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प्यार का अहसास

प्यार का अहसास

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मध्यम वर्गीय परिवार की जिया बहुत खूबसूरत है, जिया की तरह ही उसके ख्वाब भी चाँद-तारों की चमक छू लेने वाले हैं। जिया एक फेमस सुपरस्टार बनना चाहती है, जिया के परिवार में दादाजी, पापा-मम्मीजी व ताईजी हैं। परिवार में जिया इकलौती व सबकी लाड़ली है। सबके प्यार व दुलार से जिया का मन निश्छल है व उसकी सादगी उसकी शख्शियत में चार चाँद लगाती है।

जिया हमेशा अपने दोस्तों से फिल्मी दुनिया की ही बातें करती। उसके कॉलेज में कोई भी फंक्शन हो, वह हमेशा उसमें फर्स्ट आती। कॉलेज के सभी टीचर्स व स्टूडेंट्स जिया की बहुत तारीफ करते। सभी का प्रोत्साहन पाकर उसके सपनों में नई जान आ जाती। वह किसी तरह मुम्बई जाकर अपने सपनों को साकार करना चाहती है, पर उसके परिवार वाले फिल्म इंडस्ट्री में जाने के बिल्कुल खिलाफ है। वो लोग उसकी हर बात मानते पर इस बात पर सभी नाराज हो जाते, इसलिए जिया ने इस बारे में परिवार में कहना ही छोड़ दिया, मगर उसका मन अपने सपनों को नहीं भुला सका।

जिया की बेस्ट फ्रेंड तनु है, तनु जिया के मन की हर बात समझती है और हमेशा उसका साथ भी देती है। जिया के कॉलेज का एक लड़का सनी, जिया से बेहद प्यार करता है, उसने कई बार अपनी मोहब्बत का इजहार जिया से किया, पर जिया कभी उसकी बात को कोई अहमियत नहीं देती क्योंकि वह इस चक्कर में पड़कर अपनी जिंदगी बर्बाद नहीं करना चाहती। वह तो अपने सुनहरे सपनों को पूरा करने की राह ढूंढने में लगी रहती। एक दिन तनु, जिया को बताती है कि, "मेरे कजिन भाई 'प्रेम' मुम्बई में रहते हैं। वहाँ उनका एक स्टूडियो है। वे बहुत अच्छे फोटोग्राफर हैं। उन्होनें कई मॉडलों के फोटोज निकाले हैं और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कुछ लोगों से उनका परिचय भी है इसलिए मैंने तुझे उनसे मिलवाने के लिए इस बार होली पर यहाँ बुलाया है।"

यह सुनकर जिया बेहद खुश होती है उसे अपने सपनों को साकार करने की एक उम्मीद नजर आई है। इसी खुशी की धुन में वह कॉलेज से घर लौट रही होती है कि तभी उसके सामने सनी आता है। वह जिया का हाथ पकड़कर उसे अपने साथ चलने को कहता है। इस पर जिया गुस्से में सनी को थप्पड़ मारकर वहाँ भीड़ इकट्ठी करके सनी को पिटवाती है, पर सनी उफ् तक नहीं करता। उसे लगता है कि शायद उसने इस तरह जिया का हाथ पकड़कर गलती की है। सनी, जिया से माफी माँगता तब तक जिया वहाँ से जा चुकी होती है।

जिया, सनी की वजह से तंग होती है, वह किसी तरह हमेशा के लिए सनी से अपना पीछा छुड़ाना चाहती है, इसलिए जिया इस बारे में परिवार में बात करने आती है, पर इससे पहले उसकी ताईजी उसकी शादी की बात छेड़ देती हैं, यह देख जिया जो कहने आती है वह नहीं कहती है। उसे लगता है कि अगर यह बात घर में किसी को मालूम हुई तो उसकी शादी जल्दी ही करा दी जायेगी, इसलिए फिलहाल जिया इस मामले से सबको परे ही रखना चाहती है।

वह अपने दादाजी से कहती है कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ही शादी करेगी। होली की शाम तनु, जिया को अपने घर की पार्टी में बुलाती है। जिया सिम्पली स्टाइलिस्ट में पार्टी में आती है, कई रंगों से सजी इस पार्टी में जिया का अंदाज बिल्कुल अलग है, एकबारगी सबकी निगाहें जिया पर ठहरती हैं। तनु, जिया को प्रेम से मिलवाती है, तनु, प्रेम को जिया के बारे में पहले ही बता चुकी होती है। प्रेम, जिया को नजर भर देखते हुए कहते हैं, "आप तो सच में अपने सपनों की सुपरस्टार हैं और अब आपको फिल्मी दुनिया की सुपरस्टार बनने से कोई नहीं रोक सकता, मैं आपसे वादा करता हूँ कि आपके सपनों की मंजिल तक मैं आपको पहुँचाऊँगा।"

प्रेम की यह बात जिया के मन को छू जाती है, कुछ ही वक्त में जिया व प्रेम के बीच दोस्ती हो जाती है। प्रेम, जिया के कुछ स्टाइलिस्ट फोटोग्राफ्स लेकर मुम्बई लौट जाता है। जिया पहले से ज्यादा अपनी पर्सनैलिटी पर ध्यान देने लगती है और हर दिन जिया, प्रेम के कॉल का इंतजार करती। जिया के बदले हुए अंदाजों को देख उसकी ताईजी को कुछ शक होता है पर बिना किसी बात के वो कुछ नहीं बोलतीं।

प्रेम का कॉल आता है वह जिया को बताता है कि कौशिकजी के निर्देशन में बनने वाली फिल्म के लीड रोल के ऑडिशन देने के लिए तुम्हें मुम्बई आना होगा। यह सुन जिया बेहद खुश होती है, वो इस बारे में तनु को बताती है। जिया को खुश देख तनु भी बेहद खुश होती है, पर वह कहती है- क्या तेरे परिवार वाले तुझे मुम्बई जाने की इजाजत देंगे।

