जादुई नारियल का पेड़
जादुई नारियल का पेड़
ये कहानी एक अनोखे नारियल के पेड़ की है, जिसके पत्ते सुनहरे थे, उस पर रंग-बिरंगी चिड़िया थी। बहुत खास बात तो ये थी कि इस नारियल के पेड़ पर तीन जादुई नारियल लगे थे।
एक नारियल के पानी से किसी को भी ठीक किया जा सकता, दूसरे से कोई भी इच्छा पूरी की जा सकती, तीसरे नारियल में था जहर, जिसको पीने से इंसान मर सकता था।
इस नारियल के पेड़ पर रहने वाली सुनहरी चिड़िया को ही इस बात का पता था और किसी को नहीं।
एक बच्चा जो वहां अपने दोस्तों के साथ खेलने आता था। उसे ये पेड़ बहुत पसंद था। वह खड़े होकर पेड़ से बातें करता, पानी डालता और चिड़िया के लिए रोज दाना लाता।
चिड़िया और बच्चे में दोस्ती हो गई। दोनों ढेर सारी बातें करने लगे। एक बार बच्चे ने पूछा कि "ये पेड़ इतना अलग क्यों दिखता है और आप भी इतनी अलग सुनहरी क्यों हो?"
चिड़िया बोली "मैं इसी पेड़ पर पैदा हुई हूँ और मेरा रंग भी इसके जैसा हो गया। एक जैसा रंग होने के कारण शिकारी मुझे देख नहीं पाते।"
एक दिन बच्चा बहुत उदास था। चिड़िया ने पूछा क्या बात है दोस्त, क्या हुआ? सब ठीक है ना।"
बच्चा बोला "मेरी माँ बहुत बीमार है। उसे आराम करने का भी समय नहीं मिलता। रोज बहुत दूर से पानी लाती है हम सबके लिए, लकड़ियाँ लाती है कि खाना बना सके। मैं बहुत छोटा हूँ और कोई मदद नहीं कर पाता।"
चिड़िया बोली "दुखी मत हो दोस्त, मैं तुम्हे एक राज़ की बात बताती हूँ पर वादा करो तुम किसी और से नहीं बताओगे।"
बच्चे ने पक्का वादा किया।
चिड़िया बोली "इस पेड़ पर जादुई नारियल है और अगर तुम यहाँ से एक नारियल जिसमें जहर नहीं है वो कह पाओगे तो तुम्हारी परेशानी हल हो जाएगी।" चिड़िया ने उसे नारियल पाने की जुगत बताई।
बच्चा अगले दिन सुबह-सुबह आया और बिलकुल वैसा ही किया जैसा चिड़िया ने बोला था।
नारियल के पेड़ से २ नारियल गिरे, लड़का वो लेकर घर चला गया।
लड़के ने माँ को पानी वाले नारियल से थोड़ा पानी पिलाया और देखते-देखते उसकी माँ बिलकुल स्वस्थ हो गई। माँ को बहुत अचरज हुआ। बच्चे ने और गरीबों की मदद की और किसी से कोई पैसे नहीं लिए। वो देखते-देखते बहुत प्रसिद्ध हो गया। एक वैद्य ने बात सुनी तो वो उसका चमत्कार देखने एक गरीब बीमार बनकर आया। बच्चे ने उन्हें थोड़ा सा नारियल का पानी दिया और वैद्य में बहुत ताकत आ गई। उसको लगा इस पानी में जरूर कोई जादू है, उसने बच्चे को लालच दिया और बोला कि वो नारियल उसे से दे, बच्चे ने माना कर दिया।
वैद्य ने जाल बिछाया और बच्चे की माँ को कैद कर लिया। बच्चा रोने लगा और तभी उसे दूसरे जादुई नारियल की बात याद आई उसने जादुई नारियल से अपनी माँ का पता पूछा और बोला कि वो उसे माँ के पास पहुंचा दे।
जादुई नारियल ने एक उड़ने वाली चटाई मंगाई और उस पर बच्चे को बिठाया, बच्चा अपनी माँ के पास उड़कर पहुंच गया।
वो बहुत हिम्मत से माँ को छुड़ाकर के आया।
वैद्य को अपनी हार बर्दाश्त नहीं हुई। उसने जादुई नारियल के रहस्य को जानने के लिए बच्चे का रोज पीछा किया।
एक दिन वो उसके पीछे पीछे, सुनहरे नारियल के पेड़ के पास पहुंच गया। उसने सोचा, अब तो वो पेड़ पर चढ़कर सब नारियल तोड़ लेगा। अगले दिन वो बड़ी से सीढ़ी लाया, नारियल के पेड़ से जैसे ही उसने सीढ़ी लगाई उसमे आग लग गई। सीढ़ी जलकर खाक हो गई। वैद्य थोड़ा सा डर गया। फिर उसने पेड़ से बोला कि वह एक वैद्य है और ये नारियल से सबका उपकार करेगा। लेकिन पेड़ उसके लालच को समझ गया और दो नारियल गिरे लेकिन इस बार एक नारियल में जहर था।
वैद्य आपने गांव आया और पूरे गांव और पास के कई गावों में खबर फैलाई कि वो किसी भी बीमारी को ठीक कर सकता है। उसके यहाँ लाइन लग गई।
वैद्य सबसे पैसे लेता, फिर थोड़ा सा पानी पिलाता। गरीब लोग बहुत परेशान हो गए। वैद्य सिर्फ अमीर लोगों को देख रहा था। तभी अच्छे नारियल में पानी खत्म हुआ। वैद्य ने सोचा कि दूसरे नारियल में भी वही जादू होगा। पर जैसे उसने वो पानी मरीजों को पिलाया, लोग मरने लगे। सब लोगों में बहुत गुस्सा आया। सबने मिलकर वैद्य को बहुत पीटा और भाग कर बच्चे के पास आए। बच्चे ने अपने दूसरे नारियल से प्रार्थना की कि सभी मरे लोगों को जीवित कर दे, सभी लोग उठ बैठे और बच्चे की जय जयकार करने लगे।
जादुई नारियल के पेड़ का एक रहस्य ये भी था कि वो सिर्फ सच्चे मन वाले को सहायता करता था जो कि सिर्फ बच्चे में था। बच्चे ने सभी नारियल वापस पेड़ को दे दिए और खुशहाल होकर अपनी पढ़ाई करने लगा।