मसीहा
मसीहा
मसीहा
"सर, आदेश मिलते ही हम ने अब्दुल चाचा को गिरफ़्तार तो कर लिया और टी वी पर समाचार भी आ गया कि धर्म विवाद को भड़काने का आरोपी पकडा गया |"
"पर ....समझ नही आया कि ये मुफ़लिसी में जीने वाला और अपने सन्देशों से "जियो और जीने दो "का भाव देने वाले आम शख्स को किस अपराध में गिरफ़्तार करवाया |"
"अगर....."
"तुम सही कह रहे हो |आफिसर , ये बेकुसूर है परंतु राजनीति का शिकार हो गया |इसने कभी बेजुबान जानवरो की बलि देकर ईद की खुशी नही मनाई पर आज धर्म की आग फैलाने वालों ने इन्हें निशाना बना रखा था और उन्माद फैलाने की साजिश थी |समय रहते खबर मिलते ही इस शांति के मसीहा की जान बचाने के लिये ये नाटक करना पडा ताकि किसी बेगुनाह की बलि न चढे |"
"आखिर हमारा भी तो कोई धर्म है |"