यह सुन जिया एकपल को मायूस हो जाती है। तनु, जिया को चिल करते हुए कहती है- डोन्ट वरी माई सुपरस्टार, तुझे मुम्बई ले जाने का आयडिया भी है मेरे पास, कुछ ही दोनों में प्रेम की बहन प्रिया की शादी होने वाली है, जिसमें मैं मेरे मम्मी-पापा के साथ मुम्बई जा रही हूँ, और तेरे दादाजी को मनाकर तुझे भी अपने साथ ले चलूँगी।

जिया दादाजी की सबसे ज्यादा लाड़ली है इसलिए यह बात मनवाने के लिए जिया, तनु के साथ दादाजी के पास आती है। जिया दादाजी से कहती है- दादाजी दो दिन बाद मेरा जन्मदिन है और इस बार मैं, मेरे जन्मदिन पर आपसे सबसे यादगार तोहफा चाहती हूँ।

दादाजी कहते हैं- बेटा तुझे जो भी चाहिए तू बता, हम तुझे जरूर देंगे।

जिया, तनु के साथ मुम्बई जाने की इजाजत माँगती है- दादाजी एक बार मैं मुम्बई घुमना चाहती हूँ। यही मेरी जिंदगी का सबसे प्यारा यादगार लम्हा होगा। प्लीज दादाजी, मना मत करना।

तनु भी दादाजी को मनाती है। दोनों की खुशी की खातिर वे जिया को मुम्बई जाने की इजाजत दे देते हैं। दोनों बहुत खुश होती हैं, मगर बाकी सभी सदस्य इस पर एतराज करते हैं और जिया को मुम्बई जाने से भी मना करते हैं पर दादाजी की मर्जी के आगे किसी की नहीं चलती। दो दिन बाद जिया की बर्थडे पार्टी मनाई जाती है इस पार्टी में जिया की सभी दोस्त आती हैं, पार्टी के वक्त जिया के लिए कोरियर से एक पार्सल आता है, जिया समझती है कि प्रेम ने उसका बर्थडे गिफ्ट भेजा है इसलिए वो इस पार्सल को अपने रूम में ले जाकर रख देती है, और पार्टी खत्म होने के बाद जिया मुम्बई जाने की तैयारियों की जल्दबाजी में उस पार्सल के बारे में भूल जाती है। जाने से पहले दादाजी जिया को समझाते हुए कहते हैं- बेटा तुम पहली बार यूँ अकेले हम सबसे दूर जा रही हो इस वजह से घर में सभी कुछ परेशान हैं और मुझसे नाराज भी हैं क्योंकि मैंने तुम्हे इजाजत दी है, बेटा मैंने तुम्हारी खुशी और तुम पर विश्वास करके ही तुम्हें इजाजत दी है इसलिए बेटा जैसे हमने तुम्हारी हर खुशी का ख्याल रखा है वैसे ही तुम भी हमारे विश्वास व इज्जत का ख्याल रखना। तुम कभी ऐसा कुछ न करना जो हमारे उसूलों के खिलाफ हो।

दादाजी की बात सुनकर जिया सन्न रह जाती है क्योंकि जिस वजह से वह मुम्बई जा रही है दादाजी, पूरा परिवार उसके खिलाफ है, जिया, दादाजी के विश्वास को तोड़ना नहीं चाहती है, और न ही अपने सपनों की हकीकत के इतने करीब आकर पीछे हटना चाहती है, जिया का अन्तर्मन इस वक्त दोराहे पर होता है, वह तनु से मिलकर उसे इस बारे में बताती है। तनु उससे कहती है- तुम जिस राह पर जा रही हो वह दादाजी के उसूलों के खिलाफ जरूर है पर गलत नहीं है। कई लड़कियाँ यह सपने देखती हैं और इन्हें पूरा करने की कोशिश भी करती हैं उनमें से कुछ के परिवार वाले उनका साथ देते हैं, और कुछ के परिवार वाले उनके इस फैसले के खिलाफ भी होते हैं, पर जब वो अपने सपनों की हकीक़त के साथ सँवार कर अपने मुकाम पर पहुँचती है, तब उनका परिवार जो पहले इस फैसले के खिलाफ होते हैं वही उनके मुकाम पर उनके साथ होते हैं और उन पर नाज भी करते हैं। जिया ऐसा ही तेरे साथ भी है, इसलिए तुम अपने सपनों की राह पर आगे बढ़ो और मंज़िल मिलने पर परिवार भी तेरा साथ देगा, और रही बात दादाजी के विश्वास की, तो इसी विश्वास की नींव पर तुझे सपनों की बुनियाद रखनी है।

तनु के इस हौसले से जिया का फैसला दृढ़ हो जाता है। अगले दिन जिया और तनु मुम्बई चली जाती है। कुछ दिनों से जिया को कॉलेज में न आते देख सनी उसकी दोस्त से जिया के बारे में पूछता है, वह सनी को जिया के मुम्बई जाने के बारे में बता देती है। सनी, जिया को देखे बिना नहीं रह पाता इसलिए वो भी मुम्बई आता है, इतने बड़े शहर में जिया को ढूंढना मुश्किल होता है। प्रेम, जिया को ऑडिशन दिलाने ले जाता है। ऑडिशन देने के बाद जिया प्रेम के साथ उसके घर आती है। यहाँ प्रिया की मेहंदी की रस्म चल रही होती है। जिया सबके साथ मिलकर ये रस्म खूब इंजॉय करती है। कुछ ही वक्त में जिया, प्रेम के परिवार वालों में घुल-मिल जाती है। उधर जिया की ताईजी एक दिन जिया के रूम में किसी काम से आती है। तभी उनकी नजर उस पार्सल पर पड़ती है। वो उसे खोलकर देखती है तो स्तब्ध रह जाती है। पार्सल के अंदर जिया की सुंदर सी पेंटिग होती है जिस पर "आई लव यू" लिखा होता है और साथ में एक कार्ड भी होता है जिस पर जिया के जन्मदिन की शुभकामनाएं और सनी के प्यार का इज़हार होता है। घर में सभी जब ये देखते हैं तो सब स्तब्ध रह जाते हैं। सबके मन में यह सवाल उठता है कि ये सनी कौन है ?

