मेरे सपनो की उड़ान
मेरे सपनो की उड़ान
क्या हुआ राहुल तू इतना परेशान क्यूं हो ?
रमन तुम्हे तो पता है ना मुझे बायो में बिल्कुल दिलचस्पी नहीं है। पर पापा चाहते हैं कि मैं भी डॉक्टर बनू।
यार ये जरुरी नहीं है कि"एक डॉक्टर का बेटा डॉक्टर ही बने" मेरे घर में स बलोग डॉक्टर है तो मुझपर भी डॉक्टर बनने का जोर दिया जा रहा है यार जरुरी नहीं है ना कि मैं भी उसी रास्ते पर जाऊँ जिस रास्ते पर मेंरे घरवाले जा रहे हैं। पापा के सामने मैं कुछ बोल पाता नहीं मम्मी पापा के खिलाफ कुछ सुनना चाहती नहीं।
मेंरा सपना ऐक्टर बनने का है मैं मॉडलिंग के दूनिया में जाना चाहता हूँ एक्टिंग का कोर्स करना चाहता हूँ पर मेंरे पापा मान ही नहीं रहे है। सोच रहा हूँ घर से भाग जाऊँ फिर अपनी जिंदगी अपने ढंग से जिऊँँ।
देख राहुल तू सही कह रहा है पर भागना पहला उपाय नहीं जब सारे रास्ते बंद नजर आये तो आखिरी में भागने वाला रास्ता नजर आता है तुझे थोड़ी हिम्मत जुटानी होगी पापा से अपने सपने के बारे में कहना होगा अपने मन की बात रखना होगाउन्हे एहसास दिलाना होगा कि वो तेरे साथ गलत करे है।
पर रमन मेंरी तो बोलती ही बंद हो जाती है पापा के सामने।
देख राहुल यही कारण है कि तू वो नहीं कर पाता जो तू करना चाहता है। पापा के सामने हिम्मत जूटा कर सब कह डाल एक बात मेंरी याद रख "सुनो सबकी पर करो अपने मन की" यह फंडा अपनायेगा तो कभी भी मुश्किले आयेगी तू डट कर सामना कर पायेगा।
यार तू सही कह रहा है मैं हमेंशा वही करता आया हूँ जो लोग चाहते हैं। मैं क्या चाहता हूँ मैं भूल गया पर अब नहीं मैं पापा से बात करने की पूरी कोशिश करुगा।
उस दिन रमन की बाते सुनकर राहुल बहुत रिलैक्स महसूस कर रहा था। आज उसने ठान ली है कि पापा से बात करके जरूर रहेगा। यही सब विचार करके वह घर पहुंचा पापा उस समय पेपर पढ़ रहे थे।
अरे राहुल इतना लेट क्यूँ हो गया आने में वाक पर गये थे या और कहीं ?
पापा वह रमन मिल गया था तो उसी से बात करने लगा। अच्छा जा नहा धोकर तैयार हो जा हमें 10 बजे से चलना है।
कहाँ पापा ?
तेरे लिए कोचिंग देखना है ना डॉक्टरी की तैयारी के लिए !
आज राहुल ने ठान लिया था कि पापा से बात करके रहेगा अगर आज बात ना की तो बस पछताना पड़ जायेगा।
राहुल ने हिम्मत जुटाया पापा के सवालो का सामना करने के लिए खुद को तैयार किया और कहा-
पापा मैं डॉक्टरी की पढाई नहीं करना चाहता ?
ये सुनते ही पापा गुस्से में आ गये और घूर कर पूछा ? तो क्या करना चाहते हो ?
