#दंश"
#दंश"
मेरी पड़ोस में गुप्ता आंटी रहती हैं, हमारे अच्छे संबंध हैं अभी दो साल पहले उनकी बेटी "रेणु"बड़ी सुंदर, सुशील, और एजुकेटेड एम.एसी .किया है, कॉलेज में टेम्प्रेरी प्रोफेसर भी है उसका बहुत ऊंचे घराने से रिश्ता आया लड़का बिजनेस करता था ये बताया।
अंकल ने ज़्यादा मालूमात नहीं कि चट मंगनी पट ब्याह कर दिया। कुछ दिन सब अच्छा चल धीरे-धीरे उन के रंग -ढ़ंग सामने आने लगे। लड़का ख़ूब अय्याशी वाला सारे दुर्गुण ..।इन लोगों से शादी में भी अच्छी रकम ली थी, एक साल बाद फिर लड़की पर दबाव के माँ-बाप से बिजनेस के लिए पैसा लाओ। गुप्ता जी की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी।
शादी में ही उनकी मांग पूरी करने के लिए कर्ज लिया था, रेणु की सास के ताने मारती, रेणु मायके आती तो बड़ी डरी-सहमी रहती कई-कई दिन सुसराल से कोई लेने नहीं आता "गुप्ता अंकल "ख़ुद छोड़कर आते।
एक दिन ख़बर आई "रेणु"ने आत्महत्या कर ली। आंटी-अंकल बदहवास से थे, हम दोनों भी गुप्ता अंकल के साथ गए दोनों की हालत ख़राब थी, हम वहां पहुंचे तो ज़रा भी यक़ीन नहीं आया के "रेणु "ने आत्महत्या की है।
आंटी तो अपनी बेटी की जली हुई लाश की राख को हाथों में ले कर फफक कर रो पड़ी और अंकल की तरफ देखकर कहतीं हैं- क्या मैंने इसी दिन के लिए पालपोस कर बड़ा किया था कि ये दहेज़ के लालची इसे जला दें।