इसका पता करने पापाजी जिया के कॉलेज आते हैं, यहाँ पता चलता है कि सनी कई सालों से जिया के पीछे पड़ा है। वह जिया को दिलो जान से चाहता है, पापाजी कॉलेज के प्रिंसिपल से सनी के घर का एड्रेस लेके उसके घर आते हैं। यहाँ मालूम होता है कि सनी कुछ दिन पहले ही मुम्बई गया है। ये पूरी बात वो घर आकर सबको बताते हैं। यह सब जानकर सभी के मन में जिया के प्रति गलतफहमी होती है कि इतने सालों से जिया हम सबसे छिपाकर कॉलेज की पढ़ाई के बहाने यह सब करती आ रही है और अब वो हमारे प्यार व विश्वास को धोखा देकर सनी के साथ मुम्बई गई है। सभी इस बात से बहुत परेशान व हैरान होते हैं और सभी इस बात के लिए दादाजी को जिम्मेदार मानते हैं क्योंकि दादाजी ने ही जिया को इतनी आज़ादी दी थी कि कोई कुछ न कर सका और अब तक तो शायद बहुत देर हो चुकी है। सबकी ऐसी बातों से और जिया के विश्वासघात से दादाजी को दिल का दौरा पड़ता है, उन्हें तुरंत हॉस्पिटल लाया जाता है।

उधर जिया का पता लगाते -लगाते सनी थक जाता है पर जिया का कोई पता नहीं मिलता उसको। तभी सनी के पास उसके एक दोस्त का फोन आता है। वो बताता है कि जिया के दादाजी हॉस्पिटल में एडमिट हैं। यह जान सनी तुरन्त वापस लौटने के लिए होता है क्योंकि उसको पता है कि जिया भी वहीं पहुँचने वाली होगी। दादाजी को होश आता है तो वो बार -बार जिया का नाम लेकर उसे बुलाते हैं, मगर पापाजी, जिया को यहाँ नहीं बुलाना चाहते और न ही अब वो जिया से कोई वास्ता रखना चाहते हैं पर ताईजी उनको समझाते हुए कहती हैं- जिया हमारी बेटी है, अगर वो बहककर गलत राह पर चली गई है तो हम सबका फर्ज है कि हम उसे सही राह पर ले आए, वो जो गलती कर रही है उसे सुधारने का एक मौका तो हमें उसे देना चाहिए।

पापाजी, जिया को फोन करते हैं, इधर प्रिया की बारात में जिया भी सज सँवर रही होती है, तभी दादाजी की खबर जानकर वो स्तब्ध रह जाती है। जिया तुरन्त घर जाने की तैयारी करती है। ऐसे अचानक शादी के बीच से यूँ जिया का जाना किसी को अच्छा नही लगता है। प्रेम, जिया को रेलवे स्टेशन तक छोड़ने जाता है, जिस ट्रेन में जिया आती है, उसी में पीछे सनी भी बैठा होता है, वो जिया को आते देख खुश हो जाता है मगर जिया नहीं देख पाती। ट्रेन में कुछ मवाली गुण्डे भी होते हैं। वो जिया को अकेला देख उससे छेड़ खानी करने की कोशिश करते हैं तभी सनी, जिया के बगल में आकर बैठ जाता है इससे वो गुण्डे लोग वहाँ से चले जाते हैं, पर अचानक यूँ सनी को सामने देख जिया हैरान होती है।

सनी उससे कहता है- मैं एक काम से मुम्बई आया था और अब वापस जा रहा हूँ। इत्तेफ़ाक से हम दोनों यहाँ मिल गए पर जिया को ये इत्तेफाक नहीं लगता इसलिए वो सनी के साथ नहीं बैठना चाहती। सनी उसे रोकते हुए कहता है- यूँ अकेले तुम्हारा यह सफर करना ठीक नहीं है। अभी जो हुआ वह तुम देख चुकी हो, इसलिए तुम मुझ पर विश्वास रखो। मैं एक दोस्त की तरह तुम्हारे साथ चलूँगा और अगर तुम्हें मैं कहीं भी गलत लगूँ तो मैं खुद चला जाऊँगा।

सनी की बात पर थोड़ा विश्वास कर वो सनी के साथ ही बैठती है। क्योंकि वो पहले से कुछ डर गई थी। सनी के साथ ने उसके मन के डर को निकाल दिया। जिया, सनी के साथ अपने घर पहुँचती है, दादाजी भी हॉस्पिटल से घर आ चुके हैं, जिया को सनी के साथ आते देख सभी का गुस्सा और बढ़ जाता है, जिया आते ही दादाजी के बारे में पूछती है, मगर माँ उससे पूछती है, तू तनु के साथ गई थी पर ये सनी तेरे साथ कहाँ से आ गया ? जिया कोई जवाब देती उससे पहले पापाजी गुस्से में कहते हैं- अब हमारा तुझसे कोई वास्ता नहीं रहा इसलिए तू सिर्फ अपने दादाजी से मिलकर जिसके साथ आई है उसी के साथ यहाँ से वापस हमेशा के लिए चली जा।

यह सब सुनकर जिया स्तब्ध रह जाती है। उसको समझ नहीं आता सब ऐसे क्यों बोल रहे। सनी यह सोचकर वहाँ से चला जाता है कि मेरा जिया के साथ आना किसी को बिल्कुल अच्छा नहीं लगा मगर इस बीच सनी यह नहीं समझ पाया कि उसकी भेजी पेंटिग व कॉर्ड में उसके हाल-ए-दिल इजहार से जिया के मन में उसके लिए क्या है ? जिया सबको सनी के साथ आने की अपनी मजबूरी बताती है, पर कोई भी जिया की इस बात पर विश्वास नहीं करता।

जिया दादाजी से मिलती है, उनका हाल पूछती है। दादाजी को भी खामोश देख जिया रो पड़ती है। वह पूछती है- आखिर मेरी ग़लती क्या है ? क्यों आप सभी मुझसे यूँ नाराज है ?

