मनु के निष्पाप आँसू
मनु के निष्पाप आँसू
मनु यानि हमारे जीवन के नायक एक तरह से कहूँ तो पुरूष की छवि जो थी मन में एकदम से सटीक बैठते हैं। एक बार की घटना साझा करना चाहूँगी जब मनु के आँसुओं को हमने बहते हुये देखा तब एहसास हुआ की पुरूष का मन भी कितना कोमल होता है। वह भी धड़कता है किसी के लिये, आखिर काहे ना हो शिव ने यह संरचना भी तो सुंदर ही बनायी है।
एक दिन हम लोग बैठकर बहुत ही सुंदर समय बिता रहे थे कि बरसात की छोटी छोटी बूंदे चेहरे को छू रही थी और हमने मज़ाक में कह दिया कि आप के जीवन में कोई और भी है हमारे अलावा? अरे बस फिर क्या कहना था कि आँखों से बरसात की बूँदों की तरह आँसू बह निकले और मुंह से कोई बात नहीं, उस दिन हमको एहसास हुआ कि हम मनु के लिये क्या है, वाकई में पुरूष भी किसी को टूटकर चाह सकते है यह एहसास किया।