिया और प्रेम रोज़ सुबह आपस में बतियाने लगे और साथ-साथ उस लड़की के साथ भी फ्लर्ट करने लगे।


पर एक दिन कन्हिया को लगा अब इस प्रेम का पता काटना ही पड़ेगा, यही बात प्रेम के मन में भी चल रही थी। दो-तीन दिन दोनों ने एक दूसरे को इंडाइरेक्ट तरीके से समझने की कोशिश की पर सब बेकार। आखिर एक दिन बात हो गई-


कन्हिया : मैं हूँ सोसायटी King, करूँगा मैं ही डिंग डोंग डिंग

प्रेम : उसका अब खयाल दिल में रहता है, हर वक़्त बस उसका ही नाम निकलता है।


कन्हिया : समझ ना मुझको थकेला, मेरे Gang के सामने पड़ेगा अकेला।

प्रेम : मेरे भी दोस्त यहाँ कम नहीं, दिमाग की मत कर तू दही।


कन्हिया: दोस्त है मेरा अमित नवानि पिला देता है अच्छों-अच्छों को पानी।

प्रेम : मेरा दोस्त है भोलू शिकारी, कूद-कूद कर उसने सबकी मारी।


कन्हिया: जानता है तू कौन है विशाल अग्रवाल। उखाड़ देता है गीली, फोड़ देता है बाल।

प्रेम : मेरा भी भाई है अतुल वर्मा, उसके आगे क्या टिक पायेगा गर्ग हो या शर्मा।


कन्हिया : तो संडे सुबह अपने गैंग के साथ मिलता हूँ तभी अब तेरा फैसला करता हूँ।

प्रेम : मुझे भी तेरा इंतेज़ार रहेगा। बेटा अब तू सबके सामने Sorry कहेगा।


आखिर संडे का दिन आ ही गया। दोनों ने अपने अपने दोस्तों को WhatsApp भेजा। गरियाते हुऐ सबने आने की हाँमी भर दी । Front Gate पर सब इकट्ठे होने लगे। किसी को कुछ पता नहीं था पर दोस्ती की खतिर आना ही पड़ा।

दोनो ग्रुप में थोड़ी गहमागहमी होने लगी।


विशाल : किसकी शामत आई हमारे कन्हिया से की जो लड़ाई।

अतुल : खामोश यहाँ के हम है राजा बिना बारात बजा देंगें सबका बाजा


अमित : हमारा भाई अकेला है तो डरोगे। बेटा स्कॉच खोल दी तो भाग ना पाओगे।

भोलू : मेरी Height और Weight पर मत जाना हमने रन आउट किया है जमाना।


तभी वहाँ एक ओर शख्स अपने डोग को टहलता हुआ आया।

🎵🎶 धिना धिन धा, धिना धिन धा , रम पम पम रम पम पम रमपा पम पम ,,🎶🎶🎵


प्यार से सब इनको नन्हें भाई बोलते थे। ये दिखने में एकदम अनिल कपूर लगते थे। उन्होंने थोड़ा बीच बचाव किया पर उन्हें बात समझ नहीं आई। वो प्रेम को एक साइड ले गए ओर उससे सारी बात पूछी। उनको जल्द ही सारा किस्सा समझ आ गया। वो सुबह-सुबह अपने डोग को बाहर घुमाते थे, उस लड़की को उन्होंने भी देखा था।

इधर कन्हिया परेशान था। उसके दोस्त प्रेम के दोस्तों से लड़ने की बजाए बातें करने लगे।


अतुल : प्रेम माजरा कुछ समझ ना आ रहा। क्यों हमें इन् भले लोगों से लड़ा रहा है

विशाल : बात में इनकी दम है। पता कर इन दोनों को क्या गम है।


भोलू : लड़ाई-झगड़ा बेकार, ये तो इंसान है, मुझे तो जानवर से भी प्यार है।

अमित : भाई, प्रेशर सुबह से नहीं आया चले घर में दो दिन से नहीं नहाया।


अभी ये वार्तालाप चल ही रह था । नन्हें भाई ने आइडिया दिया, क्यों ना Society Ground में एक क्रिकेट मैच खेला जाए, जिसकी टीम जीतेगी उसकी ही बात मानी जायेगी।


