Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

परम्परा

परम्परा

2 mins
526


अंधेरा होने लगा था, कोई सात बज रहे होंगे ... सास ने ऊंची आवाज में बहू से पूछा

"सीमा ...खाणा तैयार हो गया क्या ? कंवर सा आणे वाले होंगे, गाड़ी का टेम तो हो गया"....

जवाब में बहू ने हाँ कह दी तो तसल्ली पाकर फिर अपनी बेटी से बतियाने लग गई । दोनों माँ बेटियां फिर इधर उधर की बातें करती रही।

शहर में रहने के बावजूद बेटी का गाँव में विवाह होने के कारण उन सभी प्रथाओं का

पालन करना जरूरी था ।

आज जवांई जी बेटी को लेने

आ रहे थे तो घर में पकवान बनवाये । उधर पोते पोती और दोहिते दोहिती की उछल कूद जारी थी ।

बेटी अपने पति के दकियानूसी और पुराने रस्म रिवाजों का सख्ती से पालन करवाने को लेकर नाराजगी प्रकट कर रही थी और माँ .... बेटी को समझा रही थी कि

अब जिस घर में रहना है जिस जगह रहना है वहां की रस्म रिवाजों का पालन तो करना ही होगा ये ही परम्परा है ।

इतने में दरवाजे पे दस्तक हुई जवांई जी आ गए ।

माँ और बेटी ने तुरंत लंबा लंबा घूंघट कर लिया । जवांई जी आये और परम्परानुसार अपनी सास को ढोक देने के लिए झुक कर प्रणाम किया ।

इतने में ही आंगन में खेल रहे बच्चों की खिलखिलाहट गूंज उठी सारे बच्चे जोर से हँस पड़े .... और हो हो करके चिल्लाते हुए बोले ... "अरे फूंफ़ा जी, आपने तो बुआ के ही पाँव छू लिए, ही ही, हा हा" ....

सास और पत्नी की एक सी कद काठी और बरामदे की मद्धिम रोशनी के कारण

जवांई जी पहचान ना सके और झेंपते हुए हँस कर बोले .....

"अरे घूंघट के कारण सब गड़बड़ झाला हो गया, आज से हटाओ ये घूँघट शुंगट ....हा हा"


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama