माँ गंगा
माँ गंगा
माँ गंगा हमारी संगम की शान है। कितनी भी बातें करूँ कम है।आप जब गंगा के किनारे पहुँचेंगे। तब अपने आप सारे दुखों को भूल जाओगे सारा तनाव छूमंतर यह हमारा अनुभव है। एक घटना हम जीवन भर नहीं भूल पायेंगे। जब बहुत तनाव भरा दिन सब कुछ बिलकुल रूक गया है। सब कुछ छूट गया। और हमने मन ही मन ठान लिया कि बस अब और नहीं जीना। माँ गंगा में समा जायेगें। खड़े होकर सोच ही रहे थे की कहीं से एक माँ सरीखी महिला ने पीछे से हमारे पीठ पर हाथ रख कर कहा कि तुझे मरना है तो मर जा, पर अपना नाम खराब कर रही है, जीकर दिखाना सामना कर मुसीबतों सब ठीक हो जायेगा तुझे तो बहुत कुछ करना है। हमारे सर पर हाथ फेर कर चली गयी, ना हमने जाते ना हमने आते देखा और वह माँ गंगा के अलावा कौन हो सकता है।