माँ, जिया को वो पेंटिग व कॉर्डस दिखाते हुए पूछती है- यह सब क्या है ? और अगर तुम्हें लगता है कि इसमें तेरी कोई ग़लती नहीं है तो तूने क्यों यह सब हमसे छुपाया और सनी भी तेरे साथ मुम्बई क्यों गया ? क्यों तूने हम सबके विश्वास को इतनी बड़ी ठेस पहुँचाई ?

जिया यह सब देख सुनकर बहुत हैरान होती है क्योंकि वह खुद इन सब चीजों से अंजान थी। उसके जन्मदिन पर जो पार्सल आया था वह उसने तो खोलकर भी नहीं देखा था और बाद में वह उस पार्सल को बिल्कुल भूल चुकी थी और सनी मुम्बई गया है यह उसे नहीं पता था। लौटते वक्त सनी और वह एक ही ट्रेन में थे और कुछ हालातवश उसे सनी के साथ ही आना पड़ा। जिया के सच बताने के बाद भी कोई भी उसकी बातों पर विश्वास नहीं करता। जिया, दादाजी को अपनी बातों का यकीन दिलाने की कोशिश करती है। दादाजी जिया से कहते हैं- बेटा, हम तेरी बातों पर यकीन कर भी लें, पर तू मुझे ये बता दे कि कुछ दिन पहले सनी ने भरे बाजार में तेरा रास्ता रोकने की कोशिश की थी, यह बात सबको पता चली और उन्हीं में से मेरे एक जानने वाले ने मुझे बताया, पर तूने उसी वक्त हमें क्यों नहीं बताया ?

इस पर जिया कुछ खामोश हो जाती है क्योंकि इसके जवाब में उसे इसकी वजह भी बतानी पड़ती। जिया यह वजह बताकर अपने सपनों को नहीं टूटने देना चाहती। जिया की यह खामोशी सभी को यह विश्वास दिला देती है कि अब तक उसने जो भी कहा वो झूठ था। दादाजी, जिया की सच्चाई को समझकर भी नहीं समझ पाये। जिया फिर भी दादाजी से कहती है- आपकी यह बेटी गलत नहीं है। आप एक बार अपने दिल से समझने की कोशिश कीजिए। आप सबकी यह नफरत मुझे जीते जी मार देगी।

दादाजी कहते हैं- बेटा अगर तुम चाहती हो कि हम तुम पर विश्वास करे तो तुम्हें हमारी एक बात माननी पड़ेगी। हमने जो लड़का तुम्हारे लिए पसन्द किया है, तुम्हें उससे शादी करनी होगी। जिया मजबूर होकर शादी के लिए हाँ कर देती है। अगले ही दिन दादाजी लड़के वालों को बुलाते हैं। जिया इतनी जल्दी शादी नहीं करना चाहती है, पर वो इस बारे में किसी से नहीं कह पाती है। आज पहली बार जिया अपनों के बीच परायापन महसूस कर रही होती है। उसे तनु की बहुत याद आती है, पर तनु से उसकी बात नहीं हो पाती क्योंकि उसका मोबाइल ट्रेन में ही कहीं खो चुका था।

लड़के वाले जिया को पहली नजर में ही पसंद कर लेते हैं। चार दिन बाद वो लोग वापस लंदन जा रहे हैं।इसलिए जाने से पहले जिया को अपनी बहू बनाकर अपने साथ ले जाना चाहते हैं। लड़के वाले उसी वक्त सगाई कर देते हैं, चार दिन बाद शादी का शुभ मुहूर्त निकलता है। इस बीच जिया कुछ नहीं समझ पा रही कि वो क्या करे। शादी की रस्में शुरू हे जाती है, जिया के सपने उसकी आँखों से आँसू बनकर बह रहे होते हैं और घर में सभी की आँखों में खुशी की एक नई चमक होती है, पर दादाजी कुछ उदास होते हैं। यह देख जिया उनके पास आती है और कहती है- घर में सभी मेरी इस शादी से बहुत खुश हैं, मगर आप इतने उदास क्यों हैं ?

दादाजी कहते हैं- बेटा मैं जानता हूँ, तू इस वक्त इस शादी से बिल्कुल खुश नहीं है पर बेटा तू अपने दादू पर विश्वास रख। यह शादी तेरे जीवन में ख़ुशियाँ भर देगी और जब तू खुश होगी तभी हमें खुशी होगी। बेटा, तुमने हमारी बात का मान रखा इसलिए अब हमें तुझसे कोई नाराज़गी नहीं है।

दादाजी के इस स्नेह से जिया का मन भर आता है, वह चाह कर भी अपने मन की बात नहीं कह पाती है। शादी का दिन आता है। जिया दुल्हन बनने की तैयारी में होती है तभी तनु मुम्बई से लौट कर जिया से मिलने उसके घर आती है। यहाँ शादी का माहौल देख तनु आश्चर्यचकित रह जाती है। ताईजी से पूछने पर जिया की शादी का पता चलता है तो तनु स्तब्ध रह जाती है। उसकी समझ नहीं आता कि अचानक यह सब कैसे हो गया। वह तुरन्त जिया से मिलकर उससे सब कुछ पूछती है। जिया, तनु के गले लगाकर रोते हुए सारी बात बताती है। तनु उसको हौसला देते हुए कहती है- मैं तेरे सपनों को ऐसे नहीं टूटने दूँगी और तुझे नहीं पता कि तू कौशिकजी की फिल्म के लिए साइन कर ली गई है। प्रेम यह खुशख़बरी खुद तुझे बताना चाहते थे इसलिए उन्होंने तुझे फोन भी किया पर तेरा मोबाइल बन्द आ रहा था इसलिए मेरे यहाँ आते वक्त उन्होंने मुझे तेरे लिए यह लेटर दिया है। जिया, अपनी मंज़िल के इतने करीब आकर तू पीछे नहीं हट सकती, मैं तेरे साथ हर कदम पर हूँ और तुझे यूँ पीछे नहीं हटने दूँगी। मैं तेरे लिए कोई रास्ता निकालूँगी।

यह कहकर तनु वहाँ से चली जाती है। जिया समझ नहीं पाती कि आखिर तनु करने क्या जा रही है ? तनु आकर सनी को बताती है कि आज जिया की शादी होने वाली है। यह सुनकर सनी स्तब्ध रह जाता है। यूँ अचानक जिया की शादी क्यों हो रही है ?

