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गुमशुदा भाग 11

गुमशुदा भाग 11

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भाग 11

 

मगन बोला, लड़की वाकई में गजब की टैलेंटेड है देशमुख! जो बात हममें से किसी के ध्यान में नहीं आई उसे उसने तुरंत पकड़ लिया।

हां यार, देशमुख बोला, जितनी सुंदर है उतनी ही तेज भी है। सुधीर ने बढ़िया दोस्त पकड़ रखी है, कहकर वह जोर से हंस पड़ा।

मगन राठौर बोला, देखो मैं तुमसे उम्र में काफी बड़ा हूँ और दुनियाँ देख चुका हूं, एक बात सुनो, इन दोनों के मन में एक दूसरे के प्रति काफी प्रेम है लेकिन दोनों गंगा यमुना की तरह पवित्र हैं। मैंने उस लड़की की आंखों में जो चारित्रिक दृढ़ता और रोशनी देखी है वैसी अन्यत्र दुर्लभ है। सुधीर इज अ लक्की गाय!!

बात सच कही मगन जी, लेकिन अब बताओ केस का क्या करें? गोविंद बनमाली का मालवी के साथ उसी टैक्सी में होना तो कोई संयोग तो नहीं हो सकता! जब टैक्सी उसी के बेटे के अपहरण से जुड़ी हुई है।

मगन बोला, सच है! गोविंद को फौरन से पेश्तर दबोचना चाहिए। वही बताएगा कि राज क्या है!

देशमुख बोला, मेरे विचार से गोविंद पर नजर रखनी चाहिए, अगर सलाहुद्दीन मालवी से उसका संपर्क है तो हम उसके जरिये उस तक पहुंच सकते हैं अगर अभी इसे पकड़ लिया तो वो सावधान हो जाएगा और भाग भी सकता है।

मगन ने विचार किया और बोला 'डन'!!

उसी रात देशमुख गोविंद बनमाली के मकान के सामने वाली सड़क पर अपनी मोटरसाइकिल से टेक लगाए सिगरेट पी रहा था। मगन राठौर उसके घर के पिछवाड़े मौजूद था। डिपार्टमेंट के आदेश पर गोविंद बनमाली के फोन को रिकार्ड किये जाने की व्यवस्था कर दी गई थी। गली के दूसरे कोने पर एक पुलिस जिप्सी पुलिसियों से लैस तैनात थी। सुधीर के मोबाइल पर हेडक्वार्टर से एक फोन आया, हेलो सर! आपका पंछी रात डेढ़ बजे किसी से मिलने अक्सा बीच जाएगा, अभी फोन पर बात हुई है।

ओके कहकर देशमुख ने फोन काट दिया और मगन को कॉल करके यह सूचना दे दी। दूसरा कॉल करके उसने अपने थाने पर सूचना दी और सादी वर्दी में छह पुलिसवालों को अक्सा बीच पहुंचकर अड्डा जमाने की आज्ञा दे दी।

रात साढ़े बारह बजे गोविंद के घर से एक साया निकला। उसने हाथ में एक बड़ा सा बैग पकड़ रखा था जैसा गोल्फर टांग कर चलते हैं। बाहर आकर उसने इधर उधर देखा और बगल में खड़ी अपनी खड़ खड़ करती मारुति वैगनआर में सवार हो गया। सामान का बैग उसने पिछली सीट पर रख दिया था। जैसे ही गोविंद की कार आगे बढ़ी, देशमुख अपनी बाइक से उसके पीछे लग गया और पुलिस की जिप्सी भी सुरक्षित दूरी बनाकर पीछा करने लगी। मगन राठौर दिखाई नहीं दे रहा था लेकिन वह भी जरूर आस पास ही होगा ऐसा देशमुख को विश्वास था।

लगभग एक बजे के करीब गोविंद अक्सा बीच पहुंच गया। पुलिसवाले साये की तरह उसके पीछे लगे हुए थे। वह जाकर बीच के एक कोने में बने कॉटेज में जाकर बैठ गया। देशमुख और मगन वगैरह ने अपने साथियों समेत सुरक्षित स्थान पर पोजिशन ले ली थी। रात लगभग दो बजे एक काले रंग की कार आकर वहाँ रुकी।


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