मेरे हिस्से का इतवार
मेरे हिस्से का इतवार
रोज की तरह आज भी अलार्म की आवाज ने उसकी आधी पूरी हुई नींद में खलल डाल दिया था ।वैसे तो अलार्म की आवाज उसने बहुत सुमधुर कर रखी थी पर जाने क्यों रोज सुबह वो ककृश ही महसूस होती है ।
अलार्म बन्द करते करते उसे याद आया ,
आज तो इतवार है।
मन चुपके से बोला।
" अलार्म को बन्द करके एक घन्टे की नींद और ले ली जाये,कौन सा आज बच्चों को स्कूल जाना है या खुद की भी ऑफिस की भागद़ौड है ।"
पर तब तक दिमाग भी जाग चुका था और उसने याद दिलाना शुरू कर दिया था रात को सोने से पहले बच्चों के लम्बे चौड़े फरमाइश और साथ ही साथ अतुल की हिदायत कम वार्निंग ,मन मार कर उसने पलंग को अलविदा कहा ।
और सबसे पहले लॉबी मे जाकर बच्चों के रात के पिलो फाइट के निशान मिटाये और फिर घर की सफाई में लगने से पहले टी.वी आन कर दिया कही पढ़ा था की गाना सुनते हुये काम करने से थकान कम लगती है ।पर तभी टी.वी पर आते एक एड पर उसकी निगाहें जैसे अटक सी गयी।
एड में एक हसबैंड पूरी कोशिश कर रहा है की इतवार को उसकी पत्नी को भी थोड़ा आराम मिल जाये। वो उसके कदम से कदम मिलाकर हर काम करा रहा था और जब बीबी ने कारण जानना चाहा तो प्यार से उसके माथे पर हाथ फेरते हुये बोला।
" एक छुट्टी पर तो तुम्हारा भी हक है ना ।"
एड देखते देखते उसने खुद से ही थोड़ी सी बातें कर ली।
" कितनी अच्छी सोच का मालिक होगा वो बन्दा , जिसने यह एड बनाया होगा।"
अभी वो खुद से बाते कर ही रही थी ,की पीछे से अतुल का झुंझलायी हुयी आवाज सुनाई दी।
" तुम ना किसी काम की नहीं हो , रात में ही बोला था की मुझे आज पूरा घर साफ चाहिए और तुम सुबह सुबह टी.वी चला कर बैठ गयी हो रोज आफिस का बहाना और आज।
तभी अतुल का फोन गुनगुनाया अतुल ने फोन स्पीकर पर ऑन कर दिया।
दूसरी तरह से अतुल का सहकर्मी बोल रहा था।
" तुम्हारा बनाया हुआ एड " मेरे हिस्से का इतवार" ऑन एयर हो गया है और लोगों के बहुत तारीफ वाले फोन आ रहे है। साथ ही साथ सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी यह विज्ञापन वायरल हो गया है।