365 पन्ने
365 पन्ने
मैं नए साल का स्वागत किस तरह करूँ इस बात पर विचार कर रहा था। तभी मेरे दोस्त दीपक ने कहा कि नए साल के स्वागत से पहले मैं यह बताऊँ कि 2019 जो अब विदा हो रहा है उसके बारे में मेरा क्या कहना है ?
उसकी बात सुनकर मैं सोच में पड़ गया। बीत रहे साल का व्यक्तिगत जीवन में क्या प्रभाव रहा उस पर विश्लेषण करने लगा।
मैंने याद करने का प्रयास किया कि 2019 के पहले दिन मैंने क्या किया था। मुझे याद आया कि मैंने जश्न मनाने के साथ ही यह तय किया था कि मैं इस साल अपने लेखन में कुछ उपलब्धियां हासिल करने का प्रयास करूँगा।
यह याद आते ही मैंने इस साल अपने लेखन को बड़े ही ध्यान से परखा। साल की शुरुआत में मैंने एक लेखन प्रतियोगिता में भाग लिया। यह प्रतियोगिता उस ऑनलाइन पोर्टल द्वारा आयोजित की गई थी जिस पर मैं सक्रिय हूँ। प्रतियोगिता के लिए दो कहानियां लिखनी थीं। मैंने अलग अलग विषयों पर कहानियां लिखीं।
मार्च माह में उसका नतीजा आया तो मैं विजेता घोषित हुआ। इससे प्रेरणा लेकर मैंने अपने द्वारा लिखे जा रहे उपन्यास को पूरा कर एक प्रकाशक को भेजा। उस पर विचार करने के बाद प्रकाशक ने उसे प्रकाशित करने का निश्चय किया।
इसके बाद तो मैंने अपने आप को पूरी तरह लेखन को समर्पित कर दिया। जो भी समय मिलता उसे लेखन को देता। मैं कई मंचों पर लेखक के तौर पर सक्रिय था। उन सब पर होने वाली प्रतियोगिता में मैंने भाग लिया। कई में मुझे जीत मिली।
मेरी पुस्तक छप कर आ गई। एक लेखन मंच ने मुझे सम्मानित भी किया।
इस सब का विश्लेषण करने के बाद मैं खुश था कि बीते साल ने मुझे जो 365 पन्ने दिए थे उन पर मैंने छोटी ही सही पर उपलब्धियां दर्ज़ की थीं।