अधूरा न्याय
अधूरा न्याय
जज साहब को बी.पी. हो गया है। सुगर लेवल भी हाई है। बहुत बेचैन से रहते हैं आजकल।
करीब ४-५ साल पहले उनके एक मित्र ने उनका ४-५ लाख रुपये का प्रोफेशनल फी क्लाइंट उनके नाम से लेकर खुद पचा लिया था। तब जज साहब सीनियर वकील हुआ करते थे। खून का घूँट पीकर रह गए थे।
आज उसी एडवोकेट मित्र का केस उनके पास आया था। बहुत बड़ा मुकदमा था। उनके एडवोकेट मित्र ने काफी जोर लगाया। पर जज साहब ने एक न सुनी। फैसला एडवोकेट मित्र के खिलाफ सुनाया। बदला पूरा हुआ।
जज साहब ने फैसला किया था, न्याय नहीं।
अब नींद आनी कम हो गई है। रात भर बेचैनी में करवटें बदलते हैं। न्याय का काम अधूरा छोड़ दिया था। भगवान ने पूरा कर दिया।