भिखारी
भिखारी
सड़क पर थी ट्रैफिक था, लालबत्ती सिगनल दे रही थी तो मैं भी गाड़ी में रुक कर ट्रैफिक हटने का इंतजार कर रहा था।
देखा सड़क के एक किनारे एक घायल पिल्ला पड़ा था। वह दर्द से कराह रहा था। मन तो किया जाकर उठा लूँ पर मैं मजबूर था जा नहीं सकता था।
देखा वहा से लोग गुजर रहे हैं पर लोग देख रहे हैं नजर अंदाज कर रहे हैं।
तभी देखा एक भिखारी आया उसने बड़े प्रेम से उसे गोद लिया उसके घाव पर अपने फटे धोती से पट्टी की और अपने पास रखी बोटल से पानी पिलाया।
उसे देख कर लग रहा था कि आज भी इंसानियत किसी ना किसी रुप मे जिंदा है ,वरना लोग तो पैसे कमाने के होड़ मे लगे रहते हैं। यह तो पिल्ला था वरना इंसानों को भी नजरअंदाज कर देते हैं।