तनु कहती है- यह सब तुम्हारी वजह से हो रहा है। तुम्हारे एक तरफ़ा प्यार ने जिया के सपनों को तोड़ दिया। उसकी खुशियों को अपनी बेबसी के आँसुओं में बदल दिया। आज जिया के साथ जो हो रहा है उसके जिम्मेदार सिर्फ तुम हो। सनी, अगर तुम चाहो तो अभी भी जिया के सपनों को टूटने से बचा सकते हो।

सनी कहता है- मैं जिया की खुशी के लिए कुछ भी कर सकता हूँ। जिया की जिंदगी के आगे मैं, मेरी जिंदगी भी कुर्बान कर सकता हूँ।

तनु, सनी को एक आइडिया बताती है और सनी को साथ लेकर चुपके से जिया के रूम में आती है। तनु व सनी को साथ आते देख जिया हैरान होती है। तनु, जिया से कहती है- तुम इसी वक्त सनी के साथ यहाँ से निकल जाओ और यहाँ मैं सब कुछ संभाल लूंगी।

जिया को समझ नहीं आता कि तनु यह क्या कर रही है। तनु, जिया को समझाते हुए कहती है- तू सनी के साथ मुम्बई जा। अपने सपनों को सँवारने और यहाँ तेरी जगह दुल्हन मैं बनूँगी। घूँघट की वजह से कोई मुझे नहीं पहचान पायेगा। अभी शादी होगी और तुरन्त विदाई। ऐसे में घर वालों को घूँघट हटाने का समय ही नहीं मिलेगा और विदाई के बाद जो होगा मैं सब संभाल लूँगी।

जिया कहती है- मैं अपने सपनों के लिए तेरे सपनों की कुर्बानी नहीं होने दूँगी।

इस पर तनु, जिया को प्यार से कहती है- मेरे सपने तेरे सपनों से जुड़े हैं।

तनु की दोस्ती पर जिया को नाज होता है नाज, वो नम आँखों से तनु से गले मिलती है और सनी के साथ वहाँ से चली जाती है। तनु दुल्हन का जोड़ा पहन कर खुद तैयार होकर घूँघट कर मण्डप पर आती है। शादी होने के बाद विदाई के वक्त दादाजी उससे कहते हैं- बेटा तू हम सबसे बहुत दूर जा रही है पर तू हम सबके दिलों में पहले की तरह ही रहेगी इसलिए तू कभी भी हमें अपने से अलग मत समझना और तेरे मन में जो भी बात हो हमसे कभी न छुपाना।

सबकी इन बातों से तनु का दिल भर आता है। उसे इस वक्त अपने माँ -पापा की बहुत याद आती है। उन्हें तो मालूम भी नहीं है कि उनकी बेटी शादी करके उनसे बहुत दूर जा रही है। तनु जाने से पहले किसी तरह अपने माँ -पापा से मिलता चाहती है। विदाई होने के बाद तनु एयर पोर्ट पहुँचती है। यहाँ उसकी सासू माँ तनु से घूंघट हटाने को कहती है। तनु अपना घूँघट हटाती है तो उसे देखकर सभी अवाक् रह जाते हैं।

किसी के कुछ पूछने से पहले ही तनु सबको बताती है- मैं जिया की दोस्त तनु हूँ। तनु सबको जिया की पूरी बात बताती है और सबसे माफी मांगते हुए कहती है- अगर मैं आपको आपकी बहू स्वीकार नहीं हूँ तो मैं चुपचाप यहाँ से चली जाऊँगी, पर आपसे मेरी रिक्वेस्ट है आप दिया को गलत मत समझियेगा और न ही इस बारे में जिया के घर में किसी को कुछ बताना वरना उसका परिवार और उसके जीवन की ख़ुशियाँ सब कुछ बिखर जायेगा।

तनु की ये बातें सुनकर सासू माँ उससे कहती है- तुमसे अच्छी बहू तो हमें शायद इस दुनिया में और कहीं नहीं मिल सकती, जो रिश्तों को निभाना इतनी अच्छी तरह जानती है। उससे रिश्ता हम कैसे तोड़ सकते हैं। ईश्वर ने हमें हमारी सोच से अच्छी बहू हमें दी है। तनु हमें तुमसे कोई शिकायत नहीं है और न ही जिया से।

तनु खुद को बहुत खुशनसीब समझती है। यह नया परिवार पाकर, तनु अपने माँ पापा से मिलकर उन्हें भी सारी बात बताती है। उन्हें भी अपनी बेटी के इतने अच्छे रिश्ते से बहुत खुशी होती है। वो भी अपनी बेटी की विदाई बड़े अरमान से करते हैं। जिया, सनी के साथ मुम्बई पहुँचती है। यहाँ आकर जिया, सनी का शुक्रिया अदा करते हुए कहती है- अब तक जो भी हुआ मैं उसे भूल जाना चाहती हूँ और तुमसे भी यही उम्मीद करती हूँ कि तुम भी मुझसे जुड़ी हर बात को भूल जाओ क्योंकि अब हमारे रास्ते अलग हो रहे हैं इसलिए मैं नहीं चाहती कि तुम इसी राह पर मेरा इंतजार करते रहो।