सब संडे को ग्राउंड पहुँच गए। दो-चार लोगों को और भी बुला लिया। एक दो बच्चों को भी पकड़ लिया। बैट-बॉल का इंतजाम हुआ और टीम बँट गई। बस एक अंपायर की कमी थी। नन्हे भाई ने अपने दोस्त धीरज को फोने किया। थोड़ी देर में धीरज भी आ गया।


धीरज : अब चिंता की नहीं कोई दरकार, मेरी अंपायरिंग से जरूर करेंगे आप प्यार।


बडा ही धाकड़ मैच हुआ पर Last मैं मैच Tie हो गया। कुछ लोगों ने बोला Super Over करवा लेते हैं पर नन्हे भाई बोले, यार अगले Sunday दूबारा सब तैयारी करके आना, फिर मैच होगा । सब को आईडिया ठीक लगा ओर वो अपने अपने घर चले गए।


शाम को नन्हे भाई ने प्रेम ओर कन्हिया से मिले ओर उन्हें बोलें- यार तुम मुझे बड़ा भाई बोलकर एक बार उस लकडी से मिलवाने ले चलो मैन बड़े बड़े मामले सुलझाये है, तुम्हरा भी सुलझा दूंगा। अगले दिन नन्हे भाई सुबह सुबह बस स्टेंड पहुँच गए। कन्हिया ने उनका Introduction उस लड़की से करवा दिया। नन्हे भाई भी पुराने चावल थे। उनको लड़की से बात करने में वक़्त नहीं लगा। कन्हिया से बोले शाम को में तुम दोनों से मिलता हूँ वो शाम को दोनों से मिले ओर बोले अब तुम दोनों कुछ दिन उस लड़की के सामने मत आना । मैं उससे पता करता हूँ कि वो किसे चाहती है । ऐसा ही हुआ 3-4 दिन प्रेम ओर कन्हिया सोशयटी के दूसरे गेट से Cab पकड़ते। शाम को नन्हे भाई उन्हें 1-2 बात बताकर खुश कर देते ।


फिर Sunday आया। ग्राउंड में सब मिले। क्रिकेट का मैच भी हुआ पर नन्हे भाई नहीं आये। शाम को पता चला वो ऑफिशियल काम से शिमला गए हुए हैं। खैर मंडे आया। कन्हिया और प्रेम बस स्टेंड पहुँचे पर उस दिन उन्हें वो लड़की नहीं दिखी। इसी तरह पूरे हफ्ते ही वह नहीं आयी।


दुबारा संडे आया, ग्राउंज में क्रिकेट मैच खत्म हुआ। कन्हिया और प्रेम को नन्हे भाई का इंतज़ार था। थोड़ी देर बाद नन्हे भाई आते हुए दिखे। उन्होंने भागते हुए नन्हे भाई से पूछा कि आजकल वो लड़की नहीं आ रही। नन्हे भाई बोले यार, मुझे वो कह रही थी वो घर शिफ्ट कर रही है। तुमसे मिलने आयेगी बस यही बात कह गई। दोनों बड़े मायूस हो गए। नन्हे भाई ने उन्हें दो-तीन इधर-उधर की बात कही, मस्त जॉक सुनाये पर फिर भी वो उदास ही रहे।


इस तरह से यह कहानी ख़त्म हुई। आज भी कन्हिया और प्रेम को उसका इंतज़ार है । बस स्टेंड पर एक बार उस तरफ देखते जरूर है। अब ये दोनों अच्छे दोस्त है। संडे को सोसाइटी ग्राउंड में अब मजे से क्रिकेट खेलते हैं। अब नवानि, आनद, भोलू, राजा साहब भी आपस में अच्छे दोस्त बन गए।


उड़ती-उड़ती खबर ये भी आती है कि धीरज जो नन्हे भाई का दोस्त है बताता है कि कभी कभी वो लड़की नन्हे भाई से मिलने ऑफिस आती है, वो उसको बहुत समझते हैं ओर वो उसको बोलते हैं प्रेम या कन्हिया में किसी एक की होले या देखेगी लाली बस मेरे ही डोले।

खैर ये सब अफवाह ही है। नन्हे भाई बड़े ही सज्जन आदमी है। 🎵🎶 धिना धिन धा, धिना धिन धा , रम पम पम रम पम पम रमपा पम पम.........


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