क्वेरेन्टाइन का चौथा दिन
क्वेरेन्टाइन का चौथा दिन
प्रिय डायरी,
मैं तरुण, उम्र 36 वर्ष। एक मल्टीनेशनल कंपनी में मिडिल मैनेजमेंट लेवल पर एक्जीक्यूटिव हूँ। परंतु आजकल दफ्तर में कम और घर पर बीवी बच्चों के साथ ज्यादातर रहता हूँ। नहीं, नहीं, मेरी नौकरी नहीं चली गई है। पूरे देश में लाॅकडाउन है। इसलिए वर्क फ्राॅम होम कर रहा हूँ।
वार्क फ्राॅम होम भी एक बला है। कम से कम मुझे तो ऐसा ही लगता है। न जाने लोग इसे कैसे कर लेते हैं! जब भी काम पर बैठो या तो बीवी कोई काम के लिए कहती हैं या फिर माँ कुछ मँगवाती है। जब दोनों के काम निपटाकर बैठो तो बेटी के गाने का टाइम हो जाता है। और वह मेरे कमरे में आकर नाचने या गाने लगती है।
इससे तो अच्छा ऑफिस है। कम से कम , वहाँ काम करने का माहौल तो होता है।इसके साथ मशीनों की भी पूरी व्यवस्था भी रहती हैं वहाँ। जब से वर्क फ्राॅम की बात चली है, घर का वाई फाई खराब हो गया। उसे ठीक कराने में पूरा एक हफ्ता लग गया। ऑफिस में कुछ खराब हो तो ज्यादा से ज्यादा एक घंटे में ठीक हो जाता है। वरना हम मेन्टेनेन्स विभाग में जाकर चिल्लाते हैं, तुरंत सबकुछ ठीक हो जाता है। लाॅक डाउन के समय लोगों के घर- घर जाकर सिस्टेम दुरुस्त करना उन लोगों के लिए भी एक आफत जैसी बन गई है।
उस दिन तो गज़ब ही हो गया। जब मैं अपने बेडरूम में विडियो काॅल पर क्लाएंट मिटिंग कर रहा था, तभी श्रेया नहाकर निकली। अब उस बेचारी को कोई खबर नहीं थी। वह तो अच्छा हुआ कि मैंने वक्त रहते सब संभाल लिया वर्ना उसका अबतक एम॰एम॰एस बन चुका होता।
और एकदिन की बात है, जब मैं अपने विभाग को ऑनलाइन प्रेसेन्टेशन दे रहा था, तभी मम्मी मेरे घर के नाम से पुकारती हुई आई और बोली, " तन्ना, तू बहुत थक गया लगता है, आजा तेरे बालों में आज नारियल का तेल लगा दूँ।"
वह तो ,गनीमत यह हुई कि मैंने तुरंत विडियो को म्यूट कर दिया , नहीं तो मेरी जो खिंचाई होनी थी, वह तो पूछो ही मत!
जब से मम्मी पापा आए हैं, दिनभर जोर शोर से टीवी में सिरियल चलते रहते हैं। पापा जी का भी म्यूजिक सिस्टेम उसके साथ में संगत करता हुआ मालूम होता हैं।अब उन्हें भी समय काटने के लिए कुछ तो चाहिए न? खाली नहीं बैठ सकते।
आपस में बात करना ही जहाँ आजकल मुश्किल हो गया है , हे डायरी बताओ कि वहाँ दफ्तर के काम मैं कैसे करूँ?इन सबमें जो सबसे अच्छी बात हुई है, वह यह है कि टिया के साथ दुबारा बच्चा बनने का मौका मिल रहा है। बरसों बाद, टिया अपने परिवार के सभी को साथ पाकर बहुत खुश है। टिया जब कहानी सुनते हुए मेरी गोदी में सर रखकर सो जाती है न? तब बहुत अच्छा लगता है।
और श्रेया? हाय ,मेरी श्रेया! उसे भी यह शिकायत थी कि मैं उसे समय नहीं दे पाता हूँ।आजकल ,जब वह किचन में खाना बनाती हैं और मैं साथ- साथ डिशों को धो देता हूँ, तो उसका चेहरा खिल उठता है।
और एक बात तुम्हें चुपके से बता दूँ, मेरी डायरी, कि जब सबकी नज़र बचाकर मैं हौले से उसके होंठों को चूम लेता हूँ और वर्षों बाद उसके गालों को मैं शर्म से लाल होते हुए देखता हूँ तो लगता है कि जीने के लिए और क्या चाहिए?