आज राहुल पापा से डरा नहीं उसने कहा-मुझे पापा मैं एक्टिंग की दूनिया में जाना चाहता हूँ और मुझे ऐक्टर बनना है।
पापा फिर गुस्से में कहते है कि मैं तुम्हे डॉक्टर बनाने की तैयारी कर रहा हूँ और ये जनाब नौटंकी करना चाहते है। मेंरी बात कानखोल कर सुन लो तुम्हे डॉक्टरी की पढाई करनी है तो करनी है ये मेंरा आखिरी फैसला है। बस अब कोई इस मैंटर पर बात नहीं करेगा।
पापा एकबार मेरी बात सुन लीजिऐ मैं डॉक्टर नहीं बनना चाहता। मैं ऐक्टर बनना चाहता हूँ। पर पापा रुके नहीं चले गऐ।
उस दिन माँ को भी पापा का ये व्यवहार अच्छा नहीं लगा।इसलिए उसदिन वह मेंरे साथ खड़ी हुई
माँ का साथ पाकर राहुल ने तो ठान लिया था कि वह अपने सपनो को जरुर पूरा करेगा।
उसने पापा को एक खत लिखा-
"पापा मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ। और आपकी हर बात मानता हूँ पर मेंरा मन बिल्कुल डॉक्टरी की पढाई में नहीं लगता मेंरा सपना है ऐक्टर बनने का तो मैं जा रहा हूँ अपने सपनो को एक नई उड़ान देने मैं तब तक घर नहीं आऊँगा जब तक अपने सपने ना पूरा कर लू। अगर आपने मेंरे सपनो को समझा होता तो मुझे ये कदम कभी नहीं उठाने पड़ते। हो सके तो मुझे माफ कर देना।"
सुबह जब पापा कमरे में आऐ तो राहुल को वहा नहीं पाकर परेशान हे जाते है उसके टेबल पर वह खत रखा था जो राहुल ने लिखा था।
पापा खत पढ़ते हैं थोड़ी देर चुप हो जाते है और कहते है कि जाने दो उसके ऊँपर ऐक्टिंग का भूत सवार हुआ है। दस दिन में जनाब के सर से एक्टिंग का भूत उतर जायेगा और लौटकर घर आयेगा। थोड़ा ठोकर खायेगा तो समझ आ जायेगा कि सपना देखना और पूरा करने में अंतर होता है।
माँ आज चुप नहीं रहती पापा की बातो का विरोध करती है और कहती है कि आपका ही बेटा है तो देखियेगा हार नहीं मानेगा जैसे आपने भी ठान लिया था कि मुझे डॉक्टर बनना है लोगो ने आपका कितना मजाक बनाया था कि बाप के थैली में पैसा नहीं और ये जनाब डॉक्टर बनेगे पर आपने सबको गलत साबित किया।
उसी तरह मुझे अपने बेटे पर पूरा भरोसा है कि वह ऐक्टर बनकर जरुर आयेगा।
सुनकर माँ की बाते पापा कुछ नहीं बोले चुपचाप कमरे में आ गयेखिड़की के पास खड़े होकर कुछ सोच रहे थे।
माँ चाय लेकर आती है और पूछती है कि आप इतना परेशान क्यूँ है ?
मैं सोच रहा हूँ कि मैं भी अपने बेटे के साथ नाइंसाफी कर रहा हूँ जैसे लोगो ने मेंरे साथ किया। मैं बस अपनी बात मनवाना चाहता था उसकी फीलिंग को समझा नहीं। पर मैंने कभी ये सोचा नहीं था कि वह मुझे छोड़कर चला जायेगा मैं अभी उसे बुला लेता हूँ इतना बड़ा शहर है मुंबई कहा कहा भटकेगा।और उसे खुद एक्टिंग का कोर्स करने के लिए भेजूगा।
पापा राहुल को फोन करते है पर नम्बर स्विच आफ आ रहा था।
राहुल का का तो फोन ही नहीं लग रहा है अब कैसे बात होगी। पापा परेशान होने लगे।
माँ कहती है कि आप परेशान ना होईये वह मुम्बई में अपने मामा के यहा रहेगा।और वही पर भईया एक्टिंग के कोर्स में एडमिशन करा देगे।
पर राहुल के पास तो पैसे भी नहीं होगे ?
