बंद खिड़की भाग 7
बंद खिड़की भाग 7
बंद खिड़की भाग 7
श्रीकांत और तुकाराम बस्ती के एक चाय के खोके पर बैठे बतिया रहे थे। श्रीकांत ने कहा, सुनो तुका! कातिल के फ़रार हो जाने के बाद भी भीतर से खिड़की दरवाजे बंद कैसे मिले, यह रहस्य सुनो!
तुकाराम ने सहमति में सिर हिलाया, उसका पूरा शरीर ही इस समय कान बना हुआ था, कहें तो अतिश्योक्ति न होगी।
कातिल, क़त्ल के बाद खिड़की से फरार हुआ है। दरवाजा बंद करने के बाद जब वह कत्ल कर चुका तब खिड़की से भागा और...
लेकिन खिड़की तो भीतर से बंद मिली थी श्रीकांत, तुकाराम ने बीच में टोका
यार! पूरी बात तो सुनो, श्रीकांत ने कहा तो तुकाराम चुप हो गया, "खिड़की बंद करने के लिए कातिल ने कोई कोशिश नहीं की वो खुद ब खुद बन्द हो गई।''
अरे! ऐसा कैसे हो सकता है, तुका के स्वर में अचरज था
ऐसा ही हुआ है भाई! तुमने गौर किया होगा कि सिटकिनी नीचे की तरफ लगी हुई है और काफी पुरानी है। उसका बाहरी कवर काफी घिस गया था और वह काफी लूज हो गई थी। मैंने चेक किया तो वह बिना प्रयास ही खुद के वजन से नीचे आ जाती है। जब कातिल क़त्ल के बाद हड़बड़ी में भागा और खिड़की के पल्ले आकर चौखट से टकराए तो संयोगवश सिटकिनी अपने आप नीचे आ गई और खिड़की भीतर से बंद हो गई। इसमें कातिल का कोई कारनामा नहीं है और उसे तो पता ही नहीं होगा।
वाह! तुकाराम बोला, यू आर ग्रेट मित्रा! तुमने कठिन पहेली हल कर दी।
यह विकट समस्या हल होने पर तुकाराम ने राहत की सांस ली और थाने जाकर अपने अधिकारी सालवी को रिपोर्ट की। इन्स्पेक्टर सालवी ने तुकाराम को लव एंगल टटोलने का आदेश दिया। तुकाराम सहमति में सिर हिलाता सैल्यूट मारकर बाहर निकल आया। अगले दिन तुकाराम ने हवलदार को भेज कर दिगंबर को बुलवाया। दिगंबर दीन हीन-सा प्रस्तुत हुआ। तुकाराम ने दिगम्बर के कंधे पर हाथ रखकर पूछा, कैसा चल रहा है? बच्चे कैसे हैं तुम्हारे?
अब कैसे होंगे साहेब? जी रहे हैं बस!
खाने-पीने का इंतजाम कैसे होता है?
अड़ोसी-पड़ोसी मदद कर रहे हैं साहेब!
अड़ोसी-पड़ोसी कि अड़ोसन-पड़ोसन? तुकाराम ने तेज आवाज में पूछा और इस समय उसकी नजरें एक बाज की तरह दिगंबर के चेहरे पर जमी हुई थी।
दिगंबर साफ़-साफ़ हड़बड़ा गया और हकलाने लगा।
तुकाराम ने अब उसका गिरहबान थाम लिया और झकझोरता हुआ बोला, बोल! क्यों मारा अपनी बीवी को? रंगरेलियाँ मनाने के लिए ही न?
मैंने नहीं मारा साहेब! और दिगंबर फूट-फूट कर रो पड़ा!
तब किसने मारा गायत्री को?
कहानी अभी जारी है...
पढ़िए भाग 8