हिसाब किताब
हिसाब किताब
"क्या बात है मुरारी आज तो बड़ा चुप चुप सा है, रोज तो बड़ा चक चक करता रहता है "
दुकान मालिक ने अपने यहाँ काम करने वाले युवक से पूछा
"कुछ नहीं भाई साहब एक दुविधा में फंस गया हूँ कुछ समझ नहीं आ रहा क्या करूँ"
"अरे हुआ क्या, कुछ बताएगा भी या यूँ ही पहेलियां बुझाता रहेगा"
"वो क्या है भाई साहब मेरे लिए एक रिश्ता आया है, लड़की ग्रेजुएट है, टीचर ट्रेनिंग भी करी हुई है जल्दी ही सरकारी नौकरी लगने वाली है, बाप भी बहुत पैसे वाला है, 25 लाख का मकान, गाड़ी के साथ जूलरी भी देने की बात है "
"अरे बावले तो इसमें दुविधा की क्या बात है, कर ले ना शादी"
"नहीं भाई साहब, वो क्या है लड़की को बचपन में पोलियो हो गया था इसकारण एक पाँव काम नहीं करता, चलने में परेशानी है, बैसाखियों के सहारे चलती है"
"ओह ..... ऐसा, अच्छा सुन मुरारी, मैं तुझे कितनी तनख्वाह देता हूँ ... साढ़े तीन हजार..... है ना और अभी तेरी उम्र क्या है 25 साल अब तू सोच, तू बूढ़ा भी हो जाएगा तो भी 25 लाख का मकान, गाड़ी ये सब बना पायेगा ? और.....बीबी की सरकारी नौकरी ...अरे तेरी तो उम्र भर की रोटी और ऐश हो गए बेटा .... आज के जमाने में आदमी को और क्या चाहिए, और एक बात बता तू किसी और लड़की शादी करे और बाद में उसको कुछ हो जाये तो क्या करेगा, इसलिए ज्यादा सोच विचार ना कर ऐसा मौका फिर नहीं मिलने वाला, अरे तेरी तो किस्मत खुल गई, अब मुंह मीठा करवा जल्दी से"
और मुरारी मिठाई लेने चला गया ........
तभी दूसरा कर्मचारी बोला
"भाई साहब ... जो इतना माल नहीं मिलता तो भी मुरारी दिव्यांग लड़की से शादी कर लेता" ....??
"अरे बेटा पैसे में बड़ी ताकत होती है अच्छे अच्छे का ईमान बिगाड़ देता है "
पलट कर मुरारी आता है
और बोलता है ...
"आपने बिल्कुल सही बोला भाईसाहब ....पैसे में बड़ी ताकत होती है, तब ही तो मेरी बुआ उम्र भर बिन ब्याही रह गई क्योंकि वो भी विकलांग थी और मेरे पिता के पास दूल्हा खरीदने को धन नहीं था, लेकिन मैं ऐसा नहीं करूंगा मैं बिना दहेज लिए ही शादी करूँगा, आप सब जरूर आना और देखना, हाँ अब जा रहा हूँ मैं मिठाई लेने"