Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

ख़ूनी गुड़िया भाग 5

ख़ूनी गुड़िया भाग 5

2 mins
14.3K


ख़ूनी गुड़िया
भाग 5


जब स्नेहा को होश आया तो उसने देखा कि वह अपने पलंग पर पड़ी हुई है। बगलवाली शर्मा आंटी उसके सिरहाने बैठी हुई थी। शर्मा आंटी से स्नेहा खूब घुली मिली थी। वे इस महानगर में उसकी लोकल गार्जियन जैसी थी। वे विधवा थी और अकेली रहती थी। शर्मा आंटी बोली, क्या हुआ स्नेहा? तुम चीख मारकर बेहोश क्यों हो गई थी? स्नेहा हिचकियाँ लेने लगी। कुछ देर बाद संयत होकर बोली, वो रमेश, रमेश! वो मर गया क्या?
कौन रमेश बेटी? शर्मा आंटी का असमंजसपूर्ण स्वर उभरा। उनके माथे पर चिंता की लकीरें उठ आई थी।
अपना दूधवाला रमेश यादव, आंटी! स्नेहा बोली, मैंने दरवाज़ा खोला तो वह यहाँ गिरा पड़ा था और उसकी छाती में चाक़ू घुसा था आंटी! और वह फिर रोने लगी।
तुमने ज़रूर कोई सपना देखा होगा बेटी, शर्मा आंटी उसका सिर सहलाते हुए बोली, जब तुम्हारी चीख सुनकर मैंने दरवाज़ा खोला तब तो यहाँ तुम्हारे सिवा और कोई नहीं था। सेफ्टी डोर की ग्रिल के पीछे तुम बेहोश दिखाई पड़ी तो मैंने जल्दी से तुम्हारे घर की स्पेयर चाबी से दरवाज़ा खोला और अगल बगल के लोगों की सहायता से तुम्हे पलंग पर ले आई।
स्नेहा ने सावधानी बरतते हुए अपने घर की एक चाबी शर्मा आंटी को दे रखी थी वह आज काम आई। लेकिन ऐसा कैसे हो सकता था कि और किसी को रमेश की लाश दिखी ही नहीं? उसने तो साफ़-साफ़ उसे गिरे हुए देखा था। क्या वह उसके मन का वहम था या यह भी शैतानी गुड़िया की ही कारस्तानी थी? हे भगवान! अब मैं क्या करूँ? यह किस झंझट में पड़ गई?
सामने खिड़की की चौखट पर शैतानी गुड़िया बैठी थी। इस समय वह एक आम गुड़िया की तरह निर्दोष लग रही थी। उसे देखते ही स्नेहा को अपार क्रोध आ गया। वह शर्मा आंटी से बोली, आंटी! यह सब उस गुड़िया की कारस्तानी है। उसी ने कल से मेरा जीना दूभर कर रखा है। आप प्लीज़ उसे यहाँ से ले जाइए और कहीं दूर फेंक दीजिये। प्लीज!
शर्मा आंटी उसका मुंह देखने लगी। शायद इसके दिमाग पर किसी चीज़ का आघात पहुंचा है जिसके कारण यह अनाप शनाप बोल रही है, वे सोचने लगी।
आंटी मैं सच बोल रही हूँ! इतना कहकर स्नेहा फूट-फूट कर रो पड़ी। आंटी उसका सिर सहलाने लगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Action