मेंरे पास कुछ पैसे थे तो दे दिये और भईया ने कहा कि पैसे की चिंता मत करना आखिर मेंरा भी तो इकलौता भांजा है।
इसका मतलब कि राहुल के भगाने में तुम भी शामिल थी। माँ बस मुस्करा दी।
राहुल को ये भी नहीं पता था कि पापा उससे अब नाराज नहीं है ? ये बात किसी ने भी उसे बताया नहीं राहुल को।
इधर राहुल ने ऐक्टिंग का कोर्स शुरू कर दिया। पापा भी पैसे मामा जी को भेजवाते थे मेंरे लिए पर मना कर रखा था राहुल के बताने के लिये।
वह जी जान लगाकर पूरी मेंहनत की जल्द ही उसे एक ऐड में काम मिल गया। राहुल को पहली बार टी वी पर देखकर पापा बहुत खुश हुए। सब लोग राहुल की तारीफ़ कर रहे थे।
जल्द ही राहुल ने एक्टिंग का कोर्स कम्पलीट हो गया। और उसकी मेंहनत रंग लाई जल्द ही उसे एक बड़ी फिल्म में काम मिल गया।उस फिल्म की सूटिंग एक साल तक चली। वह फिल्म रिलीज हुई तो सुपर डुपर हिट हुई। अब पापा के परिचय के जितने लोग आते वह राहुल के लिए बधाईया देते आज पहली बार राहुल के लिए गर्व महसूस कर रहे थे।
जो नाम ये इतने सालो में नहीं कमाया वह राहुल ने कुछ समय में ही कमा लिया कही से भी गुजरते पापा तो लोग कहते देखो ये राहुल व्यास के पापा है तो पापा का सीना खुशी से चौड़ा हो जाता।
पूरे चार साल बाद राहुल घर आ रहा था प्लेटफार्म पर ही मीडिया और पब्लिक ने घेर लिया। राहुल की एक झलक पाने के लिए हजारो लोग खड़े थे राहुल का स्वागत फूल माला से किया गया। राहुल हमेंशा ये सोचता था कि जब मैं ऐक्टर बनकर अपने शहर लौटू तो लोग मेंरा स्वागत् फूल माला से करे आज उसका सपना सच हो गया था।
राहुल की नजरे अपने पापा को ढूँढ रही थी।अपने चारो ओर देखा जब पापा कही नजर नहीं आये तो वह उदास हो गयाजैसे तैसे भीड़ को चीरते हुऐ अपने कार तक पहुंचा तभी पीछे से आवाज आई राहुल पलटकर तो पापा राहुल के तो खुशी का ठिकाना ही नहीं था। वह जाकर पापा के गले लग जाता है।
पापा आपने मुझे माफ कर दियाबेटा मैं तुमसे कब नाराज ही था। मैं तो हमेशा तेरे साथ था तेरी परछाई बनकर।
जब आप नहीं नाराज थे तो फिर क्यू मिलने नहीं आये और ना फोन पर बात किये।
बेटा मैं नहीं चाहता था कि तू कही डगमगाये मैं चाहता था कि तू जिस जोश से गया था सपना पूरा करनेउसी जोश से सपना पूरा करके आये।
मुझे माफ कर देना बेटा अगर मैं पहले मान गया होता तो तुझे ये कदम नहीं उठाना पड़ता तेरे जाने के बाद मुझे ऐहसास हुआ कि मैं कितना गलत कर रहा था तेरे साथपापा आज जो कुछ हूँ मैं वो आपके वजह से हूँ मुझे मेंरे अंदर एक जोश आया सपना पूरा करने के लिए वो आपकी वजह से आया।
अरे बाप बेटे यही सारी बाते कर लेंगे कि कुछ बाते घर के लिए भी छोड़ेगे।
दोनो हंसने लगते हैं और घर की ओर चल देते हैं।