निरक्षरता
निरक्षरता
रामपुर गाँव में सब लोग खेती ही करते हैं उन में से कुछ लोगों की जमीन गाँव के साहूकार के गिरवी थी। वह साहूकार ज्यादा से ज्यादा ब्याज लगाकर उन लोगों की जमीन हड़पना चाहता था। वह गरीब किसान साहूकार की चाल समझ नहीं पाते थे क्योंकि वह अनपढ़ थे। एक दिन उस गाँव के स्कूल में नए मास्टरजी बदली होकर स्कूल के विद्यर्थियों को पढ़ाने के लिए आते हैं। उनको साहूकार के इस काम का पता चलता है और वह ठान लेते हैं कि वह साहूकार को सबक सिखायँगे और किसानों को इंसाफ दिलाएंगे और उस दिन से वह काम के लिए सज्ज हो गए। और उन्होंने गाँव के लोगों को इस बारे में सिखाते हैं, होशियार बनाते हैं। साहूकार के सहकारी से लोगों के कागज वापस लेते हैं। गाँव के लोगों को उनकी जमीन वापस करते हैं।और अपना इरादा पूरा करते हैं।