Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

प्रतिस्पर्धा

प्रतिस्पर्धा

2 mins
1.1K


मिस्टर मेहता एवं मिस्टर खन्ना के घर आमने सामने थे। दोनों उंचे ओहदे पर सरकारी मुलाजिम थे। वैसे उन्हें नौकरी करते हुए ज्यादा अरसा नहीं बीता था, किन्तु दोनों अपना विकास कर रहे थे। दोनों के घरों में जलसा होना और सरकारी नौकरों का इजाफा होना आम बात थी। माल-असबाब, खरीद फरोख्त आदि की वजह से उनके बीच प्रतिस्पर्धा दिनों दिन बढ़ती जा रही थी। जाहिर है दोनों घरों में रूपयों की आवक भी बहुत थी। अतः खर्च भी बेहिसाब होता था।

एक दिन अचानक, बाजार में श्रीमती खन्ना टैक्सी से उतरकर चौराहे से गुजरी। चौराहे पर बैठे भिखारी को उन्हे अपनी ओर आते देखकर कुछ आस बंधी। उस भिखारी ने हाथ पसारकर कुछ पैसों की फरियाद की, लेकिन श्रीमती खन्ना उस लाचार की फरियाद को अनसुना करके उस पर नजर डालकर शापिंग सेंटर की एक दुकान में प्रवेश कर गयी। संयोगवश थोड़ी देर में श्रीमती मेहता भी खरीददारी के लिए बाजार आयी। वह भी उसी भिखारी के पास से गुजर रही थी। आदतन भिखारी ने उनसे भी चंद पैसे मांगे। इसी समय शापिंग सेंटर की दुकान से सामान खरीदकर बाहर निकल रही थी। श्रीमती खन्ना को बाहर निकलते देखकर श्रीमती मेहता ठिठककर भिखारी के पास रूक गयी।

पर्स में हाथ डालकर पर्स को टटोला। शायद कीमती पर्स में चिल्लर नहीं थे। अतः उन्होंने उस भिखारी की ओर दस का नोट बढ़ा दिया। यह कार्य श्रीमती मेहता ने दयालुता वश किया था, यह उनके हावभाव से नहीं लगा था। क्योंकि वे कंधों पर बालों को एक ओर झटककर अपनी पडोसन पर प्रभाव छोड़कर आगे बढ़ गई थी। इतना वाकया श्रीमती खन्ना ने अपनी आंखों से देखा था अतः लौटते समय भिखारी के पास रूककर पर्स से बीस रूपये का नोट निकालकर, उसे भिखारी के कटोरे में रखकर टैक्सी स्टेंड की ओर चल दी।

श्रीमती खन्ना के चेहरे पर विजयी मुस्कान थी। दो समय की रोटी जुटा न पाने वाले भिखारी के लिए इतना रूपया पर्याप्त था, किन्तु वह श्रीमती खन्ना केे बदले व्यवहार के कारण दंग था। बड़े लोगों की बड़ी बातें उसके समझ से परे थीं। उसने बडे़ नोटों को जेब के हवाले किया और वह पुनः खाली कटोरा लेकर बैठ गया।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama