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Anshu sharma

Drama Inspirational

5.0  

Anshu sharma

Drama Inspirational

बच्चों के दोस्त बने एक हद तक

बच्चों के दोस्त बने एक हद तक

2 mins
590


आजकल माता-पिता अपने बच्चे को एक दोस्त बताना या बच्चों की नजर में एक दोस्त बनना पसंद करते हैं जिससे आजकल के माहौल को देख कर बच्चे बिगड़ रहे हैं और घर में बातें कम शेयर करते हैं दोस्त बनने की एक वजह यह भी है की बच्चे बेझिझक अपनी बातें अपने माता पिता से बता पाते हैं ।

बहुत ज्यादा अनुशासन की वजह से बच्चे कई बार अपने माता पिता से अपने मन की बात नहीं बता पाते, डरते हैं और आजकल व्यस्त जिंदगी मे माता पिता नौकरी के लिए जाते हैं और अपने बच्चों को कम टाइम दे पाते हैं जिससे बच्चो के साथ क्या हो रहा है या वह क्या सोच रहे हैं इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है ।

घर पर रहने वाली घरेलू महिला अपने बच्चों के चेहरे को जल्दी पढ़ लेती है क्योंकि वह नौकरीपेशा वालो की अपेक्षा उनके साथ ज्यादा समय बिताती है ।

माता पिता आज भी बच्चे की पैदाइश से लेकर उसके व्यस्क होने तक बच्चों की चिंता में घिरे रहते है।

बच्चों के दोस्त बने लेकिन कुछ हद तक जहाँँ उन्हें माता पिता की अनुशासन और धैर्य की जरूरत है वहां पर वह सिखाएं।नजर जरूर रखे क्या कर रहे है ?।कौन दोस्त है ? छूट दे पर हद तक । आपको पता होना चाहिये कि बच्चे के मन मे क्या चल रहा है ?कुछ छिपा तो नही रहे ,कोई डर तो नही है।

कई बार ज्यादा दोस्त कहलाने के लिए माता पिता का स्थान खो देते हैं और बच्चे जवाब देने शुरू कर देते हैं या अपनी बात बताना पसंद नहीं करते बच्चों को गलत बातों पर डांटना ,अनुशासन सिखाना , संवेदनशील बनाना , यह सब माता पिता ही बच्चों को सिखा सकते हैं और गलत बातों पर उन्हें डाटेंं , बच्चों के साथ समय बिताएं और उनका आत्मविश्वास जगाएं।


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