अभी भी जिया के दिल में अपने लिए कोई अहसास न देखकर सनी उससे कहता है- मेरे जीवन की राहें तभी आगे बढ़ेगी जब तुम इसमें शामिल होगी पर ऐसा तो इस जन्म में हो नहीं सकता इसलिए मैं तुमसे वादा करता हूँ कि अब कभी भी मैं तुम्हारे जीवन के किसी भी मोड़ पर तुम्हारे सामने नहीं आऊँगा।

दोनों के रास्ते अलग हो जाते हैं। जिया, सनी से दूर प्रेम के पास आती है। जिया को प्रेम अपने घर पर ही ठहरने को कहता है। प्रिया की शादी के बाद उसके माँ -पापाजी तीर्थयात्रा पर गए हुए हैं इसलिए जिया यहाँ खुद को अकेला महसूस करती है, मगर प्रेम का साथ व विश्वास जिया का हौसला बढ़ाता है। जिया अपने मन की सारी बात प्रेम से शेयर करती है। जिया की मुश्किलों को समझते हुए उससे कहता है- तुम अपना जो भी पीछे छोड़ आई हो उसे वापस पाने के लिए तुम्हें पूरे विश्वास से आगे बढ़ना है और देखना जब तुम्हें तुम्हारे सपनों की मंज़िल मिलेगी तब तुम्हारा छूटा हुआ परिवार भी तुम्हें इसी विश्वास के साथ मिल जायेगा कि तुम और तुम्हारे सपने गलत नहीं थे। जिया इस बात में तुम हमेशा विश्वास रखो कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है और कुछ खोने के बाद ही पाने की पाने की अहमियत पता चलती है, यही जीवन में आगे बढ़ने का ज़रिया है, इसलिए अब तुम्हें जो पाना है उसके बारे में सोचो।

प्रेम की इन बातों से जिया को एक नई शक्ति मिलती है और आने वाली एक नई सुबह के लिए खुद को तैयार करती है। तनु, जिया को फोन करके सारी बात बताती है। जिया के मन बहुत खुशी होती है। तनु को एक बहुत अच्छा परिवार मिल गया और उसके सपने भी टूटने से बच गए। इससे दोनों बहुत खुश होती हैं।

अगले दिन जिया देवी माँ का आशीर्वाद लेकर प्रेम के साथ फिल्म के सेट पर आती है। शूटिंग का पहला दिन बहुत अच्छा जाता है। फिल्म की स्क्रिप्ट बहुत खास होती है। यह जिया के पास पहला मौका है, जो जिया को पहली फिल्म से ही सुपरस्टार बना सकती है। जिया खुद को पूरी तरह समर्पण कर देती है एक्टिंग में। प्रेम हर तरह से जिया की बहुत केयर और पूरा सपोर्ट करता है। कुछ महीनों में फिल्म की शूटिंग पूरी हो जाती है। इसके सेलेब्रेशन में प्रेम, जिया के लिए एक सरप्राइज़ पार्टी प्लान करता है।

जिया को घर से पार्टी में लाने के लिए प्रेम ड्राइवर से कार भेजता है, क्योंकि प्रेम जिया का वेल्कम कुछ अलग अंदाज़ में करना चाहता है। ड्राइवर जिया को लेके पार्टी में आ रहा होता कि रास्ते में नशे में चल रहे एक व्यक्ति को बचाने के चक्कर में कार का एक्सीडेंट हो जाता है। एक्सीडेंट होता देख तुरंत वो व्यक्ति कार के पास आता है। जब वो कार के अंदर जिया को देखता है तो स्तब्ध रह जाता है। उसका नशा पल में गायब हो जाता है। यह व्यक्ति सनी होता है। कार में ड्राइवर व जिया बहुत बुरी हालत में होते हैं। सनी तुरंत दोनों को हॉस्पिटल लेकर आता है। इस बीच ड्राइवर की मौत हो जाती है और जिया की साँसें थम सी रही होती है। डॉक्टर जिया को आई. सी. यू में लाते हैं और उसका ट्रीटमेंट करते हैं।

इधर प्रेम, जिया का इंतजार कर रहा होता है, तभी कार एक्सीडेंट की खबर पहुँचती है। प्रेम तुरंत हॉस्पिटल आता है, और डॉक्टर से मिलकर जिया के बारे में पूछता है, डॉक्टर कहते हैं- उनका ट्रीटमेंट चल रहा है पर अभी कुछ कह नहीं सकते क्योंकि उनकी हालत बहुत गंभीर है अभी और अगर कुछ घण्टों में होश नहीं आया तो कुछ भी हो सकता है इसलिए.. आप दुआ कीजिए कि उनको जल्दी होश आ जाए।

प्रेम दिल से दुआ करता है जिया के लिए, प्रेम देवी माँ के दरबार में आता है, यहाँ वो देखता है कि एक व्यक्ति १०८ सीढ़ियां घुटनों के बल बैठकर व हाथों में कपूर जलाकर देवी माँ तक पहुँचता है। कोई बताता है कि इससे देवी माँ अवश्य प्रसन्न होती है, और माता रानी हर मुराद पूरी करती हैं । जिस व्यक्ति को ऐसा करते देख प्रेम यही मन्नत रखता है, वह व्यक्ति सनी होता है.. जो जिया की सलामती के लिए यह कर रहा था, पर प्रेम, सनी को नहीं जानता। प्रेम भी इसी तरह देवी माँ के दरबार में पहुँचता है, पहले सनी माँ के दरबार में पहुँचता है वो सिर झुकाकर सच्चे मन से जिया की सलामती की दुआ करता है।

सनी की प्रार्थनाएँ की ऐसी लगन देख कर पण्डितजी उससे कहते हैं- माँ बड़ी दयालु है वो तुम्हारी मुराद अवश्य पूरी करेगा, और तुम्हारी मुराद पूरी होने के बाद जिसके नाम की तुमने मन्नत माँगी है वो मन्नत पूरी होने के बाद उसके नाम का यहाँ माता रानी के सामने हवन करवाना होगा।

