वो लड़की
वो लड़की
रोज़ की तरह जब कोचिंग में वो उसके बगल में आ कर बैठी तो वो आँखों में शरारत लिए थी और वो उसे देखता ही रह गया। कुछ ही देर बाद जब कैमेस्ट्री वाले पांडे सर अंदर आए जो सबके साथ वो भी "गुड इवनिंग सर" वाला गाना गाने के लिए खड़ा हुई, लेकिन उसकी आँखें अभी भी वहीं जमीं थीं।
उसके चेहरे की रंगत देख के कोई भी भाँप लेता कि उसे कुछ कहना है, लेकिन जैसा कि दस्तूर है, उसके बगल वाले सीट पर बैठी वो लड़का इससे बिल्कुल अनजान था। उसके सबसे पास, पर उससे सबसे दूर।
ख़ैर जब लड़के से रहा नहीं गया तो उसने लड़की से पैन माँगा। लड़के बैग में रखा 'ऐड जैल आचीवर' मुस्करा रहा था। "पेंसिल बॉक्स में से ले लो" कह कर लड़की वापस अपने सुलझे हुए बालों को और सुलझा कर उस लड़के की जिंदगी को उलझाने लगी।
कुछ देर बाद जब बोर्ड पर लिखे फॉर्म्युलों को आपनी नोटबुक में उतारने के लिए लड़की ने पेंसिल बॉक्स खोला तो उसे उसमें एक फाइव स्टार रखी हुई मिली। लड़की ने एक मंद मुस्कान के साथ हया ओढ़ ली। पांडे सर बता रहे थे कि "जब दो परमाणुओं के बीच विद्युत्-ऋणात्मकता बहुत कम या शून्य हो जाती है, तो एक रासायनिक संबंध जन्मता है जिसे कोवैलेंट बाँड कहते हैं।" लड़का अब भी दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत लड़की को देख रहा था।
कहते हैं कि वो लड़की आज भी उस फाइव स्टार को अपने तकिए के नीचे रख कर सोती है।
ये उस दशक की बात थी जब प्रेम का आगाज़, इकरार और स्वीकृति बस एक पाँच रुपए की फाइव स्टार से हुआ करती थी और वही होता था