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आँख के बदले आँख ( भाग-1 )

आँख के बदले आँख ( भाग-1 )

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रामू सुबह -सुबह वही रोज की तरह खेतो में चक्कर लगाने के लिए निकला। घडी पर रामू की नजर गयी तो सुबह के 5:30 का समय हो रहा था, अपनी साइकिल को बाहर निकाल कर जोर से आवाज़ देता है - "बाउ जी हम चले खेत की तरफ आते है कुछ देर में "

करीब 15 मिनट के बाद रामू गाँव की सड़क पर आ गया था। सुबह की सर्द हवा और फसल की खुशबू चारो और फली हुई थी, तभी अचानक रामू सिहर उठाऔर जोर जोर कांपने लगा ।  

और वही दूसरे गाँव में कालीचरण के घर वाले रात भर से सोये नहीं थे। सुनीता ने अपने देवर से कहा- "भोले जरा गाँव में पता करो की ये कहाँ गए है, रात भर से नहीं आये "

कालीचरण गाँव का एक प्रतिष्ठ और सज्जन इंसान है, हमेशा सबकी मदद को तैयार, कभी भी किसी इंसान की मदद के लिए खड़ा रहता है । 

और वही रात भर से गायब है। 

"भाभी भैय्या ने क्या कहा था जाने से पहले "- भोले 

सुनीता -"बोल रहे थे मन घबरा रहा है टहल कर आया"

भोले -" अच्छा चलो पता लगाकर आया, ऐसे तो कभी करते नहीं "

काफी लोग रोड के सहारे खड़े हुए है। आपस में एक दूसरे को प्रश्न भरी निगाओं से देख रहे है। 

रामू चार लोगो से घिरा हुआ है और वो उससे पूछता कर रहे है -

"ये कब देखा ?"- व्यक्ति 

रामू - "दरोगा साहब अभी सुबह को जब में अपने खेत पर चक्कर लगाने जा रहा था"

दरोगा - अच्छा ! 

छड़ भर रामू देखने के बाद थोड़े कठोर शब्द में दरोगा बोला-

"ज्यादा होशियार मत बनो ठीक है ये डंडा अभी तुम्हारे पिछवाड़े में दाल देंगे समझ आया तुमको, हमको उल्लू मत बनाओ"

रामू- "नहीं दरोगा साहब हम झूठ नहीं बोल रहे है"

"अच्छा तो ये बताओ फ़ोन क्यों लगाया"- दरोगा 

रामू - "साहब हमने रोड के किनारे इतना खून पड़ा देखा तो हम डर गए थे "

दरोगा-"तो तुमको कैसे पता की ये खून इंसान का है?"

रामू- "हमने ये नहीं कहा की ये खून इंसान का है, बस हम डर गए थे इसीलिए हमने फ़ोन लगा दिया था"

दरोगा - "हवलदार सुरेश !"

सुरेश -"जी साहब "

"तुमको क्या लगता है ?"- दरोगा 

सुरेश -"साहब यहाँ रात में जंगली जानवर घूमते है हो सकता है की किसी जानवर का शिकार हो गया होगा इसीलिए खून पड़ा है "

दरोगा -"हो सकता है , फिर भी एक काम करो सैंपल लेलो और लैब में भेज दो जांच के लिए" 

सुरेश- "ठीक है साहब।"

वही दूसरे गाँव में-

भोले- "भाभी जी पता किया लोग बता रहे है की उनको सामने तरफ जाते हुए है"

सुनीता -" अच्छा टहलने की बोल रहे थे तो वहाँ क्यों जा रहे थे"

भोले- "पता नहीं भाभी जी, पुलिस में रिपोर्ट लिखवा आये क्या "

सुनीता-" पुलिस, अरे नहीं नहीं आ जायेगे कहाँ जायेगे" 

3 दिन बाद 

"भाभी अब चलते है पुलिस थाने अभी तक कुछ पता नहीं चला"- भोले 

सुनीता- " अरे नहीं नहीं आ जायेगे रहने दो, अभी पुलिस 100 सवाल करेगी"

भोले-" तो भैय्या के बारे में कौन पता लगाएगा ?"

सुनीता-" नहीं रहने दो मुझे नहीं करनी रिपोर्ट। "

भोले गुस्से में लात पटकता हुआ घर से बहार निकल गया 

"साहब हमारे भैय्या चार दिन से लापता है रिपोर्ट लिख लीजिये।"- भोले 

दीवान- "चार दिन से लापता है और तुम अब आ रहे हो। "

भोले- "हमे लगा की वो आ जायेगे।"

दीवान- "ठीक है, चलो बताओ कैसा क्या है "

तभी फ़ोन की घंटी बजती है-

दीवान साहब हैलो बोलै और कुछ देर तक सामने से कुछ बोला, दीवान साहब खड़े हुए और फ़ोन पटकते हुए भागे। उनके पीछे उनका स्टाफ भी भागा। 

उधर दूसरे थाने में खून के सैंपल की रिपोर्ट आ गयी है। 

सुरेश- "दरोगा साहब ! रिपोर्ट आ गयी है"

दरोगा- "क्या लिखा है रिपोर्ट में ?"

सुरेश- "ये इंसान का खून है "

दरोगा- "क्या बोल रहे हो मतलब वहाँ मर्डर हुआ है ?"

सुरेश -"पता नहीं साहब हो सकता है एक्सीडेंट हुआ हो !"

दरोगा- "आप पास के हॉस्पिटल में पता लगाओ ली उस दिन की रात में कोई एक्सीडेंट केस आया है क्या ?"

सुरेश- "जी साहब"

उधर कालीचरण की पत्नी बड़ी खुश है ऐसा लगता है मानो की इस जहाँ की सारी खुशियां उसे मिल गयी हो 

सुनीता अपने फ़ोन पर नंबर डायल करते हुए 

सुनीता- हेलो !

व्यक्ति- "हेलो सुनीता तुमको कैसे पता की मैं तुमको याद कर रहा हूँ"

सुनीता- "मेरा दिल बोल रहा था की तुम मुझे याद कर रहे हो"

व्यक्ति - "अच्छा ! बस अब कुछ दिन और फिर हमे कोई अलग नहीं कर सकता"

सुनीता - "हम्म ! जो हुआ अच्छा हुआ "

व्यक्ति- "किसी को शक तो नहीं है?"

सुनीता- "अरे नहीं नहीं किसी को शक नहीं है"

तभी जोर से आवाज़ आती है 

भाभी जी......भाभी जी 

सुनीता- फ़ोन को तुरंत काटते हुए - "हाँ भोले आयी।"

भोले- "भाभी जी बगल वाले गाँव में पुलिस को एक कटी हुई लाश मिली है"

सुनीता की आँखे अचानक चमक गयी 

"अच्छा ! - तुमको किसने बताया"- सुनीता 

भोले-" ठाणे में रिपोर्ट लिखने गया था वहाँ फ़ोन आया और सब लोग वहाँ के लिए भागे"

सुनीता- "तुमको मना किया था न रिपोर्ट नई लिखानी हमे उनको आना होगा तो आ जायेंगे "

ये कहते हुए तीखी नजरो से और एक जहरीली मुस्कान से साथ सुनीता वापिस मूड गयी। 

शेष भाग २ में - 

अगले भाग के लिए फॉलो कर ले और जो भी अच्छा या बुरा लगा हो तो कमेंट जरूर करे और बताये दूसरा भाग कब तक चाहिए 


 


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