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जन्मदिन

जन्मदिन

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आज छोटे बेटे चिन्टू का जन्मदिन है। घर में ढेर सारे पकवान बना रखे हैं। अडोस पड़ोस के सारे बच्चे, सारे सम्बंधी एकत्रित हैं। पूरा दिन लग गया तैयारी में।


पड़ोस की वीना आंटी हमेशा कहतीं, "अरे अन्नू क्यों तुम इतना परेशान होती हो दिन भर? होटल लेकर जाओ सभी को और केक काटकर, वहीं सबको ख़िला-पिला दो और गिफ्ट समेट वापिस आ जाओ, मैं तो यही करती हूं।”

 

पर जब तक घर में बच्चों की पसंद के ढेर सारे आइटम ना बनाओ, गुब्बारे, रिटर्न् गिफ्ट्स ना लाओ तब तक क्या मज़ा जन्मदिन का, बच्चे के प्रति हमारा प्यार भी उमड़ता है।


पिछले साल केक कटने के बाद बाबूजी ने कहा था, ‘बहू मोमबत्तियां बुझाना नही है, ये पाश्चात्य देशों की परम्परा है। आरती करो बच्चे की और ईश्वर से उसकी लम्बी आयु की दुआ मांगो।’


सही लगा उनका कथन, तब से हम वैसे ही करते हैं। आज केक काट रहा हम सबका प्यारा चिन्टू, आरती करी दादी माँ ने उसकी, दादाजी ने एक हज़ार रूपये दिए हाथ मे। ‘हैप्पी बर्थडे’ के नारों से हाल गूंज उठा खूब मजा किया सबने, सभी को खूब मजा आया।


सबके जाने के बाद मैंने घर समेटना शुरू किया। चिन्टू सब देख रहा था पास आकर कहने लगा, “मम्मी तुम थक गई होगी, सारा दिन काम कर के...”


”नहीं बेटा, तेरा प्यारा चेहरा देख कर मेरी थकान वैसे ही दूर हो जाती है। जा तू सो जा या अपने गिफ्ट्स खोल के देख ले।”


”नहीं मम्मी मैं आपके साथ काम मे हाथ बटाऊँगा।”


उसकी ज़िद मुझे अजीब लगी, आज क्या हुआ इसे? “चल, अच्छा कर जो करना है।”


सारे काम समेटने के बाद उसने अपने पापा, दादा-दादी, रिंकी अपनी दीदी को बुलाया।


”क्या बात है भाई - क्या कहनेवाला है ये ग्यारह साल का बच्चा?”


"अगले साल से मैं अपना जन्मदिन घर पर नही मनाऊंगा”, कहा उसने।


फिर सब एक साथ चिल्लाए- "तो फिर?”


मुझे लगा यह भी होटल में जन्मदिन मनाने की बात बोलने वाला है। पर उसने हमें अचम्भित कर दिया, यह कह कर, “दादाजी पास में एक अनाथ बच्चों का स्कूल है, हम अगले साल से मिठाई, गिफ्ट, गुब्बारे सब लेकर वही चलेंगें और उन सबमे ये बांटेंगे।”


मैंने कहा, “आज तुझे मज़ा नही आया क्या।”


”बहुत मज़ा आया मम्मी, लेकिन मैंने अपने दोस्त को देखा था वहाँ जाकर उसने जब सारी चीजें उन बच्चों के साथ शेयर की तो उसका मज़ा, उनके चेहरे की खुशी देख कर मुझे बहुत अच्छा लगा। इसीलिए मैं भी अगले साल से वहीं मनाऊंगा मम्मी अपना जन्मदिन।”


हम सब उसका चेहरा देखते रह गए।

मुझे लगा मेरा बेटा कितना बड़ा हो गया आज।


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