देवी माँ का आशीर्वाद लेकर सनी वापस हॉस्पिटल चला जाता है। इसके बाद प्रेम दरबार तक पहुँचता है। वो भी सच्चे मन से जिया के लिए दुआ करता है और पण्डितजी उससे भी वही बात कहते हैं जो सनी से कही थी। प्रेम भी देवी माँ का आशीर्वाद लेकर हॉस्पिटल पहुँचता है। जिया को होश आता है। उसकी जान अब खतरे से बाहर है, मगर जिया की आँखों की रोशनी चली गई है। डॉक्टर यह बात प्रेम को बताते हैं। चुपके से सनी जब ये बात सुनता है तो उसके पैरों तले ज़मीन खिसक जाती है। वह बहुत दुखी हो जाता है, क्योंकि इस सबका जिम्मेदार वो खुद को मानता है।

जिया को जब होशा आता है तो वो बहुत परेशान होने लगती है। उसको कुछ दिखाई नही देता तो घबरा कर वो चीखते हुए रोने लगती है। प्रेम उसके पास आकर उसको सीने से लगा कर प्यार से उसको समझाने की कोशिश करता है मगर जिया बस रोती रहती है। डॉक्टर उसको नींद का इंजेक्शन देकर सुला देते हैं और प्रेम से कहते हैं- जिया की आँखों का ऑपरेशन कर दूसरी आँखें लगाने से जिया फिर से देख सकेगी, पर इसके लिए जल्द से जल्द कहीं से हमें आँखों का इंतज़ाम करना होगा।

सनी से जिया की ये हालत देखी नहीं जाती। वो डॉक्टर की यह बात सुनकर जिया को अपनी आई डोनेट करने का फैसला करता है, सनी अपनी आँखें जिया के नाम डोनेट कर हॉस्पिटल से बाहर सुसाइड कर लेता है, यह बात जब प्रेम को पता चलती है तो उसे हैरानी होती है, कि आखिर यह कौन है ? जिसने जिया के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी।

जिया की आँखों का ऑपरेशन होता है, कुछ दिन बाद जिया की आँखों की पट्टी खुलती है, तो उसे अपने सामने सनी के सामने होने का एहसास होता है.. जिया आँखें खोलती है तो उसका पूरा परिवार उसके सामने होता है, सबको देखकर जिया की आँख में आँसू आ जाते हैं। सभी लोग सारे गिले -शिकवे भुलाकर जिया को गले से लगा लेते हैं, सबकी नाराज़गी दूर देख जिया बेहद खुश होती है, जिया पूछती है- आप सबको मेरे बारे में किसने बताया ?

दादाजी बताते हैं- सनी हमारे पास गया था उसने हमें सारी बात समझाई। उस बीच जो भी हुआ उसमें वही जिम्मेदार था। ये सब जानकर जिया बहुत हैरान होती है। उसका मन सनी के लिए बेचैन होता है और बार-बार उसे अपने आस-पास सनी के होने का एहसास होता है। डॉक्टर, जिया को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर देते हैं, प्रेम के मम्मी -पापाजी जिया के परिवार वालों को कुछ दिन के लिए अपने घर रुकने को कहते हैं। जिया की फिल्म भी कुछ दिन में रिलीज होने वाली है, इसलिए सभी यहीं रुकते हैं।

कौशिकजी जिया से मिलने आते हैं। और कहते हैं, ४ दिन बाद फिल्म रिलीज होने वाली है, और अब तुमको मीडिया के सामने आना होगा। अपने इस नये जीवन व नये आत्मविश्वास के साथ फिल्म की पब्लिसिटी करनी होगी। सभी जिया के लिए बहुत खुश होते हैं। जिया के इस नये जीवन में उसके सारे सपने सच होने वाले हैं। प्रेम बताता है- कल सुबह जिया को हमारे साथ देवी माँ के दरबार में जाना है हवन के लिए। अगले दिन सभी लोग उसी मंदिर में आते हैं। प्रेम, जिया के साथ हवन के लिए बैठता है, तभी पण्डितजी कहते हैं, जिया बेटी यहाँ आपके लिए जिसने पहले मन्नत माँगी थी, आपको उसी के साथ पहले हवन में बैठना होगा।

यह सुनकर सभी स्तब्ध रह जाते हैं। प्रेम के पहले किसने यहाँ जिया के लिए मन्नत माँगी थी ? इससे सभी अंजान हैं। जिया, पण्डितजी से उसके बारें में पूछती है।

पण्डितजी बताते हैं- उसने अपना नाम सनी बताया था। सनी का नाम सुनकर सभी हैरान होते हैं मगर इस वक्त सनी कहाँ है? यह कोई नहीं जानता। इतना सब कुछ जानकर प्रेम सारी बात समझ जाता है। जिया का मन सनी के लिए बहुत बेचैन होता है, वो सनी से मिलना चाहती है। तभी प्रेम बताता है, सनी अब इस दुनिया में नहीं है।

सनी ने जिया की जिंदगी की सलामती के लिए मंदिर में मन्नत माँगी थी और जिया को अपनी आँखें दान करके सुसाइड कर लिया।

जिया मैंने सनी को जितना भी जाना था उसमें बस तुमको ही पाया। आप सभी उसे गलत समझते रहे पर उसके मन में जिया के लिए कुछ भी गलत नहीं था। यह सच है कि सनी, जिया से बेइंतहा प्यार करता था। यह सच जानकर सभी का दिल रो पड़ता है। सनी के सच्चे प्यार का एहसास आज जिया को हुआ पर अब बहुत देर हो चुकी है। वो चाहकर भी सनी को नहीं मिल सकती। जिया की आँखों में आँसू देखकर पण्डितजी कहते हैं- बेटी सच्चा प्यार हमेशा पाने का ही नाम नहीं होता। बलिदान में तो सबसे महान प्रेम होता है और यही सनी ने साबित कर दिखाया। वो अपने जीते जी न सही मगर मरकर वो आपके दिल में अपने प्यार को अमर कर गया।

हवन होने के बाद सभी घर आते हैं, जिया बहुत उदास होती है। वो अपनी फिल्म की पब्लिसिटी के लिए भी नहीं जाती, जिया खुद को अकेला करके सनी के बारे में ही सोचती रहती। इससे सभी बहुत दुखी होते हैं, कोई भी जिया को इस हाल में नहीं देख सकता। दादाजी जिया से कहते हैं- बेटा तुम्हारे ऐसे दुखी रहने से क्या सनी वापस लौट आयेगा और तुम तो अपने आज में जीने वाली लड़की हो, फिर क्यूं बीते हुए कल के लिए तुम अपने आज की ख़ुशियों को नज़रअंदाज़ कर रही हो? तुम्हारी ये खुशियाँ जिन्हें पाने के लिए तुमने हम सभी को खुद से दूर कर लिया था।

दादाजी मेरी जिंदगी की इन ख़ुशियों में सनी का जीवन क़ुर्बान है, इसलिए ये ख़ुशियाँ बार-बार मुझे सनी की याद दिला रही है।

पर बेटा इन यादों को तुम अपने जीवन का ठहराव न बनने दो, तुम्हें अभी बहुत आगे जाना है, इसलिए खुद को इतना कमजोर न पड़ने दो।

दादाजी की बात को समझते हुए जिया अपने काम पर निकलती है। प्रेम की माँ, दादाजी से प्रेम के लिए जिया का हाथ माँगती है। जिया को इस वक्त एक सच्चे साथी की बहुत जरूरत है इसलिए अगर आप सबकी मर्जी हो तो प्रेम व जिया की शादी करा देते हैं।

जिया को ऐसे हाल से बाहर निकालने के लिए दादाजी इस रिश्ते के लिए हाँ कर देते हैं पर उन्हें आशंका होती है कि जिया अभी शादी के लिए राजी होगी ?

प्रेम की माँ कहती है- आप इस बारे में मत सोचिए। प्रेम, जिया से बहुत प्यार करता है, यह जिया जानती है। इसलिए जिया इस शादी से इंकार नहीं करेगी। शाम को सभी एक साथ होते हैं। सबके बीच दादाजी इस शादी की बात चलाते हैं। इस रिश्ते से प्रेम और सभी बहुत खुश होते हैं मगर जिया खुश नहीं होती है। वह उठकर अपने रूम में चली जाती है।

प्रेम, जिया के पास आता है- जिया मैं तुम्हारे मन की बात समझ सकता हूँ। तुम अभी शादी नहीं करना चाहती हो और न ही दादाजी को इंकार कर सकती हो इसलिए मैं ही खुद इंकार कर दूंगा। जिया की माँ प्रेम की ये बात सुन लेती है। प्रेम आकर शादी से मना कर देता है, उसकी माँ इसकी वजह पूछती है तो वो चुपचाप वहाँ से चला जाता है। जिया की माँ अकेले में जिया को समझाती है- तूने पहले भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए एक अच्छा रिश्ता छोड़ दिया और अब भी तू ऐसा क्यूँ कर रही है।

प्रेम तुझसे बहुत प्यार करता है, पर तू उसके प्यार को भी नहीं समझ रही। जिया बेटा तू हमेशा अपने बारे में ही क्यों सोचती है। क्यों तू वक्त रहते किसी और का ख्याल नहीं करती ?

माँ की बातों पर जिया रो पड़ती है, माँ मैं इस वक्त ठीक से कुछ नहीं समझ पा रही हूँ, मेरा मन खुद को सनी का दोषी मानता है, मेरे लिए उसने अपनी जिंदगी गँवा दी और मैं उसकी कोई अहमियत न समझ सकी, मगर अब मैं प्रेम के प्यार की अहमियत समझती हूँ और उसे खोना भी नहीं चाहती, मगर मुझे कुछ वक्त चाहिए उसे अपनाने के लिए।

अगले दिन प्रेम का जन्मदिन और जिया की फिल्म रिलीज होने वाली है इसलिए इन दोनों ख़ुशियों का जश्न एक साथ मनाने की तैयारियां होती है। तनु, जिया को फोन करती है और जल्दी ही वो उससे मिलने आने को कहती है। तनु, जिया को प्रेम के लिए समझाते हुए कहती हैं- तू बीते हुए कल को अपने आज पर हावी मत होने दे, सनी ने तेरे लिए जो भी किया उसमें उसका बेइंतहा प्यार था जिसका एहसास तुझे अब हुआ जब वो तुझसे बहुत दूर जा चुका है, इसलिए जिया अब तू सिर्फ अपने दिल की मान। क्या तू उसी एहसास को जीना चाहती है, जो तुझे कभी वापस नहीं मिल सकता या तू उस प्यार को जीना चाहती है जो तेरे इंतजार में है और तेरे सपनों की मंज़िल जहाँ तू पहुँच रही है इस मंज़िल पर जो तेरे साथ है वही तेरा सच्चा हमसफर हो सकता है।

तनु से बात करके जिया का बोझिल मन काफी हल्का होता है। अगले दिन फिल्म रिलीज होती है। इसकी ओपनिंग काफी अच्छी होती है। मीडिया की नजरों में जिया छा जाती है। सारा दिन इसी में जाने के बाद शाम को जिया प्रेम की बर्थडे पार्टी आती है, मीडिया वाले यहाँ भी मौजूद होते हैं, इस पार्टी में जिया प्रेम को शादी के लिए प्रपोज करती है।

इससे सभी खुशी से हैरान होते हैं। प्रेम तो अपने जन्मदिन पर इतना प्यारा सरप्राइज़ तोहफ़ा पाकर खुशी से झूम उठता है। मीडिया वाले करियर के शुरूआत में ही शादी के इस डिसीजन पर कई सवाल करते हैं। जिया सबके सवालों का बस एक ही जवाब देती है- हम दिल से जिस चीज को पसंद करते हैं, उसे पाने के लिए हमें कल का इंतजार नहीं करना चाहिए, क्योंकि हमारा यह आज फिर कभी वापस नहीं आयेगा।।


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